चीन के अड़ियल रुख पर भारत ने दिया करारा जवाब, टूरिस्ट वीजा किए निलंबित

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India-Vs-China

भारत ने चीन के अड़ियल रुख पर उसी की भाषा में करारा जवाब दिया है। वैश्विक एयरलाइंस निकाय(आईएटीए) की जानकारी के अनुसार, भारत ने चीनी नागरिकों के पर्यटक वीजा को निलंबित कर दिया है। भारत द्वारा यह निर्णय तब लिया गया है जब 22 हजार से अधिक भारतीय छात्रों को चीन वापस लौटने देने की अनुमति नहीं दे रहा है। आपको बता दें कि कोरोना की वजह से चीन में पढ़ाई कर रहे 22 हजार से ज्यादा भारतीय छात्र वापस अपने देश आ गए थे। अब ये भारतीय छात्र अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए वापस चीन जाना चाहते हैं, लेकिन चीनी प्रशासन इन छात्रों को वापस चीन आने की अनुमति नहीं दे रहा है। चीन ने इन छात्रों को प्रतीक्षा सूची में रखा है।

बातचीत के बाद भी चीन ने नहीं दी कोई प्रतिक्रिया

चीन के इस रुख की वजह से हजारों भारतीय छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया है। इस मामले में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने 17 मार्च को कहा था कि भारत ने बीजिंग से इस मामले में “सौहार्दपूर्ण रुख” अपनाने का आग्रह किया है, क्योंकि सख्त प्रतिबंधों की निरंतरता हजारों भारतीय छात्रों के शैक्षणिक करियर को खतरे में डाल रही है। बागची ने बताया कि इससे पहले चीन ने कहा था कि वह इस मामले पर विचार कर रहा है, लेकिन इसके बावजूद चीन की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई।

10 साल की वैधता वाले वीजा भी अब मान्य नहीं

वैश्विक एयरलाइंस निकाय ने बताया कि भारत द्वारा चीनी नागरिकों को जारी किए गए टूरिस्ट वीजा अब वैध नहीं हैं। हालांकि, चीनी नागरिकों को अभी व्यापार, रोजगार, राजनयिक और आधिकारिक वीजा दिया जा रहा है। आईएटीए के मुताबिक, अब भूटान, नेपाल, मालदीव के निवास परमिट वाले यात्री भारत द्वारा जारी वीजा या ई-वीजा वाले यात्री, भारत के विदेशी नागरिक (ओसीआई) कार्ड या बुकलेट वाले यात्री, भारतीय मूल के व्यक्ति (पीआईओ) कार्ड वाले यात्री और राजनयिक पासपोर्ट वाले यात्रियों को भारत जाने की अनुमति है। इसके साथ यह भी कहा गया है कि 10 साल की वैधता वाले टूरिस्ट वीजा अब वैध नहीं हैं।

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