ये बड़ी घटनाएं सबूत हैं कि प्रशासन दिल्ली में आग को कंट्रोल करने में हर बार नाकाम रहा है

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दिल्ली के करोलबाग से एक दिल दहला देने वाला हादसा सामने आया। 12 फरवरी को यहां के अर्पित होटल में आग लग गई। जिसमें अब तक 17 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है और संभावना बताई जा रही है कि यह नुकसान और भी बढ़ सकता है। अधिकतर लोगों की मौत दम घुटने से हुई है।

आग लगने की वजह का अभी तक पता नहीं लगाया गया है। दिल्ली सरकार ने पीड़ितों को 5 लाख मुआवजा देने का ऐलान भी कर दिया है। ऐसा पहली बार नहीं है दिल्ली को इतनी भयानक आग का सामना करना पड़ा हो। इससे पहले भी कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं और प्रशासन में हर बार ऐसी घटनाओं के लिए तैयारी की कमी दिखती है।

यहाँ दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में पिछले सालों में आग की ये बड़ी घटनाएं सामने आईं थीं-

7 फरवरी, 2019: नोएडा के मेट्रो अस्पताल और हार्ट इंस्टीट्यूट में मरीजों और कर्मचारियों को आग लगने के बाद बाहर निकालना पड़ा।

30 जनवरी, 2019: दक्षिण पूर्वी दिल्ली के ओखला फेज -1 में एक केमिकल फैक्ट्री में आग लगने से चार लोग घायल हो गए।

19 नवंबर, 2018: मध्य दिल्ली के करोल बाग में एक कारखाने में आग लगने से चार लोग मारे गए और एक व्यक्ति घायल हो गया।

29 मई, 2018: एक बड़े पैमाने पर विस्फोट हुआ और दिल्ली के मालवीय नगर के एक गौदाम में आग लग गई थी।

23 अप्रैल, 2018: शाहदरा के एमएस पार्क में एक बड़ी आग लगने के बाद कम से कम 300 झोंपड़ियां इसकी चपेट में आ गईं थीं। आग में एक लड़की की मौत हो गई थी।

13 अप्रैल, 2018: दिल्ली के कोहाट एन्क्लेव में एक बड़ी आग में दो नाबालिग बच्चों सहित एक परिवार के चार सदस्य मारे गए।

20 जनवरी, 2018: उत्तर-पश्चिमी दिल्ली के बवाना औद्योगिक क्षेत्र में एक पटाखा युनिट में आग लगने से कम से कम 10 महिलाओं और सात पुरुषों की मौत हो गई।

20 नवंबर, 2011: पूर्वी दिल्ली के नंदनगरी में एक सामुदायिक समारोह में आग लगने से चौदह लोगों की मौत हो गई और 30 से अधिक घायल हो गए।

13 जून, 1997: बॉलीवुड फिल्म ‘बॉर्डर’ की स्क्रीनिंग के दौरान उप्पर थिएटर में आग लग गई, जिसमें 59 लोग मारे गए और 100 से अधिक घायल हो गए।

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