फिर छलका शहीद की पत्नी का दर्द, भारत में प्लेन क्रेश का अनुपात क्यों बढ़ रहा है?

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किसी अपने को खोने का दर्द वही जान सकता है, जो उस दौर से गुजरा हो। ऐसे में यदि कोई अपना सिस्टम की ग​लतियों के कारण मौत के करीब पहुंच जाए तो दुख और बढ़ जाता है। ऐसा ही कुछ इन दिनों स्कवाड्रन लीडर समीर अबरोल और स्कवाड्रन लीडर सिद्धार्थ नेगी के परिवार वालों के साथ हो रहा है। दरसअल पिछले दिनों बेंगलुरु में वार प्लेन मिराज क्रेश हो गया था और इसमें सवार दोनों पायलट की मृत्यु हो गई थी। इस हादसे से परेशान समीर की प​त्नी गरिमा ने एक इमोशनल मैसेज शेयर किया है। इसमें उन्होंने लिखा है कि आउटडेटेड प्लेन के कारण हमारे जाबांज मारे जाते हैं। बताया जा रहा है कि समीर ने इस हादसे के दौरान बचने की कोशिश की थी लेेकिन उनका पैराशूट जल गया था और इस कारण वे खुद को बचा नहीं सके थे।


खैर, गरिमा के दर्द को बयां कर पाना मुश्किल है लेकिन एक बार फिर यह सवाल उठ रहा है कि क्यों भारत में वॉर प्लेन के क्रेश होने के हादसे होते रहते हैं। या यूं कहें कि क्रेश होने की खबरें अब रूटीन में शामिल हो गई हैं। आइए इन हादसों के पीछे की खामियों के बारे में जानने की कोशिश करते हैं…।

mig 21 crash at Jodhpur

1. पुराने विमानों का इस्तेमाल एक सबसे बड़ा कारण उभरकर सामने आता है। कई विशेषज्ञ इन हादसों के बाद इस बात पर नाराज़गी ज़ाहिर कर चुके हैं कि हमारे यहा आउटडेटेड प्लेन यूज किए जा रहे हैं। जिनकी मेंटिनेंस सही तरीके से नहीं होती है।

2. दूसरा सबसे बड़ा कारण तकनीकी खा​मी को बताया जाता है। सही रूप से तकनीकी समस्याओं का निराकरण ना होना अकिधकतर हादसों की मुख्य वजह रहा है।

3. इन हादसों का विश्लेषण करने वाले कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि हमारी वॉर प्लेन बनाने की तकनीक अप टू दि मार्क नहीं है, जिससे कई खामियां रह जाती हैं और भविष्य में यही बात परेशानी का सबब बनती है।

4. पायलट की नासमझी, इसे भी विशेषज्ञों ने इन हादसों का एक अहम कारण माना है। जैसे मिग 21 की लैंडिंग स्पीड 400किमी प्रति घंटा होती हैं। ऐसे में पायलट के उपर कई बातें निर्भर करती हैं। कई बार पायलट का अतिउत्साह भी दुर्घटना के लिए जिम्मेदार होता है।

5. बर्ड हिट के कारण भी कई बार हादसे होते हैं।

6. मौसम की खराबी


दुनिया भर में कुछ यूं है प्रतिशत

दुनिया भर के विमान हादसों की बात करें तो एयर मार्शल ला फोंटेन की अध्यता वाली कमिटी ने कुछ प्रमुख कारणों का प्रतिशत बताया है। जिसके अनुसार, पायलट की कमी के कारण — 42 प्रतिशत, बर्ड हिट के कारण — 7 प्रतिशत, मेंटिनेंस और टेक्निकल इश्यु के कारण — 44 प्रतिशत हादसे होते हैं

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