PUBG खेलने वालों को धर रही है पुलिस, अब तक 10 लोग हुए गिरफ्तार !

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मोबाइल गेम PUBG की लत से कौन वाकिफ नहीं है, हर दूसरा बच्चा या बड़ा मोबाइल में गोली मारता आजकल देखा जा सकता है। बच्चों में बढ़ती इस खतरनाक लत को देखते हुए गुजरात पुलिस को अपने संविधान से एक एक्ट लगाकर इसे बैन करने का नोटिफिकेशन जारी करना पड़ा। क्या आपने कभी सोचा था कि इस मोबाइल गेम के लिए एक राज्य के प्रशासन को परेशान होना पड़ेगा? मामला यहीं शांत नहीं हुआ, बैन होने के कुछ ही दिन बाद, शहर में 10 लोगों को पब्लिक प्लेस में PUBG खेलने के आरोप में अब धरा गया है।

प्रतीकात्मक फोटो

रिपोर्ट के अनुसार, जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है उनमें से 6 कॉलेज के स्टूडेंट्स हैं और वे अपने कॉलेज के पास एक फास्ट-फूड की स्टॉल पर बैंठकर PUBG खेल रहे थे।

सार्वजनिक रूप से PUBG खेलने के लिए राजकोट स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप (SGO) द्वारा गिरफ्तार किए गए अन्य तीन लोगों में दो शहर की एक निजी फर्म में जॉब करते हैं और तीसरा आदमी नौकरी की तलाश कर रहा है। राजकोट पुलिस ने शहर में PUBG को बैन ऑर्डर का उल्लंघन करने के आरोप में गिरफ्तार किया है।

पहले यह समझिए कि आखिर पुलिस ने PUBG पर बैन क्यों लगाया है ?

पुलिस का कहना है कि “PUBG गेम और मोमो चैलेंज जैसे खेल खेलने से युवा बच्चों में हिंसा बढ़ती है। PUBG का असर इतना खतरनाक होता जा रहा है कि खेलने वाले के बिहेवियर और भाषा में भी बदलाव देखा जा सकता है।” इसी वजह से पुलिस ने इस गेम पर बैन लगाया है।

पुलिस ने “जांच के उद्देश्य” से सभी के मोबाइल फोन जब्त कर लिए हैं और 3 लोगों पर भारतीय पुलिस दंड संहिता यानि IPC की धारा 188 के तहत पुलिस कमीश्नर द्वारा जारी नोटिफिकेशन को ना मानने और बैन लगने के बावजूद PUBG खेलने के लिए धारा 35 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

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जबकि 6 छात्रों को जमानत पर रिहा कर दिया गया है जिसके बाद अन्य भी रिहा होने की प्रक्रिया में हैं।

प्रतीकात्मक फोटो

गौरतलब है कि गुजरात के राजकोट और सूरत जिलों में 7 मार्च को सार्वजनिक रूप से PUBG खेलने पर बैन लगा दिया था जिसके बाद विभिन्न जिलों को भी गुजरात राज्य सरकार के इन आदेशों का पालन करना होता है।

क्या है PUBG ?

पिछले कुछ महीनों में बच्चों और बड़ों में गेमिंग का सबसे बड़ा बूम PUBG मोबाइल गेम की वजह से आया है। PlayerUnknown Battlegrounds, जो एक पीसी और कंसोल गेम है और मार्च 2018 में इसे मोबाइल प्लेटफॉर्म पर लॉन्च किया गया था। एक साल के भीतर, इस गेम के तूफान ने दुनिया भर में कब्जा कर लिया। गेम का क्रेज यहां तक बढ़ गया कि देश के पीएम मोदी भी जानते हैं कि इस गेम की वजह से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।

हाल ही की गई एक रिसर्च से पता चला कि PUBG नाम बहुत लोकप्रिय होने के बावजूद, भारत में लगभग 73.4 प्रतिशत गेमर्स यह गेम अपने मोबाइल पर खेल रहे हैं।

अब देखना यह दिलचस्प होगा कि गुजरात पुलिस के इस बैन को लेकर कोर्ट क्या रूख दिखाता है और इस तरह यह बैन कब तक जारी रहता है ?

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