अपने किरदारों से ​नेगेटिव दिखने वाले ​आशीष विद्यार्थी असल ​जिंदगी में करते हैं यह काम

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Ashish-Vidyarthi-Biography

बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री में भले ही इस दौर में कमर्शियल सिनेमा दिन-ब-दिन हावी होता जा रहा है, लेकिन इसके बावजूद यहां समाज के संवेदनशील मुद्दों पर भी फिल्में बन रही हैं। ये फिल्में समाज को आइना दिखाने का काम करती है और चकाचौंध से परे होती हैं। इन फिल्मों के दम पर कई सितारों ने अपनी अलग छाप छोड़ी और नाम कमाने में भी कामयाब रहे हैं। ये कलाकर फिल्मों के साथ ही थिएटर के माध्यम से समाज के महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाते रहे हैं। इन्हीं में से एक नाम है आशीष विद्यार्थी का। 19 जून को अभिनेता आशीष विद्यार्थी अपना 60वां जन्मदिन मनाएंगे। इस ख़ास मौके पर जानिए उनके जीवन से जुड़ी कुछ अनसुनी बातें…

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केरल में जन्मे तथा दिल्ली में हुई शिक्षा-दीक्षा

आशीष विद्यार्थी का जन्म 19 जून, 1962 को केरल राज्य के कन्नूर में हुआ था। इनकी मां रेवा विद्यार्थी मशहूर कथक डांसर और पिता गोविंद विद्यार्थी प्रसिद्ध थिएटर आर्टिस्ट थे। आशीष ने अपनी ​स्कूल शिक्षा की शुरुआत नई दिल्ली के हैली रोड स्थित शिव निकेतन स्कूल से कीं। इसके बाद इन्होंने नई दिल्ली में ही कस्तूरबा गांधी मार्ग ​स्थित भारतीय विद्या भवन ज्वॉइन कर लिया। वर्ष 1983 में आशीष ने दिल्ली के हिंदू कॉलेज में इतिहास विषय को पढ़ा। यहीं से उनमें थिएटर के प्रति लगाव पैदा हुआ और एक थिएटर ग्रुप ‘संभव’ ज्वॉइन कर लिया। इस ग्रुप का संचालन राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) के पास आउट आर्टिस्ट करते थे।

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NSD से सीखीं एक्टिंग की बारीकियां, नेशनल अवॉर्ड से हुई शुरुआत

अभिनेता आशीष विद्यार्थी ने वर्ष 1990 तक राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय में एक्टिंग की बारीकियां सीखीं। इस दौरान वह एन.के शर्मा द्वारा संचालित थिएटर ग्रुप ‘एक्ट वन’ से जुड़े रहे। वर्ष 1992 में वह मुंबई पहुंच गए। उनके कॅरियर की पहली फिल्म सरदार वल्लभ भाई के जीवन पर आधारित ‘सरदार’थी, जिसमें आशीष ने वी.पी. मेनन का किरदार निभाया। गोविंद निहलानी की फिल्म ‘द्रोहकाल’ उनकी रिलीज पहली फिल्म थी, जिसमें में उनके अभिनय को हमेशा याद किया जाता रहा है। इस फिल्म में निभाए किरदार के लिए आशीष को सन् 1995 में बेस्ट सपोर्टिंग रोल के लिए नेशनल अवॉर्ड मिला था। इस तरह आशीष विद्यार्थी के कॅरियर की शुरुआत नेशनल अवॉर्ड के साथ हुई।

आशीष विद्यार्थी को फिल्म ‘1942: ए लव स्टोरी’ में निभाए किरदार के लिए भी जाना जाता है। इस किरदार ने उनको बहुत प्रसिद्धि दिलाई। वर्ष 1996 में आशीष को फिल्म ‘रात की सुबह नहीं’ में निभाए नेगेटिव रोल के लिए बेस्ट एक्टर स्टार स्क्रीन अवॉर्ड भी मिला। उनका एक नाटक ‘दयाशंकर’ भी उनके शुरुआती दिनों में लोगों के बीच बहुत प्रसिद्ध हुआ। फिल्मों के साथ-साथ थिएटर में निभाए सशक्त किरदारों ने इन्हें लोगों के बीच एक संजीदा एक्टर बनाया। आशीष ने बॉलीवुड के साथ ही साउथ, बंगाली, ओड़िया और मराठी फिल्मों में भी काम किया है।

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मोटिवेशनल स्पीकर का काम भी करते हैं आशीष

200 से ज्यादा फिल्मों में काम कर चुके आशीष विद्यार्थी एक्टर होने के साथ एक मोटिवेशनल स्पीकर भी हैं। वह लगातार सेशन लेते हैं और लोगों को मोटिवेट करते हैं। वे अपने नाम से वेबसाइट चलाते हैं, जिसमें उनके कई स्पीच उपलब्ध करवाए जाते हैं।

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अभिनेता आशीष विद्यार्थी ने बंगाली सिनेमा की पॉपुलर एक्ट्रेस रही शकुंतला बरुआ की बेटी राजोशी बरुआ से शादी की। उनकी पत्नी राजोशी भी टीवी एक्ट्रेस हैं। उनसे एक बेटा अर्थ विद्यार्थी है।

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