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जन्म के समय कम वजन वाले बच्चों में सांस संबंधी खतरों की संभावना अधिक: शोध

हैल्दी रहने के लिए ‘कार्डियोरेस्पिरेटरी फिटनेस’ अच्छा होना बेहद जरूरी है। इसके स्वस्थ रहने से हमारे शरीर कई बीमारियों से बच सकता है और समय से पहले मौत का खतरा भी कम हो सकता है। आज के समय में युवाओं और वयस्कों की सेहत में गिरावट आ रही है जिसके वजह कार्डियोरेस्पिरेटरी फिटनेस में गिरावट रही है।

हाल में स्वीडन की कारोलिंस्का इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं द्वारा ‘कार्डियोरेस्पिरेटरी फिटनेस’ पर शोध जेएएचए पत्रिका में प्रकाशित हुआ। जिसके अनुसार जन्म के समय कम वजन वाले शिशुओं में कार्डियोरेसपेरेन्ट फिटनेस के अस्वस्थ रहने की संभावना उन शिशुओं से अधिक रहती है, जिनका जन्म के समय वजन सामान्य था।

इस शोध यह इस बात का खुलासा हुआ है कि आज के युवाओं में सांस फूलने की समस्या की एक वजह जन्म के समय वजन कम होना भी है। इस शोध में स्वीडन के 2.80 लाख लोगों को शामिल किया गया।

शोधकर्ताओं ने 17 से 24 साल तक की आयु वर्ग की ट्रेकिंग की गई। स्वीडन के पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट ने उनकी फिटनेस जांचने के लिए साइकिल चलवाई। इस दौरान साइकिल एरगोमीटर पर उनके अधिकतम एरोबिक प्रदर्शन का मूल्यांकन किया गया था। जिसके आधार पर शोधकर्ताओं ने निष्कर्ष निकाला कि जिन लोगों का वजन जन्म के समय अधिक था,उन्होंने कार्डियोरेसपिरेटरी फिटनेस टेस्ट में बेहतर प्रदर्शन किया। जन्म के समय हर 450 ग्राम ज्यादा वजन, 40 सप्ताह के बाद जन्मे बच्चों में साइकिल चलाने की क्षमता में वृद्धि देखने को मिली।

कार्डियोरेसपेरेन्ट फिटनेस लेवल में आ रही है कमी

शोधकर्ताओं का कहना है कि दौड़ने के दौरान हांफने पर हम खुद की फिटनेस को दोष देते हैं। लेकिन इसकी वास्तविकता कुछ ओर है, जो शोध से मालूम होती है कि जन्म के समय कम वजन इसके लिए उत्तरदायी है। ब्रिटिश जर्नल ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन के मुताबिक दुनियाभर के युवाओं और वयस्कों में कार्डियोरेस्पिरेटरी फिटनेस कमजोर होने की समस्या तेजी से फैल रही है। पिछले 20 साल में युवाओं में इस तरह के मामले 46% तक बढ़ गए हैं।

शोध का नेतृत्व करने वाले डॉक्टर डेनियल बर्गलिंड के अनुसार, ‘दुनियाभर में जन्म लेने वाले 15% बच्चों का औसत वजन 2.5 किलो से भी कम है। इसका असर कार्डियोरेस्पिरेटरी फिटनेस पर निश्चित रूप से पड़ता है। स्वीडन में 1995 से 2017 के बीच जन्में लोगों का कार्डियोरेसपेरेन्ट फिटनेस लेवल में कमी 27% से बढ़कर 46% पर पहुंच गई। ये निष्कर्ष दुनियाभर की हेल्थ पॉलिसी पर असर डालेंगे।’

कार्डियोरेस्पिरेटरी फिटनेस क्या है

शरीर में निरंतर शारीरिक गतिविधि के दौरान मांसपेशियों को ऑक्सीजन की सप्लाई करने की क्षमता को कार्डियोरेस्पिरेटरी फिटनेस कहा जाता है। जोकि व्यक्ति के स्वस्थ रहने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है और कई बीमारियों एवं समय से पहले मौत के जोखिम को कम करने में सहायक हो सकता है।

शोधकर्ताओं के अनुसार जन्म के समय अधिक वजन वाले बच्चों का फिटनेस का स्तर युवावस्था में अच्छा रहता है। इस कारण से वे हर टेस्ट में बेहतर प्रदर्शन कर पाते हैं। स्टडी के सह लेखक विक्टर एलक्विस्ट के मुताबिक, ‘प्रसव के दौरान बेहतर देखभाल करके कम वजन की समस्या को दूर किया जा सकता है।’

निष्कर्ष

कार्डियोरेस्पिरेटरी फिटनेस पर प्राप्त शोधकर्ताओं के निष्कर्ष से स्पष्ट होता है कि आज के समय में गर्भवती महिलाओं को अपने खानपान पर विशेष ध्यान देना चाहिए। गर्भ में पल रहे शिशु की सेहत के लिए चिकित्सकों से समय पर परामर्श लेते रहना चाहिए। ताकि जन्म लेने वाले शिशु का वजन 2.5 किलो से अधिक हो। अगर शिशु का वजन अधिक होगा तो वयस्क होने पर उसके स्वास्थ्य के लिए कार्डियोरेस्पिरेटरी फिटनेस बेहतर रहेगा।

Rakesh Singh

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