ये हुआ था

कवि रहीम दास को विरासत में मिला था काव्य रचना का हुनर, अकबर के ‘नौ रत्नों’ में थे शामिल

मशहूर कवि रहीम दास मुगल आक्रांता अकबर के नौ रत्नों में एक थे। कवि रहीम का हिंदी साहित्य में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उनके लिखे दोहे आज भी लोगों को प्रेरणा देते हैं। उन्होंने अकबर के समय रामायण, महाभारत, पुराण और गीता जैसे ग्रंथों का अध्ययन किया था। साथ ही उनमें से कइयों का फारसी में अनुवाद करने में भी मदद की थी। आज 17 दिसंबर को रहीम दास की 466वीं जयंती है। इस खास मौके पर जानिए उनके जीवन के बारे में कुछ रोचक बातें…

कवि रहीम दास का जीवन परिचय

अब्दुल रहीम खान-ए-खाना का जन्म 17 दिसम्बर, 1556 को लाहौर में हुआ था। इनके पिता मुगल बादशाह अकबर के संरक्षक बैरम खान और माता का नाम सुल्ताना बेगम था। उनके जन्म के समय बैरम खान की उम्र 60 साल थी। उनकी माता सईदा बेगम एक कवयित्री थी, जिसका प्रभाव बालक रहीम पर भी पड़ा। उन्हें काव्य रचना का हुनर विरासत में मिला था। जब बैरम खान हज यात्रा पर गए थे, तब उनकी हत्या एक अफगानी पठान ने कर दी। इसके बाद रहीम को अपना सौतेला बेटा बना लिया और अकबर ने बैरम खान की दूसरी पत्नी सईदा बेगम से विवाह कर लिया था।

रहीम का हिंदी में योगदान

रहीम ने अपने जीवनकाल में हिंदी साहित्य में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनके द्वारा कई ग्रंथ लिखे गए थे, जिनमें रहीम दोहावली या सतसई, बरवै, नायिका भेद, श्रृंगार, सोरठा, मदनाष्ठ्क, राग पंचाध्यायी, नगर शोभा, फुटकर बरवै, फुटकर छंद तथा पद, फुटकर कवित्त, सवैये, संस्कृत काव्य आदि शामिल हैं। उन्होंने अपने ग्रंथो में पूर्वी अवधी, ब्रज भाषा तथा खड़ी बोली का प्रयोग किया।

अब्दुल रहीम खान-ए-खाना की मृत्यु

अकबर की मृत्यु के बाद जहांगीर बादशाह बना। अबुल फजल और मानसिंह की तरह ही रहीम दास नहीं चाहता था कि जहांगीर बादशाह बने। उन्हें जहांगीर के पक्ष में नहीं होने की बड़ी सजा मिली और उनके दो बेटों को जहांगीर ने मरवा दिया। बाद में वर्ष 1627 में अब्दुल रहीम खान-ए-खाना की चित्रकूट में मृत्यु हो हुई। उनका शव दिल्ली लाया गया और वहां मकबरा बनाया गया।

रहीम के लिखे प्रसिद्ध दोहे

रहिमन पानी राखिये, बिन पानी सब सुन।
पानी गए न ऊबरे, मोती मानुष चुन।।

कदली, सीप, भुजंग-मुख, स्‍वाति एक गुन तीन।
जैसी संगति बैठिए, तैसोई फल दीन॥

जो रहीम गति दीप की, कुल कपूत गति सोय।
बारे उजियारो लगे, बढे अँधेरो होय।।

अब रहीम मुश्किल पड़ी, गाढ़े दोऊ काम।
साँचे से तो जग नहीं, झूठे मिलैं न राम॥

कनक-कनक ते सौ गुनी, मादकता अधिकाय।
या पाए बोराय नर, बा पाए बोराय।।

रहिमन धागा प्रेम का, मत तोरो चटकाय।
टूटे पे फिर ना जुरे, जुरे गाँठ परी जाय।।

बड़ा हुआ तो क्या हुआ, जैसे पेड़ खजूर।
पंथी को छाया नहीं, फल लागे अति दूर।।

अब रहीम चुप करि रहउ, समुझि दिनन कर फेर।
जब दिन नीके आइ हैं, बनत न लगि है देर।।

ओछो काम बड़े करैं तौ न बड़ाई होय।
ज्‍यों रहीम हनुमंत को, गिरधर कहै न कोय॥

रहिमन देख बड़ेन को, लघु न दीजिये डारि।
जहाँ काम आवै सुई, कहा करै तलवार।।

जो बड़ेन को लघु कहें, नहीं रहीम घटी जाहिं।
गिरधर मुरलीधर कहें, कछु दुःख मानत नाहिं।।

बिगरी बात बने नहीं, लाख करो किन कोय।
रहिमन फाटे दूध को, मथे न माखन होय।।

छिमा बड़न को चाहिए, छोटेन को उतपात।
का रहिमन हरि को घट्यो, जो भृगु मारी लात॥

जो रहीम उत्तम प्रकृति, का करी सकत कुसंग।
चन्दन विष व्यापे नहीं, लिपटे रहत भुजंग।।

रूठे सुजन मनाइए, जो रूठे सौ बार।
रहिमन फिरि फिरि पोइए, टूटे मुक्ता हार।।

Read: बचपन से ही बड़ा आदमी बनने का सपने देखा करते थे सुप्रसिद्ध उपन्यासकार उपेन्द्रनाथ ‘अश्क’

Raj Kumar

Leave a Comment

Recent Posts

रोहित शर्मा ने कप्‍तान हार्दिक पांड्या को बाउंड्री पर दौड़ाया।

रोहित शर्मा ने सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ फील्डिंग की सजावट की और कप्‍तान हार्दिक पांड्या…

1 month ago

राजनाथ सिंह ने अग्निवीर स्कीम को लेकर दिया संकेत, सरकार लेगी बड़ा फैसला

अग्निवीर स्कीम को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने…

1 month ago

सुप्रीम कोर्ट का CAA पर रोक लगाने से इनकार, केंद्र सरकार से मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को नागरिकता संशोधन कानून (CAA) रोक लगाने से इनकार कर दिया…

1 month ago

प्रशांत किशोर ने कि लोकसभा चुनाव पर बड़ी भविष्यवाणी

चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बड़ी भविष्यवाणी की है। प्रशांत…

1 month ago

सुधा मूर्ति राज्यसभा के लिए नामित, PM मोदी बोले – आपका स्वागत है….

आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इंफोसिस के चेयरमैन नारायण मूर्ति…

2 months ago

कोलकाता हाई कोर्ट के पूर्व जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने थामा भाजपा दामन, संदेशखाली पर बोले – महिलाओं के साथ बुरा हुआ है…

कोलकाता हाई के पूर्व जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय भाजपा में शामिल हो गए है। उन्होंने हाल…

2 months ago