भारत में अंडर-17 फुटबॉल वर्ल्डकप से पहले हर कस्बे-शहर में गर्ल्स लीग कराएगी सरकार

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U-17 Football World Cup

केन्द्रीय खेल मंत्री किरण रिजिजू देश में खेल क्रांति के लिए प्रयासरत हैं। सरकार प्रतिभाशाली युवाओं को स्पोर्ट्स में कॅरियर बनाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। इसके तहत भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) देशभर में पहली बार लड़कियों को फुटबॉल खिलाने के लिए ख़ास अभियान शुरू करने जा रह रहा है। अब भारत के कस्बों और शहरों की बेटियां भी फुटबॉल खेलती दिखेंगी। साई यह काम अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ के साथ मिलकर करेगा। दरअसल, यह सारी कवायद अगले साल नवंबर में भारत में होने जा रहे गर्ल्स अंडर-17 फुटबॉल वर्ल्ड कप के लिए हो रही है।

U-17 Football World Cup

साई के प्लान में कई अन्य गेम्स भी शामिल

अगर बात करें साई के प्लांस की तो वह जल्द ही ‘खेलाे इंडिया’ गर्ल्स लीग शुरू करने जा रहा है। इसमें टेबल टेनिस, बैडमिंटन, बाॅक्सिंग, फुटबॉल समेत 10 से 12 खेलों को शामिल किया गया है। ये लीग सिर्फ लड़कियों के लिए ही शुरु की जानी है। इसके तहत सबसे पहले फुटबाॅल की लीग शुरू होगी। इसमें अंडर-17 से शुरुआत होगी। इसके बाद अंडर-13, अंडर-15 को भी इसमें शामिल किया जाएगा।

एक लीग में कुल 16 टीमें खेलेंगी। हर जगह साल में करीब 30 से 40 मैच कराने का टारगेट तय है। हर शहर में कम से कम 16 टीमें तैयार की जाएंगी और फिर इनके बीच मैच खेले जाएंगे। इसके बाद नेशनल टीम बनने का सफ़र शुरू होगा। केन्द्र सरकार और साई का गर्ल्स लीग शुरू करने का मकसद यह है कि देश में लड़कियों को हर तरह के खेलों से जोड़ा जाए ताकि वे राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को गर्व करा सकें।

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ट्रेनिंग, तकनीकी और आर्थिक मदद करेगा भारतीय खेल प्राधिकरण

इन लीग के आयोजन के लिए साई तकनीकी और आर्थिक रूप से मदद भी करेगा, साथ ही खिलाड़ियों को प्रशिक्षण की सुविधा उपलब्ध कराएगा। किसी टीम का अपना मैदान होगा तो साई वहां सुविधाएं मुहैया कराएगा। टीमों को स्थानीय स्तर पर प्रायोजक शामिल करने की छूट होगी। भारतीय खेल प्राधिकरण ने बेटियों का पढ़ाई का नुकसान न हो, इसका भी ध्यान रखा है।लीग के मुकाबले शनिवार और रविवार को होंगे। साथ ही अगर इन दिनों के अलावा बीच में छुट्टियां पड़ती हैं, तो उनमें भी मैच कराए जा सकते हैं।

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