राहुल गांधी को हवा में उड़ने की बजाय यहां संभलने की जरूरत है!

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Raul-Gandhi

राहुल गांधी फिलहाल हवा में हैं। बहुत से लोगों को मानना है कि वे कांग्रेस को रिइनवेंट करने में कुछ हद तक सफल भी हुए हैं। मान भी लिया जाए तो फिलहाल का एटिट्यूड कुछ और ही बयां करता है। वे खुश दिखाई दे रहे हैं एक अलग ही एनर्जी के साथ सत्ता धारी बीजेपी पर सवाल खड़े करते हैं।

विपक्ष की जगह होती भी शायद यही है। लेकिन शायद राहुल गांधी चौड़ में आकर बहुत बड़ी गलती कर रहे हैं। राहुल गांधी को काफी तारीफें मिलीं जब उन्होंने महिला कांग्रेस की अध्यक्ष के तौर पर ट्रांसजेंडर अप्सरा रेड्डी को नियुक्त किया गया। लेकिन राहुल गांधी के प्रोग्रेसिव नेचर में हिपोक्रेसी दिख ही गई।
दरअसल राफेल मामले में संसद में बहस चल रही थीं।

रक्षमंत्री सीता रमण ने सवाल जवाब का सिलसिला चला रखा था। लेकिन राहुल गांधी ने जयपुर में जाकर ये कहा “जनता की अदालत से 56 इंच की छाती वाला चौकीदार भाग गया। और एक महिला से जाकर कहता है, सीतारमन जी आप मेरी रक्षा कीजिए। मैं अपनी रक्षा नहीं कर पाउंगा, आप मेरी रक्षा कीजिए और आपने देखा ढाई घंटे महिला रक्षा नहीं कर पाईं”

इससे राहुल गांधी क्या दिखाना चाहते हैं। कुछ लोगों को इसमें शायद कुछ गलत नहीं भी लगे। लगे यही लाइनें आज के समाज की सच्चाई दिखाती हैं जिसमें अक्सर कहा जाता है” औरत के पल्लू में जाकर छिप गया” राहुल गांधी को शायद पता नहीं है कि वे क्या कह गए। पुरूष प्रधान मानसिकता का उदहारण पेश करके निकले हैं। यहां रुक भी जाते तो कैसे?

बाद में ट्वीट करके कहते हैं कि हमारे कल्चर में औरतों की इज्जत की शुरूआत घर से होती है। आगे लिखते हैं “स्टॉप शेकिंग बी अ मेन”

“बी अ मेन” एक मर्द बनो! राहुल गांधी क्यों चाहते हैं कि नरेन्द्र मोदी “मर्द” बनें। क्या सीता रमण एक महिला होने के नाते बहस भी नहीं कर सकती हैं? क्या मर्द होने के बाद भी कोई इंसान किसी सवाल का जवाब दे सकता है? यहां “मर्द” का मतलब क्या है? क्यों हर बार पुरूष को महिला से ज्यादा ताकतवर माना जाता है?

राहुल गांधी का ये बयान महिला विरोधी ही है। राहुल गांधी भूल रहे हैं कि एक बड़ी संख्या में लोग आए दिन भाजपा के नेताओं द्वारा दिए जाने वाले महिला विरोधी कमेंट्स से परेशान हैं। खुद नरेन्द्र मोदी को भी विरोध का सामना करना पड़ा जहां वे कुछ महिला विरोधी लोगों को ट्वीटर पर फोलो किए हुए थे।
पार्टियों की आपसी लड़ाई में क्यों महिलाओं को घसीटा जाता है।

मायावती को कुरूप कहा जाता है, सोनिया गांधी को बार गर्ल कहा जाता है, सुनंदा पुष्कर पचास करोड़ की गर्लफ्रेंड हो जाती हैं। क्यों नेता समानता पर हमेशा वार करते दिखाई देते हैं? खुद प्रधानमंत्री मोदी ने सोनिया गांधी को कांग्रेस की विधवा कहा था। नेशनल कमीशन ऑफ विमेन ने राहुल गांधी को नोटिस भेजा है और इस बात को महिला विरोधी करार दिया है।

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