मैदान के भीतर और बाहर खुद को चैंपियन साबित करने वाले युवराज सिंह का प्रेरणास्पद रहा है करियर

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टीम इंडिया के स्टार ऑलराउंडर युवराज सिंह ने सोमवार को अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया। मीडिया प्रेस कॉन्फ्रेंस कर युवराज ने क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास की बात साझा की। टीम इंडिया को 2-2 वर्ल्ड कप जीताने वाले युवराज सिंह मीडिया के सामने यह कहते हुए भावुक हो गए कि ’19 साल का करियर आज खत्म हो गया है। इस दौरान उन्होंने अपने फैंस का शुक्रिया अदा किया, साथ ही ये भी बताया कि अब वह क्या करेंगे। युवराज सिंह ने क्रिकेट का मैदान हो या बाहरी ज़िंदगी में आया कैंसर रूपी तूफान हो, इन मुश़्किलातों का हर मोर्चे पर डटकर सामना किया और खुद को साबित कर दिखाया। चैंपियन युवराज की कहानी देश और विदेश के करोड़ों युवाओं के लिए प्रेरणास्पद है।

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2011 का वर्ल्ड कप जीताने में महत्वपूर्ण भूमिका रही

आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप 2011 में दूसरी बार चैंपियन बनी टीम इंडिया की जीत में अहम भूमिका निभाने वाले युवराज सिंह अब अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के किसी भी फॉर्मेट में खेलते नहीं दिखेंगे। अपने रिटायरमेंट के इस फैसले पर युवराज ने कहा कि ‘सफलता भी नहीं मिल रही थी और टीम में आने के मौके भी नहीं मिल रहे थे।’ उल्लेखनीय है कि युवराज सिंह ने 2011 के वर्ल्ड कप में 9 मैच खेलते हुए 362 रन बनाए और साथ ही बेहतरीन गेंदबाजी करते हुए 15 विकेट चटकाए थे।

अपने इस शानदार प्रदर्शन की बदौलत वह उस वर्ल्ड कप में ‘प्लेयर ऑफ द सीरीज’ भी चुने गए थे। बता दें, इसी वर्ल्ड कप के दौरान युवराज एक खतरनाक कैंसर की बीमारी से जूझ रहे थे लेकिन उन्हें इस टूर्नामेंट के बाद अपनी इस बीमारी के बारे में पता चल पाया। युवराज को ‘मीडियास्टिनल सेमिनोमा’ नाम का दुर्लभ कैंसर हुआ था। उन्होंने न सिर्फ इससे लड़ाई लड़ी बल्कि जीतकर क्रिकेट के मैदान पर जोरदार वापसी भी की।

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जिस डॉ. रोहतगी का शुक्रिया अदा किया उन्होंने कैंसर में की मदद

युवराज सिंह ने अपने रिटायरमेंट की घोषणा के लिए आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में डॉक्टर नितेश रोहतगी का शुक्रिया अदा किया। युवराज को जब कैंसर का पता चला था तब दिल्ली के मैक्स केयर सेंटर के डॉक्टर नितेश रोहतगी ने हमेशा साथ उनका दिया। डॉ. नितेश ने युवराज के संन्यास पर बताया कि किस तरह उन्होंने ने कैंसर से जंग लड़ी।डॉ. नितेश कहते हैं कि जब मुझे पता चला कि युवराज को इस तरह का कैंसर है, तो मुझे नहीं लगा था कि वे इसके बाद क्रिकेट में वापसी कर पाएंगे। लेकिन उनसे पहली मुलाकात ने ही मेरी आशंका को खत्म कर दिया।

पहली मुलाकात में वे बेहद सामान्य होकर अपने कैंसर के बारे में चीजें पूछ रहे थे। इस दौरान युवराज के चेहरे पर न कोई शिकन थी, न कोई घबराहट और न ही किसी तरह की चिंता। डॉ. नितेश ने कहा कि हमारी पहली मीटिंग दो से तीन घंटे चली थी। इस मीटिंग में वे इस दृढ़ संकल्प के साथ बैठे थे कि उन्हें जल्द से जल्द क्रिकेट के मैदान में वापसी करनी है। यही देखकर मुझे लग गया था कि वे बहुत जल्द क्रिकेट के मैदान पर वापसी करेंगे।

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दोस्ताना स्वभाव से कैंसर को हराने में मदद मिली

डॉ. नितेश कहते हैं कि कैंसर के इलाज के दौरान एक चीज जिसने युवराज सिंह की सबसे ज्यादा मदद की, वह उनका दोस्ताना स्वभाव था। वे जहां भी होते थे, अपना एक ग्रुप बना लेते थे और बस किस्से, कहानियों का दौर शुरू हो जाता था। पूरे टाइम हंसी-मजाक और मस्ती ही उनका स्वभाव था। बहुत से दोस्त थे, बहुत से लोग उन्हें चाहते थे, प्यार करते थे। यही बातें उन्हें कैंसर से लड़ने में मददगार साबित हुईं। उनमें एक और खास बात थी, वह है सच को स्वीकार करना। वह वास्तव में जो चीजें हैं उसे स्वीकार करते थे और फिर उसका सामना करने के लिए खड़े हो जाते थे।

इलाज के दौरान युवी को तकलीफ में तो कई बार देखा। लेकिन उन्हें मायूस या रोते हुए कभी नहीं देखा। शायद यही बड़ा कारण था कि उन्होंने कैंसर जैसी बीमारी को सकारात्मक सोच के साथ आसानी से हरा दिया। उन्हें पता था कि वे इस रोग से उबरेंगे और फिर क्रिकेट खेलेंगे, इसलिए मायूसी कभी उन्हें छू नहीं पाई। इलाज के दौरान युवराज सिंह का ज्यादातर समय दोस्तों के साथ लंबी बातचीत करने, टेबल टेनिस खेलने और टीवी पर कॉमेडी शो देखने में बीतता था। लेकिन यहां भी वे सबसे ज्यादा समय क्रिकेट को देते थे। वह क्रिकेट को बहुत मिस करते थे। आधे से ज्यादा टाइम वे टीवी पर क्रिकेट मैच ही देख रहे होते थे।

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कैंसर का पता लगा तो आसमान से जमीन पर आ गिरा

युवराज सिंह ने कहा था कि 2011 का वर्ल्ड कप जीतना, मैन ऑफ द सीरीज बनना और चार मैन ऑफ द मैच अवॉर्ड मिलना मेरे लिए किसी बड़े सपने की तरह था। लेकिन इस दौरान मुझे कैंसर हो गया। यह मेरे लिए आसमान से जमीन पर आने जैसा था। यह सब कुछ तेजी से हुआ और यह तब हुआ जब मैं अपने करियर के सबसे अच्छे दौर में था। उस वक्त मेरा परिवार, मेरे फैन्स मेरे साथ थे। मेरे परिवार ने मेरी हिम्मत बढ़ाई। कैंसर से जंग जीतने में मदद करने के लिए मैं डॉक्टर नितेश रोहतगी और अमरीका के डॉक्टर लॉरेंस का शुक्रिया अदा करता हूं। कैंसर की लड़ाई जीतने बाद मुझे दूसरी चीजों पर फोकस करने का मौका मिला। मैंने कैंसर पीड़ितों की मदद के लिए ‘यू वी कैन’ नाम से एक फाउंडेशन शुरू किया।

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फ्लिंटॉफ ने युवराज को चिढ़ाने की गलती की तो इंग्लैंड को भुगतना पड़ा

वैसे तो ऑलराउंडर युवराज सिंह ने अपने पूरे कॅरियर के दौरान कई यादगार पारियां खेली, कई बार ऑलराउंड प्रदर्शन किया तो कई बार अपनी गेंदबाजी से मैच जिताए। लेकिन टी-20 वर्ल्ड कप के उस मुकाबले को आज भी याद किया जाता है, जिसमें इंग्लैंड के ऑलराउंडर एंड्रयू फ्लिंटॉफ ने युवराज को चिढ़ाने की गलती की थी। उसका खमियाजा अगले ओवर में तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड को भुगतना पड़ा। भारतीय पारी के आखिरी ओवर में युवराज ने छह गेंदों पर लगातार छह छक्के लगाते हुए नया इतिहास रच दिया।

युवराज ने इस मैच में मात्र 12 गेंदों पर अपनी हाफ सेंचुरी पूरी की। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ खेले गए सेमीफाइनल मैच में युवराज ने 30 गेंदों पर 70 रनों की यादगार पारी खेली। युवराज सिंह और मोहम्मद कैफ के आने के बाद से टीम इंडिया के क्षेत्ररक्षण में जबरदस्त सुधार हुआ। ये दोनों अपनी शानदार फील्डिंग से टीम इंडिया के लिए कई रन बचाते थे।

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कई साथी खिलाड़ियों ने नहीं दी बधाई, करेंगे बड़े खुलासे

स्टार युवराज सिंह के रिटायरमेंट की ख़बर इंग्लैंड में विश्व कप खेल रही टीम इंडिया तक भी पहुंच चुकी है। 15 सदस्यीय भारतीय टीम से सिर्फ 10 खिलाड़ियों ने ही उन्हें ट्विटर के जरिए सोमवार रात तक बधाई भेजी थी। कोच रवि शास्त्री ने भी ट्विटर पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। उनके अलावा पूर्व कप्तान व टीम इंडिया के विकेटकीपर महेन्द्र सिंह धोनी, रवीन्द्र जडेजा, दिनेश कार्तिक, विजय शंकर और कुलदीप यादव ने भी ट्विटर के जरिए बधाई संदेश नहीं भेजा है।

युवराज सिंह ने पीसी में कहा, ‘मैंने बीसीसीआई से कहा कि मुझे विदाई मैच नहीं चाहिए, यो-यो टेस्ट पास नहीं हुआ तो मैं चुपचाप घर चला जाऊंगा। यो-यो टेस्ट मैंने पास किया और इसके बाद चीजें मेरे हाथ में नहीं थीं।’ बता दें, भारत टीम में जगह बनाने के लिए अब इस टेस्ट को पास करना जरूरी है। लेकिन जब युवराज से इस मुद्दे पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि इस बारे में बात करने के लिए भविष्य में काफी समय है। उन्होंने कहा, ‘मुझे यकीन है कि इस बारे में बात करने के लिए मेरे पास अब काफी समय होगा, मुझे काफी कुछ कहना है। मैं अभी कुछ नहीं कर रहा क्योंकि भारत विश्वकप खेल रहा है और मैं खिलाड़ियों को लेकर विवाद नहीं चाहता।’

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