राजनाथ सिंह ने फिजिक्स में पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री लेने के बाद बतौर लेक्चरार की थी नौकरी

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भारतीय जनता पार्टी का वो ताकतवर नेता जो हमेशा से लोगों के बीच सफेद धोती और पूरी बांह का कुर्ता पहने दिखाई देता है, जिसकी साफ-सुथरी छवि का हर कोई कायल है। हम बात कर रहे हैं यूपी की राजनीति की दिशा बदल देने वाले नेता राजनाथ सिंह की, जो आज 10 जुलाई को अपना 72वां जन्मदिन मना रहे हैं। राजनाथ वर्तमान में मोदी सरकार में रक्षा मंत्री हैं। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में वो केंद्रीय गृह मंत्री रहे थे। इसके अलावा राजनाथ भाजपा के दो बार राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं और एक बार उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री भी रहे। इस खास अवसर पर जानते हैं सज्जनता व सरल स्वभाव की मिसाल राजनाथ सिंह के बारे में कुछ अनसुनी बातें…

तेरह साल की उम्र में RSS से जुड़ गए थे राजनाथ

वर्तमान में केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह का जन्म उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले के भभौरा गांव में 10 जुलाई 1951 को हुआ था। उन्होंने अपने राजनीतिक कौशल को चमकाने के लिए महज 13 साल की उम्र में आरएसएस जॉइन कर लिया था। इसके बाद राजनाथ ने गोरखपुर विश्वविद्यालय से फिजिक्स में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री ली और लेक्चरार बने। उनके राजनीतिक सफर की पहली शुरुआत वर्ष 1974 में हुई थी, जब उन्हें मिर्जापुर यूनिट में भारतीय जनसंघ का सचिव बनाया गया।

जब यूपी के शिक्षा मंत्री बनकर खूब तारीफ बटोरी

राजनाथ सिंह वर्ष 1977 में पहली बार उत्तरप्रदेश विधानसभा पहुंचे थे। इसके बाद वर्ष 1991 में जब यूपी में कल्याण सिंह की सरकार थी, उसमें राजनाथ को शिक्षा मंत्री के पद पर काम करने का मौका मिला। यूपी वर्ष 90 के दशक में परीक्षाओं में होने वाली धोखाधड़ी और नकल को लेकर काफी बदनाम था। राजनाथ सिंह जिम्मेदारी संभालते ही नकल अध्यादेश 1992 कानून लेकर आए, जिससे उनकी पूरे देश में काफी तारीफ हुईं।

दो साल संभाली उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी

राजनाथ सिंह का राजनीतिक सफर पहली बार विधायक बनकर विधानसभा पहुंचने के साथ ही शुरू हो चुका था। आगे राजनाथ वर्ष 2000 से लेकर वर्ष 2002 तक यूपी के मुख्यमंत्री भी रहे। अटल-आडवाणी के दौर में सबसे ताकतवर माने जाने वाले नेताओं में राजनाथ सिंह भी एक माने जाते थे। भाजपा की केंद्रीय राजनीति में राजनाथ सिंह दो बार वर्ष 2005 से 2009 और वर्ष 2013 से 2014 के बीच राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं। साल 2014 में मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में उन्हें गृहमंत्री बनाया गया था।

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