ताजा-खबरें

क्या इस मानसून ‘स्टेच्यू ऑफ यूनिटी’ को रेनकोट पहनाना पड़ेगा !

हमारा देश बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है और यहां रोज नए डवलपमेंट भी हो रहे हैं। मगर हम जितनी तेजी से आगे बढ़ रहे हैं क्या हम उतनी ही तेजी से पुरानी धरोहर को मेंटेन कर पा रहे हैं। देश की हैरिटेज प्रॉपर्टी तो जर्जर हालत में है ही मगर नई इमारतें भी  बस नाम की हैं। आप सोच रहे होंगे कि हैरिटेज पर इतना ज्ञान क्यों दे रहे हैं। खबर है कि गुजरात में 3000 करोड़ की लागत से बनाए गए स्टेच्यू ऑफ यूनिटी पहली ही बारिश में लीक होने लगी है।

अभी स्टेच्यू ऑफ यूनिटी को बने एक साल भी नहीं हुआ

ये महान मूर्ति अभी पिछले ही साल अक्टूबर में शुरू हुई थी, अभी तो इसे बने पूरा एक साल भी नहीं हुआ। पहली ही बारिश में इसकी दर्शक गैलरी में बारिश का पानी घुस गया है। इस बीच किसी पर्यटक ने फर्श पर फैले पानी और छत से पानी टपकने का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया। फिर क्या था बाकी खबरों और वीडियोज की तरह ये भी जमकर वायरल हो गया। यहीं नहीं इसके बाद लोगों ने मोदी सरकार पर भी सवाल उठाने शुरू कर दिये हैं। स्टेच्यू आफ यूनिटी के अधिकारियों ने बताया कि 135 मीटर ऊंची इस गैलरी के सामने ग्रिल लगा है जिससे भारी बारिश के दौरान तेज हवा के साथ पानी घुस जाता है।

दुनिया की सबसे बड़ी इमारत पहली बारिश नहीं झेल पाई

बता दें कि नर्मदा जिले के केवड़िया में 182 मीटर ऊंची सरदार पटेल की स्टेच्यू ऑफ यूनिटी दुनिया में अपनी तरह की सबसे ऊंची प्रतिमा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 31 अक्टूबर को उसका उद्घाटन किया था। नर्मदा कलेक्टर और प्रतिमा के लिए मुख्य प्रशासक आईके पटेल कहा कि दर्शक गैलरी के अंदर पानी रिसने की घटना प्राकृतिक है। उन्होंने कहा कि अतिरिक्त पानी को बाहर निकालने के लिए वहां एक चैनल था। पटेल ने कहा, “बारिश के पानी का निपटान करने के लिए एक चैनल है लेकिन जब हवा की गति अधिक होती है, तो बहुत सारा पानी आता है और हाउस कीपिंग के कर्मचारी लगातार इसे बाहर निकालते हैं।

रेनकोट वाली फोटोज सोशल मीडिया पर वायरल

जब दुनिया की सबसे बड़ी इमारत से पानी रिस रहा है तो इसको लेकर नए प्रयोग भी होने लगे हैं। गुजरात के एक स्थानीय अखबार ने स्टेच्यू आफ यूनिटी के अंदर पानी घुसने की खबर को एक अलग अंदाज में प्रस्तुत किया। इस अखबार ने एक ग्राफिक बनाया था जिसमें इस स्टेच्यू को रेनकोट पहनाया गया। उस अखबार को इस समस्या से निजात दिलाने का यही निदान समझ में आया। मगर सच में हमारी व्यवस्थाओं पर ये एक कटाक्ष की तरह है कि सरकार इतना मोटा पैसा खर्च करने के बावजूद इस इमारत को बरसात से सुरक्षित नहीं कर पाई। अभी तो इस इमारत को बहुत से सावन देखने है। क्या हम ऐसी इमारतों को अपनी आने वाली पीढ़ी के लिए बचा पाएंगे!

sweta pachori

Leave a Comment

Recent Posts

रोहित शर्मा ने कप्‍तान हार्दिक पांड्या को बाउंड्री पर दौड़ाया।

रोहित शर्मा ने सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ फील्डिंग की सजावट की और कप्‍तान हार्दिक पांड्या…

1 month ago

राजनाथ सिंह ने अग्निवीर स्कीम को लेकर दिया संकेत, सरकार लेगी बड़ा फैसला

अग्निवीर स्कीम को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने…

1 month ago

सुप्रीम कोर्ट का CAA पर रोक लगाने से इनकार, केंद्र सरकार से मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को नागरिकता संशोधन कानून (CAA) रोक लगाने से इनकार कर दिया…

2 months ago

प्रशांत किशोर ने कि लोकसभा चुनाव पर बड़ी भविष्यवाणी

चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बड़ी भविष्यवाणी की है। प्रशांत…

2 months ago

सुधा मूर्ति राज्यसभा के लिए नामित, PM मोदी बोले – आपका स्वागत है….

आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इंफोसिस के चेयरमैन नारायण मूर्ति…

2 months ago

कोलकाता हाई कोर्ट के पूर्व जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने थामा भाजपा दामन, संदेशखाली पर बोले – महिलाओं के साथ बुरा हुआ है…

कोलकाता हाई के पूर्व जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय भाजपा में शामिल हो गए है। उन्होंने हाल…

2 months ago