‘जॉनसन एंड जॉनसन’ के बाद अब दूसरे बेबी प्रोडक्ट्स पर भी नजर

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‘जॉनसन एंड जॉनसन’ के टैल्कम पाउडर में कथित तौर पर कैंसर कारक तत्व पाए जाने के बाद इन्फेंट केयर प्रॉडक्ट बनाने वाली अन्य कंपनियां नियामकीय जांच के दायरे में हैं, जिनमें ‘हिमालया’ और ‘चिको’ भी शामिल हैं। औषधि नियामक ने नियमों के पालन और सुरक्षा की जांच के लिए विभिन्न कंपनियों के टैल्कम पाउडर, साबुन और अन्य बेबी प्रॉडक्ट्स के 200 से अधिक नमूने इकट्ठा हैं। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी है।

एक अधिकारी ने बताया कि जांच का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि बाजार में मौजूद सभी टैल्कम पाउडर सुरक्षित हों और उनमें ऐस्बेस्टस की मात्रा नहीं हो।

देश की सर्वोच्च औषधि नियामक सेंट्रल ड्रग्स कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (सीडीएससीओ) ने टैल्कम पाउडर के 150 नमूने और इन्फेंट केयर प्रोडक्ट्स के 50 अन्य नमूनों को इकट्ठा किया है, जिनमें साबुन, शैंपू, क्रीम तथा लोशन शामिल हैं। इनके अलावा, नियामक ने इन उत्पादों को बनाने में इस्तेमाल होने वाले 19 नमूनों को इकट्ठा किया है, जिनमें टैल्क भी शामिल है। सभी नमूनों को कॉस्मेटिक्स की जांच में विशेषज्ञ सेंट्रल टेस्टिंग लेबोरेट्री के पास भेज दिया गया है।

अधिकारी के अनुसार ‘हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि केवल ‘जॉनसन एंड जॉनसन’ ही नहीं, बल्कि भारतीय बाजार में मौजूद तमाम बेबी प्रॉडक्ट्स सुरक्षित और अस्बेस्टॉस फ्री हों। इसलिए साइट इंस्पेक्शन के दौरान जॉनसन ऐंड जॉनसन की फैक्ट्री से नमूने इकट्ठा करने के बाद हमने बेबी केयर प्रॉडक्ट्स के अन्य ब्रांडों के नमूने लेने का भी फैसला किया।’ उन्होंने कहा कि जांच की रिपोर्ट अगले 15 दिनों के भीतर आने की उम्मीद है।

उल्लेखनीय है कि दिसंबर में औषधि नियामक ने ‘जॉनसन एंड जॉनसन’ की फैक्ट्री में छापा मारकर तैयार उत्पाद और कच्चे उत्पादों के नमूनों को इकट्ठा किया था। नियामक ने यह कदम अमेरिकी मीडिया में आई उन खबरों के आधार पर उठाया था, जिनमें कहा गया था कि ‘जॉनसन एंड जॉनसन’ पाउडर में कथित तौर पर कैंसर कारक ऐस्बेस्टस हैं और कंपनी को यह बात 1971 से ही पता थी।

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