बदल गया जम्मू-कश्मीर का इतिहास, जानिए उपराज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू और आरके माथुर के बारे में

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31 अक्टूबर 2019 ये तारीख इतिहास में दर्ज हो चुकी है। आजाद भारत के 70 साल के इतिहास में ये दिन याद रखा जाएगा। 31 अक्टूबर को जम्मू—कश्मीर और लदृाख दो अलग-अलग राज्य बन गए। इसी के साथ राज्य में संसद के बने कई कानून लागू हो सकेंगे। इसके तहत जम्मू-कश्मीर में विधानसभा होगी और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश है।


गिरीश चंद्र मुर्मू बने केन्द्र शासित राज्य के पहले उपराज्यपाल

जम्मू-कश्मीर आज से केंद्र शासित प्रदेश बन गया है। गुजरात कैडर के IAS अफसर रहे गिरीश चंद्र मुर्मू ने गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के पहले उपराज्यपाल के तौर पर शपथ ली। गिरीश चंद्र मुर्मू को जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस गीता मित्तल ने LG पद की शपथ दिलवाई।

गिरीश चंद्र मुर्मू से पहले आरके माथुर ने लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश के पहले उपराज्यपाल के तौर पर शपथ ली। अनुच्छेद 370 हटने के बाद दोनों राज्यों में संसद से पास होने वाले कानून सीधे तौर पर लागू होंगे। इन दोनों राज्यों में काफी अंतर होगा। हालांकि, दोनों राज्यों में काफी अंतर रहेगा. एक तरफ जम्मू-कश्मीर विधानसभा वाला केंद्र शासित प्रदेश होगा, वहीं लद्दाख में विधानसभा नहीं होगी।

कौन हैं जम्मू-कश्मीर के पहले उपराज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू

जम्मू-कश्मीर के पहले उपराज्यपाल बनने वाले गिरीश चंद्र मुर्मू का जन्म 21 नवंबर 1959 को ओडिशा में हुआ था। उन्होंने ओडिशा के उत्कल यूनिवर्सिटी से पॉलिटिकल साइं​स में मास्टर्स की डिग्री हासिल की। उसके बाद मुर्मू ने बर्मिंघम यूनिवर्सिटी से एमबीए की भी डिग्री ली। वह 1985 बैच के गुजरात कैडर के आईएएस अफसर हैं। गिरीश चंद्र मुर्मू प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भरोसेमंद अफसरों में से एक समझे जाते हैं। गिरीश मुर्मू नरेन्द्र मोदी के प्रमुख सचिव भी रहे हैं, जब वो गुजरात के मुख्यमंत्री थे। इससे पहले मुर्मू वित्त मंत्रालय में व्यय सचिव की कार्यभार संभाल रहे थे। व्यय सचिव होने से पहले वह रेवेन्यू डिपार्टमेंट में स्पेशल सेक्रेटरी थे।


कौन हैं लद्दाख के नए उपराज्यपाल आरके माथुर

केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के पहले उपराज्यपाल राधाकृष्ण माथुर 1977 बैच के रिटायर्ड आईएएस अफसर हैं। त्रिपुरा कैडर के राधाकृष्ण माथुर नवंबर 2018 तक देश के मुख्य सूचना आयुक्त रहे। इससे पूर्व 25 मई 2013 से दो साल तक वह रक्षा सचिव रह चुके हैं। त्रिपुरा में तैनाती के दौरान वह राज्य के मुख्य सचिव भी रहे थे। वह सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय में सचिव भी रह चुके हैं। उन्होंने आईआईटी कानपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग और आईआईटी दिल्ली से इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग में मास्टर्स की पढ़ाई की है।

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