गरम मसाला

आरएसएस की शाखा के अनुशासन और प्रशिक्षण के फैन मिलिंद, अपनी किताब में किया खुलासा

एक्टर और मॉडल मिलिंद सोमन ने अपनी किताब ‘मेड इन इंडिया:अ मेम्योर’ में अपनी जिंदगी से जुड़ी कई दिलचस्प बातों का खुलासा किया जा चर्चा का विषय बना हुआ है। इस किताब की सबसे प्रमुख बात यह है कि इसमें उन्होंने RSS के बारे में अपने विचार भी लिखे हैं। जो उनके आरएसएस शाखा से जुड़े अनुभव हैं।

उन्होंने किताब में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बारे में लिखा कि “एक और बात जब मैंने आरएसएस ज्वॉइन किया, तो एक बार फिर से सारी चीजें लोकल थी। लोकल शाखा या शिवाजी पार्क का ट्रेनिंग सेंटर, और बाबा को इस बात में बहुत ज्यादा यकीन था कि इससे एक युवा लड़के में अनुशासन, जीने के तरीके, फिटनेस और सोचने के ढंग में बड़े बदलाव आते हैं। इससे प्रेरित होकर उन दिनों हमारे पड़ौस के ज्यादातर युवा यही किया करते थे। शिवाजी पार्क में जाना एक दिनचर्या बन गई थी।’

खेल में बहुत मजा आता

वह लिखते हैं कि ”आरएसएस ज्वॉइन करने के बाद मैंने कुछ वक्त के लिए दूरी बना ली थी, प्रतिभावान लोगों के पीछे छिपा रहा। मुझे कई बार इस बात से काफी गुस्सा आता था कि कि मेरे माता—पिता ने मुझ जैसे अकेले खुश रहने वाले बच्चे को बिना मुझसे पूछे काफी ताकत वाली चीजों में धकेल दिया है, और मैं इसका हिस्सा बिल्कुल भी नहीं बनना चाहता था। आमतौर पर मेरे साथी एक बुजुर्ग एंग्लो-इंडियन कपल और उनका बॉक्सर वाले अंदाज में जीने का तरीका हुआ करता था।”

किताब में उन्होंने यह भी लिखा कि, “हर दिन शाम को वॉक पर जाना मेरी आदत में शामिल हो गया। मैंने अपनी पूरी जिंदगी इसे निभाया। आज जब मैं मीडिया द्वारा आरएसएस को कम्युनल (सांप्रदायिक) और नुकसानदेह प्रोपैगैंडा वाला कहा जाता है तो मैं सच में बहुत ज्यादा परेशान हो जाता हूं। मेरी यादों में शाखा की अलग यादें बसती हैं। हम खाकी शॉर्ट्स पहनकर मार्च करते थे और कुछ योग करते थे, आउटडोर जिम में कुछ फैन्सी इक्विपमेंट के साथ थोड़ा वर्कआउट करते थे। हम गाने गाते थे, संस्कृत मंत्र पढ़ते थे जिनका हमें मतलब भी नहीं पता होता था और अपने साथियों के साथ कई खेल खेलते थे जिसमें बहुत मजा आता था।”

कभी नहीं की हिंदू होने की बातें

मिलिंद ने लिखा कि मेरे पिता भी आरएसएस के सदस्य रहे हैं और वह एक हिंदू होने पर गर्व करते थे। मैंने कभी नहीं समझा कि इसमें गर्व करने जैसा क्या था, परंतु वहीं मैंने यह भी नहीं देखा कि इसमें शिकायत करने जैसा क्या है। ये सब था। मुझे नहीं पता कि मेरे शाखा लीडर्स हिंदू होने के बारे में क्या सोचते थे। जितना मुझे याद है तो वो इस बारे में अपने विचार भी हमारे सामने कभी नहीं रखते थे।

Rakesh Singh

Leave a Comment

Recent Posts

रोहित शर्मा ने कप्‍तान हार्दिक पांड्या को बाउंड्री पर दौड़ाया।

रोहित शर्मा ने सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ फील्डिंग की सजावट की और कप्‍तान हार्दिक पांड्या…

1 month ago

राजनाथ सिंह ने अग्निवीर स्कीम को लेकर दिया संकेत, सरकार लेगी बड़ा फैसला

अग्निवीर स्कीम को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने…

1 month ago

सुप्रीम कोर्ट का CAA पर रोक लगाने से इनकार, केंद्र सरकार से मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को नागरिकता संशोधन कानून (CAA) रोक लगाने से इनकार कर दिया…

2 months ago

प्रशांत किशोर ने कि लोकसभा चुनाव पर बड़ी भविष्यवाणी

चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बड़ी भविष्यवाणी की है। प्रशांत…

2 months ago

सुधा मूर्ति राज्यसभा के लिए नामित, PM मोदी बोले – आपका स्वागत है….

आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इंफोसिस के चेयरमैन नारायण मूर्ति…

2 months ago

कोलकाता हाई कोर्ट के पूर्व जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने थामा भाजपा दामन, संदेशखाली पर बोले – महिलाओं के साथ बुरा हुआ है…

कोलकाता हाई के पूर्व जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय भाजपा में शामिल हो गए है। उन्होंने हाल…

2 months ago