कौन है IPS अधिकारी राजीव कुमार जिनके लिए राज्य की मुख्यमंत्री आधी रात को धरने पर बैठ गई

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बीते रविवार को पश्चिम बंगाल में कोलकाता पुलिस और सीबीआई के बीच हाई-वोल्टेज ड्रामा हुआ जिसके बाद पूरे दिन सूबे की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और सीबीआई मीडिया में छाए रहे। इस पूरे नाटकीय खेल में एक और शख्स है जिनकी हर तरफ चर्चा हो रही है। जी हां, कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार। राजीव कुमार कौन है उनके बारे में जानने से पहले हमें मामले को समझना जरूरी है।

दरअसल सीबीआई की एक टीम चिटफंड घोटाले मामले में कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार के घर रविवार को छापा मारने पहुंची। बिना इजाजत का हवाला देते हुए सीबीआई की टीम को कोलकाता पुलिस ने घर के बाहर ही रोक दिया। थोड़ी देर बाद गहमागहमी बढ़ी और सीबीआई अधिकारियों और पुलिसकर्मियों के बीच हाथापाई में बदल गई। पुलिस सीबीआई अधिकारियों को थाने ले गई हालांकि कुछ घंटों बाद उन्हें छोड़ भी दिया गया।

इधर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कमिश्नर राजीव कुमार के समर्थन धरना शुरू कर दिया, ऐसे में अब यह मामला ममता बनर्जी बनाम सीबीआई हो गया। लेकिन वो पुलिस अधिकारी है कौन जिसके लिए राज्य की मुख्यमंत्री खुद धरने पर बैठी है, आइए जानते हैं ?

राजीव कुमार 1989 बैच के यूपी कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं। पिता उत्तर प्रदेश के चंदौसी में एक कॉलेज में प्रोफेसर पद पर कार्यरत हैं। पूरा परिवार फिलहाल चंदौसी में ही रहता है। एसएम कॉलेज से पढ़ाई करने के बाद आईएएस की परीक्षा में सफलता हासिल की।

आईपीएस अधिकारी बनने के बाद राजीव पश्चिम बंगाल आए और वर्तमान में पश्चिम बंगाल पुलिस में कोलकाता कमिश्नर के पद पर हैं।

कहा जाता है कि पुलिस अधिकारियों में राजीव कुमार सीएम ममता बनर्जी के काफी करीबी हैं। जिस घोटाले में पूरा ड्रामा हुआ 2013 के उस शारदा चिटफंड घोटाले में राजीव कुमार ही राज्य सरकार की एसआईटी के प्रमुख रहे थे।

राजीव कुमार पर शारदा चिटफंड घोटाले में गड़बड़ियों के आरोप हैं। ऐसे आरोप हैं कि एसआईटी जांच के दौरान राजीव ने चिटफंड घोटाले में रुपये लेने वाले नेताओं के नाम वाली डायरी बरामद की थी। कुमार पर इसी डायरी को गायब करने के आरोप हैं।

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