यह वजह है क्रिकेट खिलाड़ी द्वारा सफेद क्रीम के इस्तेमाल के पीछे, जानिए

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अक्सर आपने क्रिकेट के मैदान पर खिलाड़ियों के चेहरे पर सफेद क्रीम लगाकर ख्रेलते हुए देखा होगा। क्या कभी सोचा आपने ये खिलाड़ी ऐसा क्यों करते हैं। क्रिकेट मैच दो पारियों में खेला जाता है, अन्य खेलों के मुकाबले काफी लम्बे समय तक और खुले मैदान पर खेला जाता है। ऐसे में खिलाड़ियों को अपने स्वास्थ्य की देखभाल करना बेहद जरूरी होता है। गर्मी के दिनों में तेज धूप तो, सर्दी के दिनों में कड़ाके की ठंड़ खिलाड़ी के शरीर के लिए कई समस्याएं खड़ी करती हैं। ऐसे में खेलते समय वे अपने बचाव में कई प्रकार के प्रयोग करते रहते हैं।

जिस सफेद क्रीम का इस्तेमाल अधिकतर क्रिकेट खिलाड़ी करते हैं वह जिंक ऑक्साइड युक्त होता है। इसे त्वचा के ऊपर लगाया जाता है क्योंकि यह एक प्रकार की प्राकृतिक सन स्क्रीन है, जिसे अक्सर परावर्तक के रूप के तौर पर इस्तेमाल किया जाता हैैै। यह त्वचा पर एक सुरक्षा परत बनाती है जो सूर्य से आने वाली हानिकारक किरणों से त्वचा को सुरक्षा प्रदान करने में मदद करता है। वहीं सामान्य व्यक्तियों द्वारा प्रतिदिन जो सन स्क्रीन लगाई जाती है, वह रसायन युक्त होती है और सूर्य की हानिकारक किरणों की अवशोषक होती है।

क्रिकेट खिलाड़ियों को जिंक ऑक्साइड सन स्क्रीन का इस्तेमाल इसलिए भी करना पड़ता है क्योंकि उन्हें छह से सात घंटों तक धूप में गुजारने पड़ते हैं। इतने लंबे समय तक धूप में खड़े रहने से उनकी त्वचा को नुकसान पहुंच सकता है। ऐसे में जिंक ऑक्साइड का इस्तेमाल उनकी त्वचा को होने वाली क्षति से बचाता है। यह त्वचा को जलन और सूजन से भी बचाने में मदद करता है। साथ ही यह त्वचा पर किसी प्रकार की खुजली की समस्या को भी पनपने नहीं देता है।

सनस्क्रीन का इस्तेमाल

ज्यादातर क्रिकेट खिलाड़ी जिंक ऑक्साइड युक्त सन स्क्रीन का इस्तेमाल करते हैं वे इसे सिर, चेहरे, गर्दन के पीछे या अपने हाथों पर लगाते हैं, क्योंकि यही हमारे शरीर के सबसे अधिक खुले हुए भाग होते हैं जिन्हें सूरज की किरणें सीधे प्रभावित करती है। इस क्रीम को सिर और चेहरे पर लगाना पहली प्राथमिकता होनी चाहिए।

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