केंद्र के लगातार निर्देशों के बावजूद 80 फीसदी राज्य नहीं बढ़ा रहे कोरोना जांच

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देश में जहां एक बार फिर से कोरोना वायरस महामारी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं, वहीं केंद्र सरकार के लगातार निर्देशों के बावजूद राज्य ​संक्रमण की जांच करने में सक्रियता नहीं दिखा रहे हैं। केंद्र सरकार की रिपोर्ट के मुताबिक, आरटी-पीसीआर जांच में राज्य सरकारों की कंजूसी से कोरोना वायरस के प्रसार को तेजी मिली है। देश में अब भी 80 फीसदी राज्यों में 70 फीसदी से अधिक आरटी-पीसीआर जांच नहीं हो रही है। विधानसभा चुनाव के बाद से बिहार राज्य में वायरस के बेकाबू होने के बावजूद वहां एंटीजन टेस्ट ही किए जा रहे हैं। बता दें कि बिहार आरटी-पीसीआर जांच में सबसे फिसड्डी राज्य बना हुआ है।

70 फीसदी से ज्यादा आरटी-पीसीआर जांच करने की हिदायत

जानकारी के अनुसार, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से राज्यों को 10 से ज्यादा बैठकों में 70 फीसदी से ज्यादा आरटी-पीसीआर जांच करने की हिदायत दी गई है। लेकिन दिल्ली, पुडुचेरी, चंडीगढ़ और जम्मू-कश्मीर को छोड़ बाकी राज्य इस पर अमल नहीं कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश में ही 44.26 फीसदी जांचें आरटी-पीसीआर से और 55 फीसदी से अधिक जांचें एंटीजन किट्स के जरिए हो रही है। पिछड़ रहे राज्यों में बिहार के साथ तेलंगाना भी शामिल है। तेलंगाना में अब तक 15.50 फीसदी और बिहार में 16.35 फीसदी जांचें ही आरटी-पीसीआर तकनीक से हुई हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि आरटी-पीसीआर जांच से संक्रमित की न सिर्फ सही पहचान हो सकती है, बल्कि संक्रमण के स्रोत का पता भी चल सकता है। इसी वजह से मंत्रालय ने हिदायत दी थी कि एंटीजन टेस्ट में संक्रमित पाए जाने पर RT-PCR जांच जरूरी है।

26 फरवरी के बाद से संक्रमित और मौतें बढ़ रही

आपको जानकारी के लिए बता दें कि गत 26 फरवरी के बाद से रोजाना संक्रमितों और मौतों का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। देश में प्रतिदिन मिलने वाले मरीजों की संख्या आठ हजार से बढ़कर अब 72 हजार तक पहुंच चुकी है, लेकिन कोरोना वायरस की जांच का आंकड़ा 9 से बढ़कर ग्यारह लाख तक ही पहुंच पाया है। पिछले एक महीने में हर दिन होने वाली जांच में दो लाख की बढ़ोतरी हुई है। इसका परिणाम है कि कोरोना संक्रमण की दर छह फीसदी के नजदीक पहुंच चुकी है।

ऐसी है राज्यों में आरटी-पीसीआर जांचों की स्थिति

अगर राज्यों की आरटी-पीसीआर जांचों की स्थिति के बारे में बात करें तो तेलंगाना में 15.50 फीसदी, बिहार 16.35, ओड़िशा 17.73, गुजरात 23.89, अरुणाचल प्रदेश 25.27, मेघालय 27.68, असम 28.19, छत्तीसगढ़ 32.79, अंडमान निकोबार 34.70, केरल 36.90, झारखंड 36.50, मणिपुर 37.01, त्रिपुरा 37.44, मिजोरम 39.47 और उत्तर प्रदेश में 44.26 फीसदी सैंपल की जांच आरटी-पीसीआर के जरिए हुई है। वहीं, दिल्ली में 46.04 फीसदी, जम्मू-कश्मीर 46.14, चंडीगढ़ 49.63 और पांडिचेरी में 49.97 फीसदी सैंपल की जांच आरटी-पीसीआर के जरिए हुई है।

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