हलचल

Surf Excel वाले मामले में अब जो हुआ है वो सिर्फ “भारतीय” ही कर सकते हैं !

सर्फ एक्सेल नामक डिटर्जेंट का होली पर आया एक नया एडवर्टाइजमेंट इन दिनों काफी चर्चा में है, जिसमें होली पर नमाज पढ़ने के लिए जाते एक मुस्लिम लड़के को रंग से बचाकर हिंदू लड़की मस्जिद ले जाती हुई दिखती है। इस एडवर्टाइजमेंट को हिंदू विरोधी, लव-जेहाद और ना जाने क्या-क्या कहकर सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर शेयर किया जा रहा है।

चलिए यह तो हमारे देश में पिछले काफी समय से हो रहा है कि जो भी पसंद ना आए या बेतुका लगे उसको सोशल मीडिया पर ट्रोल या बायकॉट कर दो। लेकिन सर्फ एक्सल वाले एडवर्टाइजमेंट में कुछ कथित राष्ट्रवादियों ने तो इस बार हदें ही पार कर दी। सर्फ एक्सल को बायकॉट करने वालों का गुस्सा Google Play स्टोर पर भी देखने को मिला, अब आप सोच रहे होंगे वहां ऐसा कैसे हुआ?

दरअसल कुछ दिमागी राष्ट्रभक्तों ने यही सोचा होगा कि क्यों ना सर्फ एक्सल के मालिक तक सीधी यह बात पहुंचाई जाए तो लोग Microsoft एक्सेल को कम रेटिंग देने लगे।

हालांकि, प्ले स्टोर पर इस तरह की प्रतिक्रियाएं अभी बहुत कम है लेकिन यह समय के साथ और बढ़ सकती है। एक यूजर ने रेटिंग देते हुए लिखा कि, “मुझे यह ऐप पसंद थी, जब तक कि इन्होंने सर्फ के साथ भागीदारी करके इस तरह का धार्मिक विज्ञापन नहीं बनाया था। अब जहां कभी भी मैं एक्सेल शब्द देखता हूं, मुझे केवल इसका हिंदू विरोधी प्रचार ही दिखाई देता है।”

 

बेशक, आप यह जानते होंगे कि माइक्रोसॉफ्ट और सर्फ एक्सल के बीच किसी भी तरह का कोई नाता नहीं है। वहीं सर्फ एक्सेल एडवर्टाइजमेंट को लेकर हुआ विवाद अनावश्यक सा लगता है क्योंकि एडवर्टाइजमेंट धार्मिक सद्भाव को बढ़ावा देता है और वास्तव में किसी भी तरह की कोई नकारात्मक बात नहीं कहता है। लेकिन असल बात यह है कि तर्क और बयानबाजी के बीच अक्सर भारतीय उलझे हुए हैं।

इसके अलावा एक-स्टार रेटिंग देने वाले एक यूजर लिखते हैं, “बायकॉट सर्फ़ एक्सेल। यह हिंदू विरोधी है। अपने बिजनेस को पाकिस्तान में ले जाएं।”

गूगल प्लेस्टोर स्क्रीनशॉट

हालांकि, यह पहली बार नहीं है कि भारतीयों ने नाराजगी व्यक्त करने के लिए ऐप रेटिंग का इस्तेमाल किया हो और इससे भी बदतर, यह भी पहली बार नहीं है कि हर बार भारतीयों ने गलत ऐप पर रेटिंग की बमबारी कर दी हो।

2017 में, एक रिपोर्ट में कहा गया था कि स्नैपचैट के सीईओ इवान स्पीगल ने एक बार कहा था कि कंपनी की भारत में विस्तार करने की योजना नहीं है क्योंकि देश “बहुत गरीब” है, बस इतना सुनते ही भारतीय बिलख गए और स्नैपचैट को डाउन करने के लिए कई लोग Google Play पर गए। वहां जाकर लोग भारतीय ई-कॉमर्स कंपनी स्नैपडील को एक-स्टार रेटिंग देने लगे।

हमे उम्मीद है कि माइक्रोसॉफ्ट एक्सेल को कम रेटिंग देने से पहले, लोगों को यह एहसास होगा कि वे गलत ऐप को टारगेट कर रहे हैं। या इससे बेहतर अभी ही, यह निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि इस पूरे विवाद का कोई मतलब नहीं है।

sweta pachori

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