अजीम प्रेमजी : 52750 करोड़ रुपये डोनेट कर बन गए हैं भारतीय इतिहास के सबसे बड़े दानवीर

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विप्रो के चेयरमैन अजीम प्रेमजी ने हाल में एक बहुत बड़ा ऐलान कर हर किसी को चौंकाया। अजीम प्रेमजी ने कहा वो आने वाले समय में अपनी संपत्ति से 52,750 करोड़ रुपए और दान करेंगे। यह काम वह अजीम प्रेमजी फाउंडेंशन के जरिए करेंगे।

पिछले काफी समय से प्रेमजी दान करते आए हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि अब अजीम प्रेमजी की कुल दान करने की रकम 1.45 लाख करोड़ रुपए हो गई है।

प्रेमजी दान करने की यह रकम कंपनी विप्रो में उनकी 34 फीसदी हिस्सेदारी से लेंगे। अजीम प्रेमजी ये परोपकार करेंगे। इसके अलावा शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत अजीम प्रेमजी फाउंडेशन पिछले काफी सालों से सरकारी स्कूलों को मदद, यूनिवर्सिटी छात्रों को सब्सिडी देता आया है।

वहीं दुनिया के अरबरपति बिल गेट्स और वॉरेन बफेट के अभियान “द गिविंग प्लेज” में का हिस्सा बनने वाले प्रेमजी भारत की ओर से पहले शख्स हैं जिसमें अरबपति कम से कम अपनी 50 फीसदी दौलत दान कर देते हैं। आइए जानते हैं कैसे शुरू हुआ उनका सफर।

मुंबई के एक गुजराती मुस्लिम परिवार में 24 जुलाई 1945 को पैदा हुए अजीम प्रेमजी इस देश के सबसे धनी व्यक्तियों में शुमार हो चुके हैं। 1999 से 2005 तक अजीम प्रेमजी भारत के सबसे धनी थे। अजीम की पत्नी का नाम यास्मिन और उनके दो बच्चे रिषाद और तारिक हैं।

अजीम प्रेमजी आईटी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी विप्रो लिमिटेड के चेयरमैन पद पर हैं। दुनियाभर में एक लाख तीस हजार कर्मचारियों के साथ विप्रो की 54 देशों में ब्रांच हैं।

कॉलेज के दिनों में ही 1966 में प्रेमजी के पिता का देहांत हो गया जिसके बाद वो आगे पढ़ नहीं पाए। इसके बाद 21 साल की उम्र में ही उनके ऊपर पारिवारिक जिम्मेदारी आ गई और वो घर के कारोबार में घुस गए।

प्रेमजी के पिता की कंपनी वेस्टर्न इंडिया वेजिटेबल प्रोडक्ट कंपनी हाइड्रोजनेटेड वेजिटेबल ऑयल बनाने का काम करती थी। आगे चलकर इसी वेस्टर्न इंडिया वेजिटेबल को प्रेमजी ने विप्रो में बदला। आज विप्रो ने आईटी क्षेत्र में एक मुकाम बना लिया है।

कंपनी के अलावा प्रेमजी शुरू से ही सामाजिक कामों में जुड़े रहे हैं। सामाजिक कामों में उनके योगदान को देखते हुए 2005 में भारत सरकार ने उन्हें पद्म भूषण पुरस्कार दिय।

सामाजिक, आर्थिक मुद्दों पर अपनी राय रखने वाले प्रेमजी राजनीति पर भी बेबाकी से बोलते हैं। देश की आर्थिक हालातों को कोसते हुए एक बार प्रेमजी ने कहा इस देश में नेताओं की कमी है जो आज हम यहां पर हैं। इसके बाद उनके इस बयान की काफी आलोचना हुई।

ऐसा कहा जाता है कि आज भी अजीम प्रेमजी हवाई जहाज में इकोनॉमी क्लास में ट्रेवल करते हैं और लग्जरी होटलों की बजाय कंपनी के गेस्ट हाउस में कमरा लेकर रूकते हैं।

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