भारत में मिलेगा दुनिया का सबसे स्वच्छ पेट्रोल और डीजल, होंगे ये फायदे

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पर्यावरण प्रदूषण को देखते हुए दुनिया के देशों द्वारा कम प्रदूषण वाली नई तकनीकों को अपनाया जाता है। ऐसे ही अब भारत में पेट्रोल और डीजल पर आधारित नए मानक वाला ईंधन अपनाने की तैयारी में है। भारत में भी अब 1 अप्रैल से दुनिया का सबसे स्वच्छ पेट्रोल और डीजल मिलना शुरू हो जाएगा। सरकारी तेल कंपनियां देश भर में यूरो-6 ग्रेड डीज़ल और पेट्रोल की आपूर्ति करेंगी। देश में यूरो-4 ग्रेड के ईंधन के स्थान पर अब यूरो-6 ग्रेड के ईंधन में अपनाएगा। भारत ने यूरो—4 ग्रेड को केवल तीन साल में ही अपग्रेड कर इस मुकाम को बहुत कम समय में हासिल किया है, जोकि एक बड़ी उपलब्धि है।

यूरो—6 ग्रेड के ईंधन अपने देश में लागू करने के साथ ही भारत दुनिया के उन चुनिंदा देशों की सूची में शामिल हो जाएगा, जहां सबसे स्वच्छ पेट्रोल-डीजल मिल रहा है। वर्ष 2015 में, केन्द्र सरकार ने 1 अप्रैल, 2020 से यूरो-6 उत्सर्जन मानदंड लागू करने का फैसला किया था। जिसके बाद बीएस-6 पेट्रोल और डीजल की बिक्री होगी, जबकि अभी यूरो-4 ग्रेड की बिक्री हो रही है।

मिलेगी प्रदूषण से राहत

यूरो—6 ग्रेड वाले ईंधन के प्रयोग से वाहनों से होने वाले प्रदूषण पर काफी हद तक रोक लगेगी। इस मानक के लागू होने के बाद देश के कई बड़े शहरों में वायु प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सकेगा। इस वजह से राष्ट्रीय राजधानी में देश के दूसरे भागों की अपेक्षा पहले स्वच्छ ईंधन के प्रयोग की व्यवस्था की गई है। जानकारों का कहना है कि यूरो—6 पेट्रोल और डीजल के आने से प्रदूषण के स्तर में काफी कमी आएगी।

इंडियन ऑयल के अध्यक्ष संजीव सिंह ने कहा, ‘करीब सभी परिशोधन संयंत्रों ने वर्ष 2019 के आखिर तक BS-6 के अनुरूप पेट्रोल और डीजल का उत्पादन आरंभ कर दिया था। अब पेट्रोलियम कंपनियों ने देश में पेट्रोल और डीजल की आखिरी बूंद को BS-6 स्टैंडर्ड वाले ईंधन में बदलने का ठान लिया है।’

यूरो—6 ग्रेड के नए उत्सर्जन मानक की खास बात यह है कि इस मानक वाले पेट्रोल-डीजल में सल्फर की मात्रा सिर्फ 10 पीपीएम होती है। बीएस-6 स्टैंडर्ड वाले ईँधन को सीएनजी की तरह स्वच्छ माना जाता है। सिंह के अनुसार, इस मानक वाले ईंधन से बीएस-6 वाहनों का नाइट्रोजन ऑक्साइड उत्सर्जन पेट्रोल कारों में 25 प्रतिशत तक और डीजल कारों में 70 प्रतिशत तक घट जाएगा।

बता दें कि भारत ने बीएस-3 स्टैंडर्ड को वर्ष 2010 में लागू किया था। जिसके 7 वर्ष बाद देश में बीएस-4 उत्सर्जन मानक को अपनाया। बीएस-4 के तीन साल बाद अब हमारा देश बीएस-6 उत्सर्जन मानक को अपनाने जा रहा है। सरकारी परिशोधन कंपनियों ने इस नए उत्सर्जन मानक के अनुकूल ईंधन तैयार करने के लिये करीब 35 हजार करोड़ रुपए का निवेश किया है।

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