वन रैंक वन पेंशन के तहत केंद्र सरकार ने जारी किए 10795.4 करोड़ रुपये

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केंद्र सरकार ने वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) के तहत 20 लाख 60 हजार 220 पूर्व सैनिकों/परिवारिक पेंशनधारियों को बकाया पेंशन राशि जारी की है। रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि ओआरओपी के तहत 20 लाख 60 हजार 220 पूर्व सैनिकों/परिवारिक पेंशनधारियों को 10795.4 करोड़ रुपये की राशि उनके खातों में जमा कराई गई है। आपको जानकारी के लिए बता दें कि वन रैंक वन पेंशन के तहत हर वर्ष 7123.38 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं, जो बीते पांच वर्ष में अब तक 42740.28 करोड़ रुपये के बराबर है। यानि केंद्र सरकार ने बीते पांच साल में पूर्व सैनिकों को 42,740 करोड़ रुपये बांटे हैं।

ओआरओपी में समान रैंक समान पेंशन का प्रावधान

उल्लेखनीय है कि वन रैंक वन पेंशन में समान रैंक के लिए समान पेंशन का प्रावधान किया गया था। रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि केंद्र सरकार ने पांच नवंबर, 2015 को एक रैंक एक पेंशन (OROP) की करीब 45 वर्षों से लंबित मांग को पूरा करने के लिए ऐतिहासिक निर्णय लिया था। इससे पहले भारतीय जनता पार्टी और नरेन्द्र मोदी ने पूर्व सैनिकों को उनकी यह वर्षों पुरानी मांग को पूरी करने का भरोसा दिलाया था।

पेंशन काटकर सेना का मनोबल गिरा रही सरकार: कांग्रेस

वहीं, दूसरी तरफ कांग्रेस ने सैन्य अफसरों की पेंशन योजना में होने वाले बदलाव को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, ‘शहीद सैनिकों की वीरता और राष्ट्रवाद के नाम पर वोट बटोरने वाली मोदी सरकार पहली सरकार है, जो सैन्य अफसरों की पेंशन काटने और सक्रिय सेवा के बाद दूसरे कॅरियर विकल्प पर डाका डालने की तैयारी में है। मोदी सरकार की नई प्रस्तावना के अनुसार केवल उस अफसर को पूरी पेंशन मिलेगी, जिसने 35 साल से अधिक सेना की सेवा की हो। कांग्रेस प्रवक्ता सुरजेवाला ने कहा कि मोदी सरकार को अपने इस प्रस्ताव पर स्पष्टीकरण देना चाहिए।

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