हिंदी फिल्मों में जब भी विलेन की बात होती है तो गब्बर सिंह का नाम सबसे पहले लिया जाता है। ‘कितने आदमी थे’ फिल्म शोले का यह कालजयी डायलॉग आज भी लोगों के बीच ज़िंदा है। इन सब के पीछे सिर्फ एक ही नाम था और वो है अभिनेता अमजद खान। उनका अंदाज और स्टाइल सबसे जुदा था। अमजद ने जो भी रोल किया, उसको अपनी अदाकारी से जीवंत कर दिया। इसलिए उनके निभाए किरदार आज भी लोगों की जुबां पर छाए रहते हैं। 27 जुलाई को बॉलीवुड अभिनेता अमजद खान की 31वीं डेथ एनिवर्सरी है। इस अवसर पर जानिए उनके जीवन के बारे में कुछ अनसुनी बातें..
पेशावर में हुआ अमजद खान का जन्म
बॉलीवुड एक्टर अमजद खान का जन्म 12 नवंबर, 1940 को भारत के पेशावर (अब पाकिस्तान) में हुआ था। उन्हें कला विरासत में मिली थीं। अमजद के पिता जयंत हिंदी फिल्मों के काफी चर्चित खलनायक रहे। उन्होंने अपने अभिनय करियर की शुरुआत बतौर बाल कलाकार वर्ष 1957 में फिल्म ‘अब दिल्ली दूर नहीं’ से कीं। वहीं, फिल्म ‘पत्थर के सनम’ के जरिए अमजद ने बतौर अभिनेता बॉलीवुड में एंट्री ली।
‘गब्बर सिंह’ के किरदार से बदल गया जीवन
अभिनेता अमजद खान द्वारा निभाया गया ‘गब्बर सिंह’ का किरदार आज भी अमर है। लेकिन क्या आपको पता है अमजद को यह रोल मिलने की कहानी बेहद दिलचस्प है। फिल्म ‘शोले’ के लिए पहले यह किरदार डैनी डेंजोंगप्पा को ऑफर हुआ, लेकिन उनके नहीं आने के कारण बाद में अमजद को इस किरदार के लिए अप्रोच किया गया। हालांकि, फिल्म के लेखक जावेद अख्तर इस किरदार के लिए अमजद को लेकर शुरू से राजी नहीं थे, क्योंकि अमजद की आवाज़ उनको पसंद नहीं थीं। आगे चलकर उस आवाज़ ने ही फिल्म के डायलॉग्स में जान फूंक दी।
चाय के बेहद शौकीन रहे, ‘बिग बी’ के थे बेस्ट फ्रेंड
बॉलीवुड अभिनेता अमजद खान और सुपरस्टार अमिताभ बच्चन के बीच काफी गहरी दोस्ती हुआ करती थी। अमजद, अमिताभ को SHORTY कहकर बुलाते थे, तो वहीं बिग बी उन्हें BROAD कहकर पुकारते थे। अमजद के बारे में यह भी कहा जाता है कि वो चाय के बेहद शौकीन थे। शूटिंग के दौरान अभिनेता सेट पर कितने ही चाय के कप खाली कर देते थे।
एक घटना ने सबकुछ बदलकर रख दिया
एक कलाकार के तौर पर अमजद खान के पास सबकुछ था। रुपया-पैसा, रुतबा, प्यार और बच्चे। करियर में भी वे लगातार सफलता की सीढ़ियां चढ़ रहे थे। लेकिन वर्ष 1976 की एक घटना ने उनका सबकुछ बदल दिया। अमजद फिल्म ‘द ग्रेट गैंबलर’ की शूटिंग के लिए जा रहे थे। अमजद खान जैसे ही मुंबई-गोवा हाईवे पर पहुंचे तो उनका दर्दनाक एक्सीडेंट हो गया। इस एक्सीडेंट में उनके एक फेफड़े में छेद हो गया और पसलियां टूट गईं। गंभीर चोटों की वजह से अमजद लगभग कोमा में ही पहुंच गए थे, हालांकि, धीरे-धीरे वो ठीक भी हो गए।
लेकिन इलाज के दौरान अमजद को जो दवाईयां दी गईं, उनकी वजह से उनका वजन फिर लगातार बढ़ता ही चला गया। इसकी वजह से उन्हें और भी कई परेशानियों ने घेर लिया। इस कारण अमजद खान काफी परेशान रहने लगे। 27 जुलाई, 1992 को हार्ट फेल हो जाने के कारण उनका महज़ 51 साल की उम्र में निधन हो गया।
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