एनर्जी मार्केट में 2020 तक चीन से आगे निकल जाएगा भारत

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ब्रिटेन की एनर्जी कम्पनी ब्रिटिश पेट्रोलियम (बीपी) ने अपने वार्षिक एनर्जी आउटलुक में यह संभावना जताई है के अगले साल यानी 2020 के मिड तक भारत सबसे तेज रफ्तार एनर्जी मार्केट के तौर पर चीन को पीछे छोड़ देगा। एनर्जी की ग्लोबल मांग में 25 फीसदी वृद्धि भारत से ही होने की उम्मीद है।

बीपी के अनुसार उसकी इस साल की रिपोर्ट में उन प्रमुख अनिश्चितताओं पर गौर किया गया है जो 2040 तक ग्लोबल एनर्जी मार्केट के आकार को प्रभावित कर सकती हैं। इस अवधि में सबसे बड़ी अनिश्चितता ग्लोबल आर्थिक विकास और बढ़ती संपन्नता के कारण ज्यादा एनर्जी की आवश्यकता को लेकर है। इसके अलावा कम कार्बन उत्सर्जन वाले एनर्जी स्त्रोतों की ओर तेजी से परिवर्तन भी अहम अनिश्चितता है। ये स्थितियां विश्व के समक्ष दोहरी चुनौती पेश करती हैं।

नैचुरल गैस से दूर होगी मांग

रिपोर्ट में कहा गया है कि ग्लोबल एनर्जी मांग 2040 तक पूरी दुनिया खासकर भारत, चीन और पूरे एशिया में जीवन स्तर सुधरने के कारण एक तिहाई बढ़ सकती है। यह मांग अधिकांश तौर पर नैचुरल गैस से पूरी होगी। अगले साल मध्य तक नैचुरल गैस कोयले को पीछे छोड़कर दूसरा सबसे बड़ा एनर्जी स्त्ररेत बन जाएगा। खपत के मामले में नैचुरल गैस 2040 तक कच्चे तेल को पीछे छोड़ देगी। रिन्यूएबल एनर्जी का इस्तेमाल आगे भी बढ़ता रहेगा। 2040 तक इसकी हिस्सेदारी बढ़कर 15 फीसद तक पहुंच जाएगी। इस समय इसकी चार फीसद हिस्सेदारी है।

विकासशील देशों में मांग बढ़ने से बढोत्तरी

रिपोर्ट के अनुसार एनर्जी की मांग में लगभग समूची वृद्धि (मौजूदा उत्पादन के मुकाबले एक तिहाई) तेजी से विकसित हो रहे देशों खासकर भारत और चीन में होगी। एनर्जी के ग्लोबल उत्पादन में 80 फीसद बढ़ोतरी विकासशील देशों की मांग बढ़ने के कारण होगी। इसमें करीब 50 फीसद योगदान भारत व चीन का होगा। भारत की एनर्जी मांग 2040 तक 156 फीसद बढ़कर 192.80 करोड़ टन हो जाएगी। जबकि इस समय कुल मांग 75.4 करोड़ टन है। इस तरह भारत की वार्षिक वृद्धि दर 4.2 फीसद रहेगी।

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