ए​क ऐसी ​वसीयत जो बनी चर्चा का विषय, हर कोई कर रहा है तारीफ

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किसी व्यक्ति का निधन होना और फिर वसीयत के अनुसार उसकी सम्पत्ति का बंटवारा होना…। यह बात तो आपने कई बार सुनी और देखी होगी। लेकिन वसीयत में कुछ ऐसा लिखा हो जो लम्बी सोच रखती हो और जो ना सिर्फ परिवार वालों के लिए बल्कि हर व्यक्ति के लिए सुखदायी हो तो स्वाभाविक है कि वो वसीयत कुछ अलग होगी। जी हां, भोपाल के एक सीआईडी अफसर ने ऐसी ही एक वसीयत बनाई, जो अब उनके निधन के बाद चर्चा का विषय बन गई है।
आपको भी यह जानने की उत्सुकता हो रही होगी कि आखिर वसीयत में ऐसा क्या लिखा था, तो आइए आपको विस्तार से बताते हैं…।

दरअसल भोपाल में रहे सीआईडी एसपी रहे अब्दुल खालिक अंसारी का हाल ही 30 जनवरी को निधन हो गया था। अंसारी 1994 में भोपाल सीआईडी से सेवानिवृत एसपी थे। उनके इंतकाल पर खिराजे अकीदत का आयोजन किया गया इस अवसर पर उनके वकील बेटे ने उनकी वसीयत पढ़ी, जिसे सुनकर हर कोई अंसारी की तारीफ करने लगा। अंसारी ने वसीयत में लिखा कि उनके छह बेटे ​बेटियां अपने 50-50 पौधे लगाएं ताकि पर्यावरण को संरक्षित रखा जा सके। अंसारी की यह दूरगामी सोच ने वहां मौजूद लोगों को सोचने में मजबूर कर दिया। अंसारी को पर्यावरण से काफी लगावा था और वे चाहते थे कि पर्यावरण को रहे नुकसान को ठीक करने की दिशा में आम लोग अपनी भागीदारी निभाएं। यही कारण है कि वे जाते-जाते अपने बच्चों को यह जिम्मेदारी सौंप गए।

इसके अलावा अंसारी मुंगावली के जिस मोहल्ले में रहते थे, उसके चारों तरफ अलग-अलग धर्मों के धार्मिक स्थलों को एक लाख 35 हजार रुपये और बार एसोसिएश को 10 हजार रुपये देने की बात वसीयत में कही है।

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