दिल्ली हाई कोर्ट का फैसला, दवाइयों की ऑनलाइन बिक्री पर लगा प्रतिबंध

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दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार, 12 दिसंबर को भारत भर में ई-फार्मासिस्टों द्वारा दवाइयों की ऑनलाइन बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है।

दिल्ली स्थित त्वचा विशेषज्ञ जहीर अहमद ने पीआईएल दायर करने के बाद आदेश पारित किया था। पीआईएल ने कहा कि उचित नियमों के बिना रोज़ाना लाखों दवाएं बेची जा रही हैं।

पीआईएल ने यह भी बताया कि ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940 और फार्मेसी एक्ट, 1948 के तहत दवाइयों की ऑनलाइन बिक्री की अनुमति नहीं है।

पीआईएल के मुताबिक, तीन साल पहले 2015 में ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने सभी राज्य दवा नियंत्रकों को पर्ची के बिना ऑनलाइन बिक्री को रोकने के निर्देश दिए थे।

पीआईएल ने सरकार पर भी सवाल खड़े किए और कहा कि सरकार सार्वजनिक स्वास्थ्य की रक्षा करने की अपनी ज़िम्मेदारी में असफल रही है जो अनुच्छेद 21 के तहत संवैधानिक दायित्व है।

याचिका में यह भी कहा गया है कि ऑनलाइन दवाइयों की अनियमित बिक्री से घटिया दवाएं पैदा होंगी। जिनमें से कुछ में मनोवैज्ञानिक पदार्थ हैं जिनका आपराधिक गतिविधियों के लिए दुरुपयोग किया जा सकता है।

मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन और न्यायमूर्ति वीके राव द्वारा पारित आदेश केंद्र और दिल्ली सरकार को तुरंत लागू करने का निर्देश दिया।

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