हलचल

भारत में वायु प्रदूषण से लड़ने का यह नया तरीका, क्या कारगर होगा?

वायु प्रदूषण के कारण 2017 में अकेले भारत में 1.2 मिलियन लोगों की मौत हुई थी। इसी कड़ी में पश्चिमी राज्य गुजरात में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए एक यूनीक पायलट योजना देश के बाकी हिस्सों के लिए एक मॉडल साबित हो सकती है।

भारत में छोटे कण पदार्थ (जिसे PM2.5 के रूप में जाना जाता है) की सांद्रता विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानक से आठ गुना अधिक है।

ये कण इतने छोटे होते हैं कि वे फेफड़ों में गहराई से जा सकते हैं और लोगों को इससे सांस और दिल की बीमारियां आसानी से हो सकती हैं।

भारत में वायु प्रदूषण गांवों में लकड़ी या गोबर के उपलों पर खाना पकाने के कारण और वहीं शहरों में यातायात, धूल और कारखाने से निकले प्रदूषण के कारण ये हालात हैं। अब गुजरात ने वायु प्रदूषण को रोकने के लिए दुनिया का पहला “कैप एंड ट्रेडिंग” प्रोग्राम शुरू किया गया है।

सीधे शब्दों में कहें तो सरकार उत्सर्जन पर लगाम लगा सकती है और सरकार कारखानों को उस कैप यानि उसी लिमिट के नीचे रहने के लिए परमिट खरीदने और बेचने की अनुमति देगी।

यह औद्योगिक शहर सूरत में शुरू किया जा रहा है जहां कपड़े और डाई कारखाने के कारण बड़ा प्रदूषण होता है। 2011 से स्थानीय प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण शिकागो और हार्वर्ड विश्वविद्यालय के साथ सूरत में उत्सर्जन व्यापार के प्रभाव पर काम कर रहे हैं।

यह प्रोग्राम कैसे काम करेगा?

उत्सर्जन व्यापार सिस्टम में अहम चीज छोटे कण वाले पदार्थ है, जो इंडस्ट्री द्वारा उनके धुएं के ढेर के साथ हवा में फैलता है।

उत्सर्जन व्यापार प्रणाली के तहत इंडस्ट्री को अपने द्वारा उत्सर्जित होने वाले पार्टिकुलेट की प्रत्येक इकाई के लिए एक परमिट रखना होगा और वायुमंडल में जारी कण पदार्थ के 150 मिलीग्राम प्रति घन मीटर के निर्धारित मानक को भी यह फॉलो करना चाहिए।

इंडस्ट्री आपस में परमिट का व्यापार कर सकते हैं लेकिन इन परमिटों की कुल मात्रा तय की जाती है। ताकि वायु प्रदूषण मानकों को पूरा किया जा सके।

उदाहरण के लिए, एक इंडस्ट्री जिसके लिए उत्सर्जन को कम करना सस्ता है और वो स्टैन्डर्ड और तय मानकों को आराम से फोलो करेगा तो वो अपने अतिरिक्त परमिट को किसी अन्य इंडस्ट्री को बेच सकता है जिसके लिए मानकों को फोलो करना महंगा साबित हो रहा है।

दोनों ही इंडस्ट्री मानकों को फॉलो करेंगी और अपना व्यापार करेंगी जबकि कुल उत्सर्जन स्थिर रखा जा सकता है।

यह तरीका व्यापार प्रणाली कंपनियों को उत्सर्जन को कम करने के तरीके खोजने के लिए एक प्रोत्साहन देती है क्योंकि वे अपनी किसी भी बचत को दूसरे फर्मों को बेचने में सक्षम हैं। इससे कंपनियों को संकेत मिला है ताकि वे अपने उत्सर्जन को कम करने के लिए नए और सस्ते तरीके खोज सकें।

सूरत में यह कार्यक्रम क्यों लागू किया जा रहा है?

माइकल ग्रीनस्टोन,अर्थशास्त्री और शिकागो में ऊर्जा नीति संस्थान (ईपीआईसी) के निदेशक का कहना है कि सूरत में यह कार्यक्रम कई सालों से चली आ रही प्रक्रिया का परिणाम है। उनका संस्थान गुजरात प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (जीपीसीबी) के साथ मिलकर चार साल से काम कर रहा है।

क्या इस कार्यक्रम को भारत जैसे विशाल देश में बढ़ाया जा सकता है?

यदि सफल रहा, तो गुजरात के अन्य हिस्सों और भारत के अन्य राज्यों में इसको फैलाने पर बात की जा सकती है। डॉ. ग्रीनस्टोन ने कहा कि भारत में वायु प्रदूषण को आंशिक रूप से कम किया जा रहा है, इसलिए यदि पायलट सफल होता है तो इंडस्ट्री की अनुपालन लागत को कम करने और साथ ही हवा की क्वालिटी को खराब होने से रोकने के लिए यह उपाय कारगर होगा।

Neha Chouhan

12 साल का अनुभव, सीखना अब भी जारी, सीधी सोच कोई ​दिखावा नहीं, कथनी नहीं करनी में विश्वास, प्रयोग करने का ज़ज्बा, गलत को गलत कहने की हिम्मत...

Leave a Comment

Recent Posts

रोहित शर्मा ने कप्‍तान हार्दिक पांड्या को बाउंड्री पर दौड़ाया।

रोहित शर्मा ने सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ फील्डिंग की सजावट की और कप्‍तान हार्दिक पांड्या…

2 months ago

राजनाथ सिंह ने अग्निवीर स्कीम को लेकर दिया संकेत, सरकार लेगी बड़ा फैसला

अग्निवीर स्कीम को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने…

2 months ago

सुप्रीम कोर्ट का CAA पर रोक लगाने से इनकार, केंद्र सरकार से मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को नागरिकता संशोधन कानून (CAA) रोक लगाने से इनकार कर दिया…

2 months ago

प्रशांत किशोर ने कि लोकसभा चुनाव पर बड़ी भविष्यवाणी

चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बड़ी भविष्यवाणी की है। प्रशांत…

2 months ago

सुधा मूर्ति राज्यसभा के लिए नामित, PM मोदी बोले – आपका स्वागत है….

आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इंफोसिस के चेयरमैन नारायण मूर्ति…

2 months ago

कोलकाता हाई कोर्ट के पूर्व जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने थामा भाजपा दामन, संदेशखाली पर बोले – महिलाओं के साथ बुरा हुआ है…

कोलकाता हाई के पूर्व जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय भाजपा में शामिल हो गए है। उन्होंने हाल…

2 months ago