वित्त मंत्रालय के कर्मचारी दिन-रात एक कर ऐसे बनाते हैं बजट, छावनी बन जाता है नॉर्थ ब्लॉक !

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लोकसभा में इन दिनों मानसून सत्र चल रहा है और आने वाली 5 जुलाई को देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मोदी सरकार 2.0 का पहला केंद्रीय बजट पेश करेंगी। बजट से पहले हर कोई सरकार से टैक्स स्लैब में राहत और आर्थिक सुधारों की उम्मीद लगाए बैठा है।

देश के बजट से हर नागरिक जुड़ा हुआ है। कुछ लोग बजट से पहले उसकी हर एक बारीकियां जानने के इच्छुक होते हैं, ऐसे में आज हम आपकी सारी जिज्ञासाएं शांत करेंगे और देंगे हर उस सवाल का जवाब जो बजट से जुड़ा हुआ है। आइए जानते हैं।

बजट से पहले सभी मंत्रालय भेजते हैं अपना ब्यौरा

बजट बनाने का काम वित्त मंत्रालय करता है लेकिन इससे पहले सरकार के सभी विभाग और मंत्रालय अपना ब्यौरा वित्त मंत्रालय भेजते हैं। इस ब्यौरे में आने वाले साल के लिए खर्च, बचत और सभी तरह की योजनाओं की लागत की पूरी जानकारी होती है।

चलता है मीटिंग्स का एक लंबा दौर

बजट बनाने की प्रक्रिया आसान नहीं होती है। बजट बनाने से पहले आर्थिक मामलों का विभाग और देश का राजस्व विभाग देश के उद्योग प्रतिनिधियों से मीटिंग करते हैं। देश से आए सभी सुझावों पर चर्चा होती है। इसके अलावा कई मीटिंग प्रधानमंत्री के साथ भी की जाती है।

वित्त मंत्रालय के कर्मचारी भूल जाते हैं दिन और रात में फर्क !

देश का वित्त मंत्रालय सरकारी विभागों के नॉर्थ ब्लॉक से ऑपरेट किया जाता है, जहां वित्त मंत्रालय के सभी अधिकारी, विशेषज्ञ जमा होते हैं। बजट जारी होने से 7 दिन पहले मंत्रालय के कर्मचारी दिन-रात एक कर काम करते हैं।

नॉर्थ ब्‍लॉक बन जाता है छावनी

बजट निर्माण की प्रक्रिया पूरी सुरक्षा व्यवस्था में चलती है। नॉर्थ ब्लॉक को छावनी में बदल दिया जाता है। संयुक्त सचिव खुद इंटेलिजेंस ब्यूरो के अधिकारियों के साथ मिलकर वित्त मंत्रालय के हर कर्मचारी पर नजर रखने वाली टीम बनाते हैं।

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