अपूर्वी चंदेला : शूटिंग में इंडिया का विराट कोहली है 26 साल की ये राजस्थानी लड़की !

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भारत की स्टार निशानेबाज अपूर्वी चंदेला ने एक औऱ कीर्तिमान रचा है। चंदेला ने नई दिल्ली में चल रहे शूटिंग वर्ल्ड कप में गोल्ड मेडल अपने नाम किया है। उन्होंने यह मेडल महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल इवेंट में जीता है। इसके साथ ही फाइनल में 252.9 अंक हासिल कर एक वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बनाया और इस कैटेगरी में गोल्ड जीतने वाली दूसरी महिला निशानेबाज बन गई हैं।

वर्ल्ड कप में अपूर्वी ने तीसरी बार मेडल हासिल किया है। साल 2015 में चैंगवोन में हुए आईएसएसएफ वर्ल्ड कप में सिल्वर, 2014 में ग्लासगो कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड और फिर 2018 के गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वालवी अपूर्वी सफलता के परचम लगातार लहरा रही है। ऐसे में आइए जानते हैं कैसा रहा अपूर्वी का अब तक का सफर।

2008 में जब अभिनव बिंद्रा ने बीजिंग ओलंपिक खेलों में देश के लिए पहला गोल्ड मेडल जीता था तब जयपुर में 22 साल की अपूर्वी चंदेला ने भारत को महिला निशानेबाजी में गोल्ड दिलवाने के लिए राइफल उठा ली थी। खेल को लेकर हमेशा से ही अपूर्वी के अंदर एक सनसनी थी, हालांकि प्रोफेशनल ट्रेनिंग की कमी की वजह से उन्होंने एक बार खेल पत्रकार बनने का भी मन बनाया था।

बहुत ही कम लोग जानते हैं कि अपूर्वी ने जयपुर में एक शूटिंग रेंज में जब पहली बार पिस्तौल हाथ में ली तो परफेक्ट 10 निशाने लगाए। हालांकि शूटिंग से पहले वो यह कह रही थी कि वह पिस्तौल का उपयोग करने में खुद को असहज महसूस कर रही है।

महिला निशानेबाजी के क्षेत्र में कुछ समय तक महिलाएं एक तय बेंचमार्क तक पहुंच पाने में भी असमर्थ रहती थी लेकिन अपूर्वी ने महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल टीम में गोल्ड जीतकर एक नई क्रांति ला दी।

अपूर्वी ग्लासगो में कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत का प्रतिनिधित्व करने के दौरान लिगामेंट फ्रैक्चर से जूझ रही थीं, और वहीं उन्होंने अपने करियर का पहला गोल्ड हासिल किया था। जीतने के उनके दृढ़ संकल्प की चारों तरफ तारीफ हुई।

अपूर्वी हर घरेलू या अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में अपने परिवार को साथ लेकर जाती है। अपूर्वी का मानना है कि उसके पिता उसके सबसे बड़े सपोर्ट सिस्टम हैं, जिन्होंने पहली बार 2008 में जयपुर रेंज में बनाए रिकॉर्ड से लेकर अब तक के सारे रिकॉर्ड को नोट करके रखा है।

जहां अन्य खिलाड़ी जीतने के बाद अपने हावभाव से जीत का इजहार करती है जबकि अपूर्वी को हर बार जीतने के बाद एकदम शांत देखा गया है।

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