केंद्र सरकार ने पद्म पुरस्कारों की सिफारिशें करने को कहा, 15 सितंबर तक कर सकते हैं ऑनलाइन नामांकन

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Padma-Awards-2021

केंद्र सरकार ने ‘भारत रत्न’ को छोड़कर देश के अन्य तीन सर्वोच्च नागरिक सम्मानों के लिए नामांकन मांगे हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा कि गणतंत्र दिवस, 2022 की पूर्व संध्या पर घोषित किए जाने वाले इन पुरस्कारों के लिए ऑनलाइन नामांकन या सिफारिशें खुली हैं, जिसकी अंतिम तिथि 15 सितंबर 2021 है। इसमें सभी पात्र नागरिक हिस्सा ले सकते हैं। गृह मंत्रालय ने अपने एक बयान में कहा कि ऐसे नामांकन और सिफारिशें केवल ऑनलाइन प्राप्त की जाएंगी। आपको जानकारी के लिए बता दें कि पद्म पुरस्कार देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों में शामिल हैं, जिनमें मुख्य तौर पर ‘पद्म विभूषण’, ‘पद्म भूषण’ और ‘पद्मश्री’ शामिल है।

राज्यों को एक विशेष खोज समिति गठित करने के लिए कहा

केंद्रीय गृह मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि भारत सरकार पद्म पुरस्कारों को ‘जनता का पद्म’ में परिवर्तित करने के लिए प्रतिबद्ध है और इसलिए सभी नागरिकों से नामांकन, स्व-नामांकन सहित सिफारिशें करने का अनुरोध किया जाता है। नामांकन और सिफारिशों में पोर्टल पर उपलब्ध प्रारूप में निर्दिष्ट सभी प्रासंगिक विवरण शामिल होने चाहिए, जिसमें वर्णनात्मक रूप में एक उद्धरण (अधिकतम 800 शब्द) होना चाहिए। इसमें व्यक्ति की विशिष्ट और असाधारण उपलब्धियां और व्यक्ति द्वारा प्रदान की गई सेवाएं का उल्लेख होना चाहिए।

जानकारी के अनुसार, केंद्र सरकार ने पहले ही सभी राज्यों को संभावित पुरस्कार विजेताओं का पता लगाने के लिए एक विशेष खोज समिति गठित करने के लिए कहा है, जिन्हें उनकी असाधारण सेवाओं के बावजूद इस पुरस्कार के लिए उनके नाम पर अब तक विचार नहीं किया गया है। वर्ष 2014 से मोदी सरकार ऐसे ‘नायकों’ को पद्म पुरस्कार प्रदान कर रही है, जिन्होंने विभिन्न तरीकों से समाज में योगदान दिया है।

महिला, गरीब, एससी, एसटी वर्गों में से पहचान के ठोस प्रयास हों

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी केंद्रीय मंत्रालयों, विभागों, राज्यों सरकारों, केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन, भारत रत्न और पद्म विभूषण पुरस्कार विजेताओं व उत्कृष्टता संस्थानों से अनुरोध किया है कि महिलाओं, समाज के कमजोर वर्गों, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति में से प्रतिभाशाली व्यक्तियों की पहचान करने के लिए ठोस प्रयास किए जाएं। मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि ‘दिव्यांग’ व्यक्ति जो समाज की निस्वार्थ सेवा कर रहे हैं और जिनकी उत्कृष्टता और उपलब्धियां वास्तव में सम्मान के पात्र हैं। ऐसे व्यक्त्यिों की पहचान के ठोस प्रयास करने का अनुरोध किया जाता है।

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