पाकिस्तानी खिलाड़ियों को वीजा नहीं देने से भारत फंस सकता है इस मुसीबत में!

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दो पिस्टल शूटर्स और एक मैनेजर सहित तीन पाकिस्तानी लोगों की टीम बुधवार को शूटिंग वर्ल्ड कप के लिए दिल्ली आने वाली थी जो अगले साल के टोक्यो ओलंपिक के लिए एक क्वालीफाइंग इवेंट भी है। भारत द्वारा वीजा नहीं दिए जाने के बाद पाकिस्तानी टीम पीछे हट गई।

हालांकि भारत सरकार की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। अंतर्राष्ट्रीय शूटिंग स्पोर्ट फेडरेशन और नेशनल राइफल एसोसिएशन ऑफ पाकिस्तान (NRAP) ने दावा किया है कि पिछले हफ्ते पुलवामा में हुए आतंकी हमलों के कारण अब तक वीजा नहीं दिया गया है।

अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) ने गुरुवार देर रात घोषणा की कि उसने भारत सरकार और देश के ओलंपिक संघ (IOA) के साथ भविष्य में खेल आयोजनों को होस्ट करने से निलंबित कर दिया है क्योंकि उसने “गैर-भेदभाव” के सिद्धांतों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है।

आईओसी ने सभी अंतर्राष्ट्रीय संघों को ‘अनुशंसित’ भी किया है कि वे भारत में खेल आयोजनों को न तो पुरस्कार दें और न ही आयोजित करें जब तक कि उन्हें भारत सरकार से लिखित आश्वासन न मिले कि सभी राष्ट्रों के प्रतिभागियों को प्रवेश की गारंटी होगी।

आईओसी( इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी) ने हाल की घटना को भी ध्यान में रखा जहां भारत ने पिछले नवंबर में दिल्ली में विश्व चैम्पियनशिप के लिए कोसोवो के एक मुक्केबाज को वीजा नहीं दिया था। नतीजतन, भारत को ओलंपिक चार्टर का उल्लंघन करने का दोषी पाया गया है। चार्टर 44 के नियम में कहा गया है कि राष्ट्रीय ओलंपिक समितियों (इस मामले में, IOA) को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि किसी को भी नस्लीय, धार्मिक या राजनीतिक कारणों से या अन्य प्रकार के भेदभाव के कारण बाहर ना रखा जाए।

इंटरनेशनल कमेटी इस पर हमेशा से रही है सख्त

आईओसी इस संबंध में सख्त रहा है। रियो ओलंपिक से पहले इसी तरह की एक घटना हुई थी जब कुवैत ने एक इजरायली प्रतिनिधि को वीजा देने से इनकार कर दिया था। इसके बाद नवंबर 2015 में IOC ने एशियाई शूटिंग चैम्पियनशिप की ओलंपिक योग्यता की स्थिति को रद्द कर दिया था। मलेशिया, में भी हाल ही इजरायलियों को वीजा देने से इनकार करने के बाद विश्व पैरा तैराकी चैम्पियनशिप के लिए होस्टिंग अधिकार मलेशिया से छीन लिया गया था।

क्या होगा इसका प्रभाव?

आईओसी का भारत में अंतर्राष्ट्रीय खेल गतिविधियों को रोकने का निर्णय एक ऐसे समय में आया है जब देश 2026 के युवा ओलंपिक, 2030 के एशियाई खेलों और 2032 के ओलंपिक अधिकारों की मेजबानी के लिए बोली लगाने पर विचार कर रहा था। फिलहाल इस पर बातचीत नहीं होगी। इस साल के अंत में होने वाले हॉकी ओलंपिक क्वालीफायर पर भी बादल छाए रहेंगे। 2021 विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप की मेजबानी भी अब संदिग्ध बनी हुई है।

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