गरम मसाला

netflix को लेकर हो रहा ये विवाद हमारे सिनेमा के अनुभव को बदल सकता है!

जमाना बदल रहा है और इसी के साथ बदल रही है बहुत सारी चीजें, बहुत सारे एक्सपीरिएंस। हम सभी को क्या पता था कि बड़ी सिनेमाई लोग अपनी फिल्मों और नाटकों को थिएटर से उठाकर आपके मोबाइल तक ले आएंगे। जी हां, हम नेटफ्लिक्स की ही बात कर रहे हैं।

केवल नेटफ्लिक्स ही नहीं बहुत सारे स्ट्रीमिंग पोर्टल्स फिलहाल रेस में हैं जहां पर बड़ी बड़ी फिल्में सीधे लांच तक की जाती हैं। हर किसी के मुंह पर इन पोर्टल्स का नाम तो होता ही है। इसी को लेकर एक विवाद सामने आ रहा है।

steven-spielberg

स्टीवन स्पीलबर्ग नेटफ्लिक्स के रिलीज़ मॉडल का काफी विरोध करते नज़र आते हैं। अब वे इस लड़ाई को ऑस्कर तक ले जाना चाहते हैं। अप्रैल में अकादमी के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की आगामी वार्षिक पोस्ट-ऑस्कर मीटिंद में 72 वर्षीय निर्देशक और निर्माता ने नियम में बदलाव के लिए योजना बनाई है जो नेटफ्लिक्स फिल्मों पर रोक लगाएगा।

जैसे कि नेटफ्लिक्स पर रीलीज हुई रोमा जिसने 2019 के ऑस्कर में तीन पुरस्कार जीते। स्वाभाविक रूप से, इसने हॉलीवुड के फिल्म निर्माताओं को दो टीम में बदल दिया है कि फिल्मों का अच्छा तरीका कौनसा है।

उन्होंने पहले भी कहा है कि नेटफ्लिक्स फिल्मों को केवल एम्मिस पर कंपीट करना चाहिए जो टीवी रिलीज को कवर करती है। द एम्मीज़ के पास “टीवी फिल्मों” के लिए एक पार्ट है जहां एचबीओ की कई फिल्मों को नामांकित किया जाता है।

लेकिन अब सवाल यही उठता है कि यहां कौन सही है? नेटफ्लिक्स आपके फिल्म देखने के तरीके को बदलना चाहता है। स्टीवन स्पीलबर्ग थिएटर के एक्सपीरिएंस को बचाना चाहते हैं। ये दोनों ही पॉइन्ट एक दूसरे से फिलहाल टकरा रहे हैं।

ROMA netflix

नेटफ्लिक्स के लिए ऑस्कर टैलेंट को बढ़ाने और अपने दर्शकों को और तरह के सिनेमा बनाने में मदद कर सकता है। यह नेटफ्लिक्स की फिल्मों को और ज्यादा काम करने और ज्यादा बड़ी इंडस्ट्री बनने में भी मदद कर सकता है। नेटफ्लिक्स ऐसी कई फिल्में अपने प्लेटफॉर्म में रीलीज करता है जो सिनेमाघरों में भी चल रही होती हैं। कई बार तो ऐसा भी होता है कि कई फिल्में सिनेमा घरों में नहीं लगती।

यह थिएटर इंडस्ट्री के लिए एक तरह का खतरा हो सकता है जो कि लोगों के सिनेमाघरों में फिल्में देखने पर पैसा कमाते हैं। नेटफ्लिक्स ने सिनेमाघरों में “रोमा” को विशेष रूप से तीन हफ्ते पहले रीलीज किया जिसके बाद अपने पोर्टल पर इसे स्ट्रीम कर दिया। आम तौर पर बड़ी फिल्में 90 दिनों तक सिनेमा घरों में लगती हैं। उसके बाद ही कहीं स्ट्रीम के लिए डाली जाती हैं।

ऐसे में दोनों के बीच ये विवाद आने वाले दिनों में हमारे एक्सपीरिएंस को काफी प्रभावित कर सकता है। फिल्मों को ऑस्कर नामांकन के लिए पात्र होने के लिए कम से कम एक सप्ताह के लिए सिनेमाघरों में होना चाहिए।

स्पीलबर्ग और इनके जैसे अन्य रचनाकार थिएटर विंडो को बचाए रखना चाहते हैं। यह सभी स्ट्रीमिंग पोर्टल्स को मैसेज देना चाहते हैं कि थिएटर फिल्में अभी भी मायने रखती हैं खासकर यदि आपको कोई पुराना पुरस्कार जीतना है तो।

स्पीलबर्ग कई नियम बनाने के फिराक में है ताकि इन स्ट्रीमिंग वेबसाइट्स पर किसी तरह का कंट्रोल किया जा सके।

Neha Chouhan

12 साल का अनुभव, सीखना अब भी जारी, सीधी सोच कोई ​दिखावा नहीं, कथनी नहीं करनी में विश्वास, प्रयोग करने का ज़ज्बा, गलत को गलत कहने की हिम्मत...

Leave a Comment

Recent Posts

रोहित शर्मा ने कप्‍तान हार्दिक पांड्या को बाउंड्री पर दौड़ाया।

रोहित शर्मा ने सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ फील्डिंग की सजावट की और कप्‍तान हार्दिक पांड्या…

1 month ago

राजनाथ सिंह ने अग्निवीर स्कीम को लेकर दिया संकेत, सरकार लेगी बड़ा फैसला

अग्निवीर स्कीम को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने…

1 month ago

सुप्रीम कोर्ट का CAA पर रोक लगाने से इनकार, केंद्र सरकार से मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को नागरिकता संशोधन कानून (CAA) रोक लगाने से इनकार कर दिया…

1 month ago

प्रशांत किशोर ने कि लोकसभा चुनाव पर बड़ी भविष्यवाणी

चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बड़ी भविष्यवाणी की है। प्रशांत…

1 month ago

सुधा मूर्ति राज्यसभा के लिए नामित, PM मोदी बोले – आपका स्वागत है….

आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इंफोसिस के चेयरमैन नारायण मूर्ति…

2 months ago

कोलकाता हाई कोर्ट के पूर्व जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने थामा भाजपा दामन, संदेशखाली पर बोले – महिलाओं के साथ बुरा हुआ है…

कोलकाता हाई के पूर्व जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय भाजपा में शामिल हो गए है। उन्होंने हाल…

2 months ago