अक्टूबर में सबसे ज्यादा बेरोजगार हुए भारत के लोग, यहां पढ़िए चौंकाने वाले आकंड़े

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देश में बेरोजगारी की दर बढ़ रही है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) द्वारा जारी बेरोजगारी के आंकड़ों के अनुसार अक्टूबर महीने में बेरोजगारी की दर 8.5 फीसदी रही है, जो अगस्त, 2016 के बाद का सबसे उच्चतम स्तर है। यह इस वर्ष सितंबर माह में 7.2 फीसदी थी।

अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर सस्टेनेबल एंप्लायमेंट द्वारा जारी एक अध्ययन में दावा किया गया है कि पिछले छह वर्षों में लोगों को रोजगार मिलने की दर में काफी कमी दर्ज की गई है। वर्ष 2011-12 से लेकर वर्ष 2017-18 के मध्य में 90 लाख लोगों को अपनी नौकरी गंवानी पड़ी। भारत के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है।

इन राज्यों की स्थिति है बेहद खराब

सीएमआईई के आंकड़ों के अनुसार, देश के तीन राज्यों में रोजगार की स्थिति बेहद खराब हुई है। रिपोर्ट के अनुसार इनमें त्रिपुरा, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश शामिल हैं। इन राज्यों के लोगों को नौकरियां आसानी से नहीं मिल पा रही है। सर्वाधिक बेरोजगारी दर त्रिपुरा में 23.3 फीसदी दर्ज की गई है।

सीएमआईई के एमडी और सीईओ महेश व्यास के अनुसार देश के शहरी और ग्रामीण इलाकों में बेरोजगारी की दर लगातार बढ़ रही है। यह दर शहरी इलाकों के अधिक है। ऑटो सेक्टर समेत कई सेक्टर में मंदी का दौर होने की वजह से यह हालत देखने को मिल रही है। टैक्सटाइल, चाय, एफएमसीजी, रियल एस्टेट जैसे सेक्टर में मंदी आई है।

हर साल लाखों लोगों का छिन रहा रोजगार

इस रिपोर्ट के मुताबिक देश में पिछले वर्ष 40.6 करोड़ लोग रोजगारशुदा थे, वहीं इस वर्ष फरवरी माह में यह आंकड़ा 40 करोड़ पर आ गया। इस प्रकार से वर्ष 2018 और 2019 के बीच लगभग 60 लाख लोग बेरोजगार हो गए।

इस वर्ष मई माह में जारी रिपोर्ट में दर्शाया गया था कि शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारों की संख्या 7.8 फीसदी रही, वहीं ग्रामीण इलाकों में यह 5.3 फीसदी रही थी। रिपोर्ट में बेरोजगारी के कारणों पर फोकस करते हुए कहा गया था कि नोटबंदी के चलते नई नौकरियों के सृजन में कमी आ रही है, जो अभी संभली नहीं है।

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