कैबिनेट विस्तार से पहले मोदी सरकार ने अलग से सहकारी मंत्रालय का किया गठन

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नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने कैबिनेट विस्तार से पहले एक नए मंत्रालय के गठन का फैसला किया है। मोदी सरकार ने ‘सहकार से समृद्धि’ के नजरिए के साथ अलग से सहकारिता मंत्रालय का गठन किया है। जानकारी के अनुसार, सहकारी मंत्रालय सहकारिता आंदोलन को मजबूत करने के लिए अलग प्रशासनिक, कानूनी, नीतिगत ढांचा उपलब्ध कराएगा। कहा जा रहा है कि यह सहकारी मंत्रालय सहकारिता के लिए कारोबार को आसान बनाने की प्रक्रिया को कारगर करने का काम करेगा।

सहकारी समितियों का जमीनी स्तर तक होगा विस्तार

नए सहकारी मंत्रालय के माध्यम से सहकारी समितियों का जमीनी स्तर तक विस्तार हो सकेगा। माना जा रहा है कि इससे एक सच्चे जन आधारित आंदोलन को विस्तार देने में भी मदद मिलेगी। देश में सहकारिता आधारित आर्थिक विकास मॉडल बहुत प्रासंगिक है, जहां प्रत्येक सदस्य जिम्मेदारी की भावना के साथ काम करता है। मंत्रालय सहकारी समितियों के लिए कारोबार में सुगमता के लिए प्रक्रियाओं को कारगर बनाने और बहु-राज्यीय सहकारी समितियों (एमएससीएस) के विकास लिए काम करेगा।

बजट में की गई थी पृथक मंत्रालय के गठन की घोषणा

सरकार समुदाय आधारित विकास साझेदारी के प्रति वचनबद्ध है। पृथक मंत्रालय के गठन से बजट में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा की गई एक और घोषणा भी पूरी हो जाएगी। इस कदम को किसानों को सशक्त करने के एक कदम के रूप में भी देखा जा रहा है। गौरतलब है कि मोदी सरकार ने इससे पूर्व जल शक्ति मंत्रालय के रूप में एक नए व पृथक मंत्रालय का गठन किया था। पीएम मोदी बुधवार को अपनी कैबिनेट का पहला व बड़ा विस्तार करने जा रहे हैं। इसमें कई युवा चेहरों को जगह मिल सकती है। फिलहाल कई मंत्रियों के पास दो-दो मंत्रालय हैं। उनका भी भार कम किया जा सकता है और फ्रेश चेहरों को मंत्रिमंडल में जगह दी जा सकती है।

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