क्या है “सियोल पीस प्राइज” जिसके लिए 1300 लोगों में से प्रधानमंत्री मोदी को चुना गया

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके दक्षिण कोरिया दौरे के आखिरी दिन “सियोल शांति पुरस्कार” से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान पाने वाले नरेंद्र मोदी पहले भारतीय हैं। ऐसे में आइए आपको बताते हैं क्यों दिया जाता है यह पुरस्कार और अब तक किसको नवाजा जा चुका है।

मोदी को क्यों मिला यह पुरस्कार ?

सियोल पुरस्कार समिति इस पुरस्कार के लिए पैरामीटर तय करती है। मोदी का भारतीय और वैश्विक अर्थव्यवस्था की दिशा में योगदान, अमीर-गरीब के बीच सामाजिक और आर्थिक विषमता को दूर करने के लिए उनकी चलाई गई पहल को देखते हुए यह सम्मान दिया गया है।

वहीं भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी, मानव विकास में सुधार और भारत के लोकतंत्र को मजबूती देने के लिए किए गए प्रयासों को देखते हुए सियोल समिति ने मोदी का नाम चुना।

1300 नामों में से मोदी का चयन

इस अवार्ड के लिए हर बार नॉमिनेशन की प्रक्रिया होती है जिसके लिए इस बार 1300 नाम आए थे। सेलेक्शन कमेटी ने 1300 नामों में से 150 को चुना फिर मोदी के नाम पर ‘द परफेक्ट कैंडिडेट फॉर द 2018 सियोल पीस प्राइज’ की मुहर लगा दी।

“सियोल शांति पुरस्कार” क्यों दिया जाने लगा ?

1990 में सियोल शांति पुरस्कार की शुरूआत हुई जब साउथ कोरिया में हुए 24वें समर ओलपिंक के समापन समारोह में 160 देश एक जगह मिले। इस दिन दुनिया भर के लोगों ने एक मंच साझा किया और तभी से साउथ कोरिया की राजधानी ‘सियोल’ के नाम पर दिया जाने लगा। यह खिताब 2 साल में दिया जाता है। पुरस्कार देने के पीछे अमन-चैन, एकजुटता, आपसी सहयोग का पैगाम दिया जाता है।

कौन हो सकते हैं नॉमिनेट

इस सम्मान के लिए सिनेमा, खेल, राजनीति, विज्ञान से लेकर शिक्षा तक के सभी क्षेत्रों से लोगों को चुना जाता है। अवॉर्ड जीतने वाले को एक सर्टिफिकेट के साथ इनाम राशि के तौर पर 200,000 अमेरिकी डॉलर दिए जाते हैं।

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