ताजा-खबरें

आप भी सोचें : इंदौर में प्लास्टिक की बोतल पर बैन, अब ऑफिस और संस्थाओं में दिया जाता है तांबे के लौटों में पानी

आए दिन प्रदूषण को लेकर शोधकर्ताओं के नए—नए और चौकाने वाले शोध, पर बदलाव के नाम पर कोई प्रगति देखने को नहीं मिलती है। क्यों हम अपने स्वास्थ्य और पर्यावरण को लेकर सिर्फ चिंतित ही दिखते हैं? क्यों एकजुट होकर उस पर अमल करके दूर करने की नहीं सोचते हैं, जैसा इंदौर के लोगों और प्रशासन ने कर दिखाया है। जी हां, इंदौर लगातार तीन सालों से देश का सबसे स्वच्छ शहर बना हुआ है और पुरस्कृत भी हो चुका है।

केवल शोध और चिंता से कुछ नहीं होता है जब तक खुद त्याग नहीं करोगे, तब तक बदलाव की बयार नहीं ला सकते। यही किया है इंदौर शहर के प्रशासन और बड़ी संस्थाओं ने। जिसकी बदौलत इंदौर पूरे देश में स्वच्छता के मामले में पहले स्थान पर है। यहां पर अब प्लास्टिक की बोतलों के उपयोग पर हर संस्था और सरकारी निकाय रोक लगाने की ओर कटिबद्ध दिख रहे हैं। शहर की कई संस्थान ऐसे हैं जहां पानी पीने के लिए प्लास्टिक की बोतलों के स्थान पर तांबे के लौटों और जगों का उपयोग किया जाने लगा है। वहीं, नगर निगम ने शहर को डिस्पोजल मुक्त बनाने के लिए बर्तन बैंक बनाया है।

जब ठान ले तो क्या नहीं होता और जब परिवर्तन बड़े लोग या संस्था करें तो आम जनता उसे जरूर अपनाती है। इसी क्रम में अपना योगदान देने में इंदौर के पुलिस उप महानिरीक्षक कार्यालय आगे आया, यहां पर प्लास्टिक की बोतल में पानी की आपूर्ति को बैन कर दिया और उसके स्थान पर तांबे के लोटे से पानी की आपूर्ति की जाने लगी है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) रुचिर्वान मिश्र ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत और प्लास्टिक के विरोध में पूरे परिसर में डिस्पोजेबल प्लास्टिक वस्तुओं, पानी की बोतलों पर न सिर्फ प्रतिबंध लगा दिया है, बल्कि तांबे के लोटे में पानी दिया जाने लगा है।

आईआईएम ने भी किया प्लास्टिक को बैन

ऐसा ही कदम शहर के प्रतिष्ठित संस्थान आईआईएम इंदौर ने उठाया और पर्यावरण संरक्षण के लिए मजबूत कदम उठाया ताकि लोग भी अनुसरण कर सके। यहां के प्रबंधन ने संस्था परिसर में प्लास्टिक की बोतल पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है। इसका परिणाम यह रहा कि यहां पर अब न तो छात्र, न टीचर और न ही नॉन टीचिंग स्टाफ पीने के लिए प्लास्टिक की बोतल का इस्तेमाल कर रहा है। यही नहीं यहां होने वाले कार्यक्रमों में मेहमानों को भी बोतल बंद पानी के बजाय पीतल की बोतल और कांच के गिलास में पानी दिया जा रहा है। छात्रों को भी इन्हीं बर्तनों में पानी पीने के लिए दिया जा रहा है। इस प्रकार प्रबंधन ने प्लास्टिक की अन्य वस्तुओं पर भी धीरे—धीरे प्रतिबंध लगाने की तैयारी में है।

इस प्रकार एक शैक्षिणक संस्था आईआईएम द्वारा हरियाली को बढ़ाने के लिए एक कदम उठाया गया है जिसके माध्यम से मीटिंग, सेमिनार, वर्कशॉप या किसी भी कार्यक्रम के लिए कोई मेहमान परिसर में आएगा तो उनसे एक पौधा जरूर लगवाया जाएगा।

नगर निगम ने शहर को डिस्पोजल मुक्त बनाने के लिए खोला ‘बर्तन बैंक’

इसके अलावा इंदौर नगर निगम ने शहर को डिस्पोजल मुक्त बनाने की मुहिम के अंतर्गत ‘बर्तन बैंक’ खोल चुका है। इस बैंक द्वारा अगर कोई व्यक्ति किसी समारोह में डिस्पोजल बर्तनों का उपयोग नहीं करता, उसे इस बैंक से स्टील के बर्तन उपलब्ध कराए जा रहे हैं, इसके लिए उनसे कोई शुल्क नहीं लिया जाता है। नगर निगम ने यह बर्तन बैंक एक गैर सरकारी संगठन बेसिक्स के साथ शुरू किया है। जो कोई व्यक्ति इस बैंक की सेवा चाहता है उसे यह बताना होता है कि उसने डिस्पोजल बर्तन का उपयोग न करने का फैसला लिया है। लिहाजा, उसे बर्तन उपलब्ध कराए जाएं।

पूरे देश के शहरों को अपनाने योग्य पहल

इंदौर पहले अन्य शहरों की तरह गंदा, जगह-जगह कचरों के ढेर नजर आना सामान्य बात थी। जब इंदौर वर्ष 2015 के स्वच्छता सर्वेक्षण में 25वें स्थान पर रहा तो कुछ नया करने की ठानी और आज अपने शहर के संस्थानों और सरकारी विभागों के इस पहल से देश के शीर्ष स्थान पर काबिज है।

नगर निगम, शहर के संस्थानों और स्थानीय लोगों के प्रयास से इंदौर में स्वच्छता को लेकर जागरूकता बढ़ी। जब पहली बार ‘स्वच्छ सर्वेक्षण 2017’ में इंदौर को पूरे देश में पहला स्थान मिला, तो उसके बाद से इंदौर ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। अब यहां का हर नागरिक स्वयं इतना जागरूक है कि वह कचरे के लिए कचरा गाड़ी का इंतजार करता है। 350 से ज्यादा छोटी कचरा गाड़ियां पूरे शहर में घूमती रहती हैं।

जब ये संस्थान और सरकारी विभाग अपने स्तर पर प्लास्टिक बोतल और अन्य प्लास्टिक उत्पादों पर प्रतिबंध लगा सकते हैं और प्लास्टिक बोतल के विकल्प के रूप में तांबे और पीतल के बर्तनों का उपयोग को बढ़ावा देते हैं। इस प्रकार यह विकल्प न केवल मानव स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है बल्कि पर्यावरण प्रदूषण को कम करने का अच्छा साधन है। बस जरूरत है तो इन संस्थानों की तरह देश के हर नागरिकों द्वारा इन बदलावों अपनाने की।

Rakesh Singh

Leave a Comment

Recent Posts

रोहित शर्मा ने कप्‍तान हार्दिक पांड्या को बाउंड्री पर दौड़ाया।

रोहित शर्मा ने सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ फील्डिंग की सजावट की और कप्‍तान हार्दिक पांड्या…

1 month ago

राजनाथ सिंह ने अग्निवीर स्कीम को लेकर दिया संकेत, सरकार लेगी बड़ा फैसला

अग्निवीर स्कीम को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने…

1 month ago

सुप्रीम कोर्ट का CAA पर रोक लगाने से इनकार, केंद्र सरकार से मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को नागरिकता संशोधन कानून (CAA) रोक लगाने से इनकार कर दिया…

1 month ago

प्रशांत किशोर ने कि लोकसभा चुनाव पर बड़ी भविष्यवाणी

चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बड़ी भविष्यवाणी की है। प्रशांत…

1 month ago

सुधा मूर्ति राज्यसभा के लिए नामित, PM मोदी बोले – आपका स्वागत है….

आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इंफोसिस के चेयरमैन नारायण मूर्ति…

2 months ago

कोलकाता हाई कोर्ट के पूर्व जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने थामा भाजपा दामन, संदेशखाली पर बोले – महिलाओं के साथ बुरा हुआ है…

कोलकाता हाई के पूर्व जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय भाजपा में शामिल हो गए है। उन्होंने हाल…

2 months ago