MP विधानसभा चुनाव 2018 : क्या उमा भारती का वनवास खत्म होने वाला है ?

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मध्यप्रदेश की राजनीति में भारतीय जनता पार्टी का मजबूत महिला चेहरा माने जाने वाली उमा भारती पिछले लंबे अरसे से राजनीतिक वनवास काट रही है। पिछले पंद्रह साल में चढ़ते-उतरते राजनीतिक ग्राफ के बाद यह माना जा रहा है इस विधानसभा चुनावों में उमा भारती की वापसी हो सकती है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की विरोधी होने का ठप्पा लगने के बाद से उमा को मध्यप्रदेश की राजनीति से दरकिनार कर दिया गया था लेकिन चुनावों में दिन-रात भागती हुई उमा को देखकर इस बार यह कहा जा सकता है कि वो अगले लोकसभा चुनावों में चुनावी मैदान में उतर सकती है।

बात-बात पर रूठ जाती हैं उमा-

उमा भारती के बारे में राजनीतिक समझ रखने वाले जानकार बताते हैं कि वो नाराज बहुत होती हैं। साल 2003 तक तो सब सही था जब मध्यप्रदेश में भाजपा ने उमा के चेहरे को आगे कर कांग्रेस के किले को ढ़हाया था। उमा को मुख्यमंत्री बनाया गया।

कुछ समय बाद आपराधिक मामलों में नाम आने के कारण उनसे इस्तीफा ले लिया गया। इसके बाद उमा तिरंगा यात्रा लेकर भारत में निकली। यात्रा समाप्त कर जब वापस आई तो मध्यप्रदेश की राजनीति में शिवराज सिंह चौहान की एंट्री हो चुकी थी।

उमा भारती को यह पसंद नहीं आया और उन्होंने पार्टी में चौहान का विरोध किया। बगावत की और खुद की पार्टी बनाई। 2008 के विधानसभा चुनावों में अकेली उतरी लेकिन मुंह की खानी पड़ी। पिछले 15 सालों में उमा भारती दो बार बीजेपी से नाराज होकर चली गईं और वापस आ गईं।

उत्तरप्रदेश से शुरू की नई राजनीतिक पारी और बनी कैबिनेट मंत्री-

पिछले 3 विधानसभा चुनावों में खुद को मध्यप्रदेश से दूर रखने वाली उमा भारती ने अपनी नई पारी की शुरूआत उत्तरप्रदेश की चरखारी विधानसभा सीट से की। साल 2014 में झांसी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा और मोदी सरकार के मंत्रिमंडल में जगह बनाई। जल संसाधन और गंगा सफाई मंत्रालय, पेयजल एवं स्वच्छता जैसे मंत्रालय भी संभाले।

मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में हैं इस बार स्टार प्रचारक-

मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में इस बार उमा भारती को ग्राउंड लेवल पर देखकर हर कोई हैरान है। उमा भारती बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश का चुनाव प्रचार कर रही हैं वहीं कई विधानसभा क्षेत्रों का दौरा भी कर रही है।

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