मिलिए बॉलीवुड की इन रियल लाइफ मां-बेटी की जोड़ियों से

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रियल लाइफ की इन मां ने न केवल बॉलीवुड में अपना सफल और पुरस्कृत कॅरियर बनाया साथ ही अपनी बेटियों को भी बॉलीवुड में करियर बनाने की प्रेरणा दी। कभी सिने पर्दे पर मां-बेटी की जोड़ी ने धमाल मचाया। कभी टेलीविजन में एक साथ दिखाई दी तो कभी रैंप पर एक साथ वॉक करती नजर आईं। जहां भी नजर आईँ इन मां-बेटी की जोड़ी ने लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा। कुछ ऐसी ही बॉलीवुड की रियल लाइफ मां बेटी की जोड़ियों की लिस्ट लेकर आए है जो बॉलीवुड में काफी चर्चित है।

तनुजा-काजोल-तनिषा मुखर्जी

दो फिल्मफेयर अवॉर्ड जीतने वाली हिंदी सिनेमा की दिग्गज अदाकारा तनुजा को ‘बहारें फिर भी आएंगी’ (1966), ‘ज्वेल थीफ’ (1967), ‘हाथी मेरे साथी’ (1971), और ‘अनुभव’ (1971) में अपनी भूमिकाओं के लिए जाना जाता है।

तनुजा की बेटिया काजोल और तनिषा भी बॉलीवुड में अपनी फिल्मों के जरिए जानी जाती है। काजोल अपने दौर की टॉप अभिनेत्रियों में शामिल थी। काजोल ने ‘बाजीगर’ (1993), ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ (1995), ‘कुछ कुछ होता है’ (1998), और ‘माई नेम इज खान’ (2010) जैसी फिल्मों से शोहरत मिली।
वहीं बात करें तनुजा की छोटी बेटी की तो तनिषा फिल्म इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाने में असफल साबित इंडस्ट्री में तनिषा की किस्मत काम नहीं करती थी।

शर्मिला टैगोर-सोहा अली खान

शर्मिला टैगोर भारतीय फिल्म उद्योग में सुंदरता और बेहतरीन अभिनय का प्रतीक रही हैं। हालांकि उनकी बेटी सोहा को बॉलीवुड में उतनी सफलता नहीं मिली है, लेकिन अपनी चुनिंदा भूमिकाओं के साथ, वह अपने लिए एक खास जगह बनाने में कामयाब रही हैं।

टैगोर ने अपने कॅरियर की शुरुआत सत्यजीत रे की 1959 में आई बंगाली फिल्म ‘अपुर संसार’ से किया। उनकी उल्लेखनीय फिल्में “कश्मीर की कली” (1964), ‘एन इवनिंग इन पेरिस'(1967), ‘आराधना’ (1969) और ‘अमर प्रेम'(1972) हैं। सोहा ‘खोया खोया चाँद’ (2007), ‘तुम मिले’ (2009) जैसी फिल्मों में दिखाई दीं।

सारिका-अक्षरा हसन-श्रुति हसन

अभिनेता कमल हासन और सारिका ठाकुर की बेटी और अभिनेत्री श्रुति हासन की छोटी बहन, अक्षरा ने कॉमेडी-ड्रामा ‘शमिताभ’ (2015) से अपनी फिल्मी सफर की शुरुआत की। वहीं उन्होंने ‘विवेगम’ (2017) में तमिल सिनेमा में डेब्यू किया।

अपने बेबाक अंदाज के लिए मशहूर सारिका ने अभिनेता कमल हासन से शादी के बाद अभिनय कॅरियर छोड़ दिया और उनसे अलग होने के बाद फिल्मों में कमबैक किया। श्रुति हसन सारिका और कमल की बड़ी बेटी है। श्रुति मुख्य रूप से तमिल, तेलुगु और हिंदी फिल्मों में काम करती हैं।

पूनम सिन्हा-सोनाक्षी सिन्हा

सोनाक्षी सिन्हा अपनी माँ, पूनम सिन्हा के बहुत करीब हैं। सोनाक्षी का कहना है कि उनकी मां उनकी सबसे बड़ी आलोचक हैं क्योंकि वो सोनाक्षी को बेहतर बनाना चाहती हैं।

पूनम सिन्हा एक भारतीय अभिनेत्री हैं, जिन्होंने अपने शुरुआती कॅरियर में हिंदी सिनेमा में काम किया। अभिनेता शत्रुघ्न और पूनम की बेटी, सोनाक्षी ने अपने शुरुआती कॅरियर में कॉस्ट्यूम डिजाइनर के रूप में काम किया। बॉलीवुड में सोनाक्षी ने सलमान खान के साथ फिल्म ‘दबंग’ से बॉलीवुड में डेब्यू किया।

लिलेट दुबे और ईरा दुबे

लिलेट दुबे थिएटर, टीवी पर और फिल्मों में एक जाना पहचाना चेहरा रही हैं। उनकी बेटी इरा ने उनके नक्शेकदम पर चलते हुए थिएटर और फिल्मों में काम कर रही हैं। इस माँ-बेटी की जोड़ी ने करीब 6 बार स्क्रीन साझा की है।

हेमा मालिनी-ईशा देओल-आहना

हेमा मालिनी, बॉलीवुड की ‘ड्रीमगर्ल’, दो खूबसूरत बेटियों, ईशा और अहाना की माँ हैं। बड़ी बेटी ईशा ने बॉलीवुड में अपना हाथ आजमाया मगर कुछ खास कमाल नहीं दिखा सकीं। अहाना फिल्मी दुनिया से दूर रहीं।

70 के दशक के दौरान हेमा मालिनी बॉलीवुड की ड्रीमगर्ल’ के रुप में पहचान बनाने में कामयाब रहीं। 80 के दशक में, हेमा मालिनी ने खुद को बॉलीवुड में एक अग्रणी अभिनेत्री के रूप में स्थापित कर लिया।

उनकी बेटी ईशा ‘LOC कारगिल’ (2003), ‘युवा’ (2004), ‘धूम’ (2004), ‘इन्सान’ (2005), ‘काल’ (2005) जैसी कुछ सफल फिल्मों में दिखाई दी।

डिंपल कपाड़िया-ट्विंकल खन्ना

बॉलीवुड की नीली आंखों वाली लड़की, डिंपल कपाड़िया दो बेटियों – ट्विंकल खन्ना और रिंकी खन्ना की माँ हैं।डिंपल ने बॉलीवुड में 16 साल की उम्र में अपने सिने सफर की शुरुआत की थी। राज कपूर की फिल्म ‘बॉबी’ (1973) में अपनी दमदार भूमिका से वे दर्शकों के बीच खासी लोकप्रिय हो गई।

वहीं डिंपल की बड़ी बेटी ट्विंकल भी अपने दौर की सफल अभिनेत्री रहीं है। फिलहाल वह एक सफल लेखिका हैं और उन्होंने तीन किताबें लिखी हैं। स्टाइलिश माँ और बेटी को अक्सर कई इवेट्स पर एक साथ देखा जाता है।

बबीता कपूर-करिश्मा-करीना कपूर

शादी के बाद अपने फिल्मी कॅरियर को छोड़ने वाली भव्य बबिता ने बॉलीवुड को दो सबसे प्रतिभाशाली और खूबसूरत अभिनेत्रियां उनकी बेटियां, करिश्मा और करीना दीं।

1966 से 1973 तक, बबीता ने उन्नीस फिल्मों में लीड एक्ट्रेस के रूप में अभिनय किया। उनकी बेटियां, करिश्मा और करीना, जो अपने दौर में समान रूप से सफल रही हैं, बेहद प्रतिभाशाली अभिनेत्रियां हैं।

करिश्मा को उनकी फिल्मों ‘राजा हिंदुस्तानी’ (1998) और ‘दिल तो पागल है’ (1997) के लिए सबसे ज्यादा जाना जाता है।

वहीं करीना आज बॉलीवुड की टॉप एक्ट्रेस में शुमार हैं। करीना को ‘जब वी मेट’ (2007), ‘बजरंगी भाईजान’ (2015), ‘3 इडियट्स’ (2009), ‘बॉडीगार्ड’ (2011) और ‘वीरे दी वेडिंग’ (2018) कुछ सर्वश्रेष्ठ फिल्में हैं।

अर्पणा सेन-कोंकणा सेन

अपर्णा सेन सालों से बंगाली सिनेमा का प्रमुख हिस्सा रही हैं। उनकी बेटी कोंकणा इंडस्ट्री की सबसे बेहतरीन अभिनेत्रियों में से एक है जो विभिन्न भूमिकाओं को बेहतरीन रुप से पर्दे पर निभाती हैं।

1960 और 1970 के दशक की मशहूर अभिनेत्री अपर्णा ने अब फिल्म निर्माण और पटकथा लेखन में हाथ आजमा रही हैं।

वहीं कोंकणा को ‘मिस्टर एंड मिसेज अय्यर’ (2002), ‘पेज 3’ (2005), ‘ओमकारा’, ‘लाइफ इन ए मेट्रो’ (2007) और ‘वेक अप सिड’ ( 2007), और ‘लिपस्टिक अंडर माय बुर्का'(2017), जैसी दमदार और बेहतरीन फिल्मों के लिए जानी जाती हैं।

मुनमुन सेन-रिया सेन-राइमा सेन

भव्य बंगाली सुंदरी और प्रसिद्ध अभिनेत्री सुचित्रा सेन की बेटी मूनमून सेन, दो प्यारी बेटियों राइमा और रिया की माँ हैं। मून मून सेन ने कई बंगाली, हिंदी, तमिल, तेलुगु, मलयालम, मराठी और कन्नड़ फिल्मों में अभिनय किया है।

घर में फिल्मी माहौल होने के कारण रिया और राइमा ने भी फिल्मों की तरफ रुख कर लिया। उन्होंने कई बंगाली और हिंदी फिल्मों में काम किया है। खासतौर पर राइमा ने अपने काम के माध्यम से समीक्षकों की तारीफें भी बटौरी हैं।

अमृता सिंह- सारा अली खान

1980 के दशक में अभिनेत्री अमृता सिंह ने बॉलीवुड पर राज किया। उनकी बेटी, सारा अली खान अपने पिता सैफ अली खान की दूसरी शादी के बाद से सुर्खियों में रही। अमृता और सैफ की बेटी सारा ने फिल्म केदारनाथ से बॉलीवुड में दस्तक दे दी है। सारा की फिल्में अब तक सफल साबित हुई हैं।

अमृता ने प्रमुख भूमिकाएँ निभाने के अलावा, ‘राजू बन गया जेंटलमैन’ (1992) और ‘आना’ (1993) जैसी फ़िल्मों में नकारात्मक भूमिकाएँ भी निभाईं।

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