सुप्रीम कोर्ट ने आरे कॉलोनी में पेड़ कटाई पर लगाई रोक, इसकी नींव पूर्व पीएम नेहरू ने रखी

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आज के समय में जितना जरूरी विकास है, उससे कहीं अधिक जरूरी पर्यावरण संरक्षण है। यही कुछ संघर्ष देखने को मिल रहा है महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में, जहां पर आरे कॉलोनी में 2,500 से अधिक पेड़ की कटाई राज्य सरकार के लिए सिरदर्दी बनी हुई है। वहीं छात्रों की ओर से दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फौरी तौर पर अगली सुनवाई तक रोक लगा दी है। यही नहीं महाराष्ट्र सरकार से इस पर रिपोर्ट भी मांगी है और 21 अक्टूबर तक वहां पर यथास्थिति बनी रहेगी।

महाराष्ट्र में मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए आरे कॉलोनी में पेड़ों की कटाई को लेकर लोग जोरदार विरोध कर रहे हैं। हालांकि इस मुद्दे पर बॉम्बे हाईकोर्ट, एनजीटी की ओर से हरी झण्डी मिल चुकी थी। लेकिन उसके बाद जब पेड़ों को काटा गया तो लोगों ने पर्यावरणीय दृष्टि से इसका विरोध किया। लोगों के विरोध के बाद यहां पर पुलिस ने कड़ी कार्रवाही की और कई लोगों को गिरफ्तार कर लिया।

यह था पूरा मामला

मुंबई के आरे कॉलोनी में मेट्रो कार शेड बनाना है। जिसके लिए आरे के जंगल के लगभग 2,700 पेड़ की कटाई की जानी थी। जब लोगों को मालूम पड़ा तो लोग सड़कों पर उतर कर आए और इसका विरोध करने लगे। इस मुद्दे पर ‘सेव आरे’ प्रोटेस्ट चल रहा है, साथ ही लोगों द्वारा इन पेड़ों को बचाने के लिए सोशल मीडिया पर कैंपेन चलाए जा रहे हैं।

बॉम्बे हाईकोर्ट और एनजीटी से मिल चुकी थी मंजूरी

मुंबई में मेट्रो प्रोजेक्ट-3 के विस्तार के लिए आरे कॉलोनी में पेड़ों की कटाई के लिए उसे एनजीटी और बॉम्बे हाईकोर्ट से अनुमति मिली थी उसके बाद ही पेड़ों की कटाई के लिए कदम उठाए गए।

बता दें कि इससे पहले पर्यावरण संरक्षण संगठन वनशक्ति और आरे बचाओं समूह की अगुवाई में इस मामले को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में उठाया गया। इस पर एनजीटी की पुणे बेंच ने दिसंबर, 2016 में निर्माण न कराने का आदेश दिया था। लेकिन बाद में वन विभाग ने आरे कॉलोनी क्षेत्र को जंगल मानने से इंकार कर दिया। इस पर बाद में एनजीटी ने उस इलाके में केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र वाली जमीन को छोड़कर राज्य की भूमि पर निर्माण को ‘ग्रीन सिग्नल’ दे दिया।

बॉम्बे हाईकोर्ट ने भी इन्हें जंगल नहीं माना। जिसके बाद पेड़ों की कटाई का काम शुरू हो गया।

पूर्व प्रधानमंत्री नेहरू ने रखी थी नींव

देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू ने वर्ष 1951 में मुंबई में पौधारोपण कर डेयरी उद्योग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आरे मिल्क कॉलोनी की नींव रखी। इस दौरान लोगों ने इस इलाके में इतने पेड़ लगाए कि इसका विस्तार 3166 एकड़ में फैल गया और कुछ ही समय में ही यह जंगल की तरह लगने लगा।

इस कॉलोनी में मुंबई के कई इलाके आते हैं। जिनमें साई, फिल्म सिटी, रॉयल पॉल्म, आरे, पहाड़ी गोरेगांव, पसपोली जैसे प्रसिद्ध इलाके शामिल है। इस क्षेत्र में कई फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है।

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