ये कैसा फरमान….इंटरकास्ट मैरिज रोकने के लिए कुंवारी लड़कियों के मोबाइल रखने पर बैन !

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बनासकांठा जिले के दंतेवाड़ा तालुका के 12 गांवों में ठाकोर समुदाय के लोगों ने अंतरजातीय शादियों पर बैन लगाने और कुंवारी लड़कियों को मोबाइल फोन इस्तेमाल पर रोक लगाने का संकल्प लिया है। समुदाय के लोगों ने यह कदम हाल ही में जिले से कई अंतर-जातीय शादियों के बाद लिया है।

इसके साथ ही इस प्रस्ताव में उन परिवारों के लिए सजा का प्रावधान भी किया गया है जहां अंतरजातीय शादियां होती है। अगर कोई ठाकोर लड़की किसी दूसरे समुदाय के लड़के से शादी करती है, तो परिवार को 1.5 लाख रुपये का जुर्माना देना होगा। अगर एक ठाकोर लड़का दूसरे समुदाय की लड़की से शादी करता है, तो जुर्माना 2 लाख रुपये है।

14 जुलाई को, 12 गाँवों से समुदाय और मोहल्ला प्रतिनिधियों और युवाओं सहित लगभग 800 ठाकोर नेताओं की एक बैठक जगोल गाँव में रखी गई थी, जहाँ सभी की सहमति से एक प्रस्ताव पारित किया गया था जिसमें 9 नियम रखे गए।

प्रस्ताव में कहा गया है कि अगर कोई इन नियमों का पालन नहीं करता है तो उसे अपराधी माना जाएगा और समुदाय द्वारा सजा दी जाएगी। इन्हीं नियमों में ही यह कहा गया है कि कुंवारी लड़कियां मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं करेंगी।

वाव निर्वाचन क्षेत्र के कांग्रेस विधायक, जिबीन नागाजी, जो ठाकोर समुदाय से हैं, अंतरजातीय शादी और लड़कियों के मोबाइल फोन इस्तेमाल पर लगे इस बैन को सही ठहराते हैं। उनका कहना है कि इस तरह से ही ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता है।

विधायक साहब से जब यह पूछा गया कि केवल लड़कियों के मोबाइल फोन पर रोक लगाने से सारी समस्याएं दूर कैसे हो जाएंगी, जवाब में बोलते हैं इससे अपने आप ही लड़के कंट्रोल में आ जाएंगे।

जहां एक तरफ सरकारें गांव-गांव तक इंटरनेट पहुंचाने की बात करती है, सारी सुविधाएं डिजिटल करने के दावे करती है, इन्हीं के बीच हमारे समाज में जाति विशेष पर आपस में बंटे हुए समाज के पैरोकार अपने लोगों के ऊपर एक अलग तानाशाही सरकार चलाते हैं।

वहीं हर समस्या की जड़ लड़की है, उस पर नकेल कसने से लड़कों पर अपने आप असर दिखना शुरू हो जाएगा, जैसे लॉजिक देने वाले मर्दवादी लोगों का जमावड़ा इन कथित समाज में लगा हुआ है, जो जब चाहें कोई भी फैसला सुना देते हैं।

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