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कश्मीर में इनदिनों अहम भूमिका निभा रही हैं ये दो महिला ऑफिसर

हाल में जम्मू-कश्मीर को स्पेशल स्टेट्स का दर्जा देने वाली धारा 370 को खत्म कर दिया गया। इसके बाद जम्मू-कश्मीर में देश विरोधी ताकतों के अशांति फैलाने के प्रयासों को रोकने के लिए सेना और पुलिस मिलकर शांति कायम करने का काम कर रही है। इस काम में दो महिला ऑफिसर भी अहम भूमिका निभा रही हैं। उनका नाम है आईएएस ऑफिसर डॉ. सईद सहरीश असगर और आईपीएस पीडी नित्य। ये दोनों लेडी ऑफिसर कश्मीर में क्या ख़ास जिम्मेदारी संभाल रही है, हम आपको बताते हैं..

फोन पर बात और डॉक्टर मुहैया कराने का जिम्मा सहरीश का

आईएएस ऑफिसर डॉ. सईद सहरीश असगर की इनदिनों नई जिम्मेदारी घाटी के लोगों की उनसे सैकड़ों किलोमीटर दूर बैठे अपनों परिवारजनों से फोन पर बात कराने और उन्हें डॉक्टर उपलब्ध कराना है। उल्लेखलीय है कि धारा 370 को हटाए जाने के बाद से घाटी में कई पाबंदियां लागू हैं। ऐसे में प्रशासन ने लोगों को सहूलियत देने के लिए फोन बूथ से लेकर जरूरी सामान तक की व्यवस्था की हैं। इस धारा के हटने से ठीक पहले असगर को श्रीनगर में जम्मू-कश्मीर प्रशासन का सूचना निदेशक नियुक्त किया गया। सरकार की योजनाओं के बारे में जागरूक करने की जिम्मेदारी संभालने वाली डॉ. सईद सहरीश अब क्राइसिस मैनेजमेंट का काम देख रही है।

2013 बैच की आईएएस ऑफिसर है डॉ. सईद सहरीश असगर

डॉ. सईद सहरीश असगर 2013 बैच की आईएएस ऑफिसर है। सहरीश एक साल के बेटे की मां है और एमबीबीएस करने बाद जम्मू में प्रैक्टिस कर चुकी हैं। डॉ. सईद सहरीश वर्तमान ​स्थितियों पर कहती है ‘डॉक्टर के तौर पर मैं मरीजों का इलाज करती थी लेकिन आज घाटी में अलग चुनौतियां हैं। इसमें कड़ाई और नरमी एक साथ चाहिए।’ सहरीश का मानना है कि अगर महिलाएं समाज में बदलाव ला सकती हैं, तो उन्हें बड़ी खुशी होगी। डॉ. सईद सहरीश पति भी ऑफिसर है और इस वक़्त पुलवामा में कमिश्नर पद पर तैनात हैं।

आमजन के साथ ही नित्य को वीवीआईपी की सुरक्षा की जिम्मेदारी

आईपीएस ऑफिसर पीडी नित्य के हाथों में राम मुंशी बाग से लेकर हरवन दागची गांव तक की अहम जिम्मेदारी है। इसी रास्ते पर हिरासत में लिए गए वीआईपी लोगों को रखा गया है। श्रीनगर में ही तैनात पीडी नित्य 2016 बैच की आईपीएस ऑफिसर है। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ की रहने वाली नित्य पुलिस सेवा में आने से पहले एक सीमेंट कंपनी में कॉर्पोरेट मैनेजर की जॉब करती थीं। नई जिम्मेदारी पर पुलिस ऑफिसर पीडी नित्य का कहना है, ‘आम नागरिकों की सुरक्षा के साथ ही मुझे वीवीआईपी की सुरक्षा भी देखनी होती है।’

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वह आगे बताती है, ‘यह ड्यूटी छत्तीसगढ़ की मेरी लाइफ से बिलकुल अलग है। कई बार गुस्साए लोगों का सामना करना पड़ता है। वह बताती है, ‘मैं छत्तीसगढ़ के दुर्ग से हूं जहां हमेशा शांति रही है लेकिन मुझे चुनौतियां पसंद हैं।’ बता दें, पीडी नित्य केमिकल इंजीनियरिंग में बी.टेक डिग्री होल्डर है। वह कश्मीरी और हिंदी के अलावा तेलुगु भी बहुत अच्छी बोलती हैं। बता दें, इस वक़्त सिर्फ डॉ. सईद सहरीश और पीडी नित्य ही ऐसी महिला आईएएस और आईपीएस अधिकारी हैं, जिन्हें इनदिनों घाटी में तैनात किया गया है।

Raj Kumar

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