प्रांजल पाटिल देश की पहली दृष्टिहीन महिला आईएएस बनी, पढ़िए उन्होंने कैसे पास की सिविल परीक्षा…

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प्रांजल पाटिल ने भारत की पहली दृष्टिहीन महिला आईएएस अधिकारी के रूप में केरल की राजधानी तिरुवंनतपुरम में उप-कलेक्टर के रूप में पदभार संभाला। पूर्व कलेक्टर बी गोपालकृष्णन ने प्रांजल का गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। उन्होंने यहां कार्यभार संभालने से पहले वर्ष 2018 में एर्नाकुलम में सहायक कलेक्टर के रूप में कार्य किया।

पहले ही प्रयास में यूपीएससी परीक्षा उत्तीर्ण की

प्रांजल ने वर्ष 2016 में यूपीएससी द्वारा ली जाने वाली परीक्षा उत्तीर्ण की, जिसमें उन्हें 773वीं रैंक प्राप्त हुई थी। अगले वर्ष 2017 में उसने सिविल सेवा परीक्षा में 124वीं रैंक हासिल की।

उन्होंने पदभार ग्रहण करते हुए कहा कि ‘मैं यह कार्यभार संभालने के बाद बेहद खुश और गौरवान्वित महसूस कर रही हूं। मैंने काम करना शुरू कर दिया है, मैं इसके बारे में अधिक जान सकूंगी और इसके लिए बेहतर योजना बना सकूंगी। मुझे अपने साथी सदस्यों और त्रिवेंद्रम के लोगों से समर्थन और सहयोग की उम्मीद है।’

बचपन से ही खो दी थी आंखों की रोशनी, पर हिम्मत नहीं हारी

महाराष्ट्र के उल्हासनगर की रहने वाली प्रांजल पाटिल ने छह साल की उम्र में अपनी आंखों की रोशनी खो दी थी। हालांकि, उन्होंने उम्मीद नहीं खोई और अपनी पढ़ाई जारी रखी। उन्होंने राजनीति विज्ञान में स्नातक सेंट जेवियर कॉलेज से किया। बाद में दिल्ली आकर उसने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय से अंतरराष्ट्रीय संबंधों में मास्टर की डिग्री हासिल की।

जब वह स्नातक में अध्ययनरत थी तब ही उसे यूपीएससी की जानकारी मिली थी। उसी समय उन्होंने ठान लिया था कि उन्हें इस परीक्षा को उत्तीर्ण कर एक बड़ा अधिकारी बनना है। बस इसी धुन का जिंदा रखा और अपनी पहली कोशिश में उसने यूपीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण की।

बता दें कि उनकी इस तैयारी में एक सॉफ्टवेयर जॉब ऐक्सेस विद स्पीच ने उनका सहयोग किया, जिसके कारण वह यूपीएससी की परीक्षा में सफल रही।

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