2019 के बजट में आम जन को क्या मिला, जानिए यहां!

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मोदी 2.0 का पहला बजट 5 जुलाई को जारी हुआ। निर्मला सीतारमण बतौर वित्त मंत्री ने अपना पहला बजट पेश किया। भारत के इतिहास में बजट पेश करने वाली निर्मला सीतारमण दूसरी महिला बन चुकी हैं। बहुत कुछ इस बजट में बदला भी है।

पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वित्त वर्ष 2019-20 के बजट प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण से पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को केंद्रीय बजट की प्रति भी सौंपी। इसके अलावा ऐतिहासिक रूप से चली आ रही एक परंपरा को भी खत्म किया गया। निर्मला सीतारमण ने ब्रीफकेस की जगह बजट के लिए लाल रंग के एक फोल्डर का इस्तेमाल किया। इससे पहले बजट पेश करने वाली पहली महिला थीं इंदिरा गांधी।

400 करोड़ रुपये से अधिक टर्नओवर वाली कंपनियों के लिए टैक्स 25%

सरकार ने 25% कॉरपोरेट टैक्स को अब 400 करोड़ रूपए सालाना वाली कंपनियों तक बढ़ा दिया है। इसमें कॉरपोरेट भारत की 99.3 प्रतिशत कंपनियां आएंगी जिससे उनके मुनाफे में बढ़ोतरी होगी।

स्टार्टअप के लिए मूल्यांकन और ई वेरिफिकेशन पर कोई टैक्स जांच नहीं: इससे अनिश्चितता को दूर करने और बोझ को कम करने और स्टार्टअप को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।

एयर इंडिया का विनिवेश

2019-20 का केन्द्रीय बजट पेश करते हुए वित्तमंत्री का कहना था कि सरकार ने 2019-20 के दौरान 1,05,000 करोड़ रुपये का विनिवेश लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके अलावा एयर इंडिया के रणनीतिक विनिवेश की प्रक्रिया फिर से शुरू किया जाएगा और सरकार निजी क्षेत्र द्वारा सहभागिता के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों का प्रस्ताव देगी।

विदेशी पोर्टफोलियो के लिए सरकार के बॉन्ड में निवेश

टैक्स-फ्री बॉन्ड की पेशकश से कारोबारियों को उम्मीद है कि इंफ्रास्ट्रक्चर में खर्च बढ़ाने और राजकोषीय घाटे को नियंत्रण में रखने के लिए ऐसा किया जा सकता है। इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए लॉन्ग टर्म फाइनेंसिंग की जरूरत होती है। इससे रुपये की हालत सुधर सकती है।

इन्फास्ट्रक्चर पर 100 लाख करोड़ रुपये का खर्च लेकिन पैसे कहां हैं?

सरकार ने पांच वर्षों में 100 लाख करोड़ रुपये के बुनियादी ढांचे के खर्च का प्रस्ताव किया है। इसके लिए फंड जुटाना बड़ी चुनौती होगी।

आवास वित्त क्षेत्र के विनियमन प्राधिकरण को आर.बी.आई. कंट्रोल करेगी

सरकार ने ऐलान किया कि लोन देने वाली कंपनियों को अब सीधा RBI कंट्रोल करेगी.

पीएसबी में 70,000 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश

सरकार ने इस साल सरकारी स्वामित्व वाले बैंकों में 70,000 करोड़ रुपये के पूंजी निवेश का प्रस्ताव किया है। भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार खराब लोन चक्र के साथ यह बैंकों को इस वित्तीय वर्ष में अधिक लोन देने में मदद करेगा।

इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए प्रोत्साहन

सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से अपनाने के लिए 10,000 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं और इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए प्रोत्साहन की घोषणा की है। यह निर्माण के लिए निवेश को आकर्षित करने और समय के साथ स्वच्छ ऊर्जा सुनिश्चित करने में मदद करेगा।

बैंक खाते से एक करोड़ रुपये से अधिक की निकासी पर दो प्रतिशत की दर से टीडीएस लगाया जाएगा। वहीं पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी 1 रुपया बढ़ाया गया है। सोने पर ड्यूटी 10 से 12.5 फीसदी हो जाएगा। 45 लाख के घर पर अब 3.5 लाख रुपये ब्याज में छूट दी जाएगी। 5 करोड़ से ऊपर सालाना आय वालों पर अब 7 फीसदी और 2 से 5 करोड़ की सालाना आय वालों पर 3 फीसदी और सरचार्ज लिया जाएगा। वहीं सालाना 5 लाख रुपये से कम आय वालों को कोई इनकम टैक्स नहीं देना पड़ेगा।

प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना को अपनाने वाले कामगारों को 60 साल की आयु के बाद 3,000 रुपये मासिक पेंशन की सुविधा उपलब्ध होगी। किराए के मकानों के कानून को ठीक किया जाएगा।

आगे सीतारमण ने कहा है कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तीसरे चरण में 80,250 करोड़ रूपये की अनुमानित लागत से 1,25000 किलोमीटर सड़कें बनाई जाएंगी। प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत 2019-20 से 2021-22 तक पात्रता रखने वाले लाभार्थियों को 1.95 करोड़ मकान दिए जाएंगे। इनमें रसोई गैस, बिजली एवं शौचालयों जैसी सुविधाएं भी होंगी।

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