शिक्षा

आज से शुरू हो रहे हैं श्राद्ध : क्या है पितृपक्ष और कौए का महत्व

हिन्दु धर्म में त्योहारों का एक अलग ही महत्व है। यहां हर थोड़े दिन में कोई त्योहार मनाया जाता है। शिवरात्रि, जन्माष्टमी और गणेश चतुर्थी के बाद अब आने वाले दिनोें में नवरात्रा, दशहरा और दीपावली जैसे बड़े त्योहारों की रौनक दिखाई देगी। लेकिन उससे पहले पूर्वजों को तर्पण किया जाएगा यानी श्राद्ध। आज से पितृपक्ष शुरू हो रहा है तो 28 सितम्बर तक रहेगा। आइए आपको बताते हैं कि श्राद्धों का क्या महत्व है। साथ ही यह भी जानें कि इस अवसर पर कौए को खाना क्यों खिलाया जाता है।

पूर्वजों को सम्मान देने की प्रथा

हिन्दू धर्म के अनुसार मृत्यु के पश्चात आत्मा की तृप्ति के लिए श्राद्ध किया जाता है। पितृों को तर्पण और श्राद्ध के लिए 15 दिन का समय तय होता है जिसे हम पितृ पक्ष के नाम से जानते हैं। यह पितृ पक्ष भाद्रपद मास की पूर्णिमा और अश्विन माह कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा से शुरू होते हैं। 13 सितंबर को पूर्णिमा का श्राद्ध होगा और 28 सितंबर को सर्व पितृ अमावस्या का श्राद्ध होगा।

बताया जाता है कि पितृों यानी पूर्वजों को प्रसन्न करने के लिए यह समय बहुत ही खास होता है। इन दिनों पितरों की पूजा करने से देवता प्रसन्न होते हैं और मरने वाली की आत्मा को भी शांति मिलती है।

ये है महत्व

हिुंदु मान्यताओं के अनुसार देवताओं की पूजा के पहले पितृों की पूजा की जानी चाहिए, इससे देवता प्रसन्न होते हैं। कहा जाता है कि श्राद्ध के दौरान यमराज मृत जीव को मुक्त कर देते हैं ताकि वह स्वजनों का तर्पण ग्रहण कर सके। इसलिए कहा जाता है कि श्राद्ध पूरे विधि विधान से किया जाना चाहिए नहीं तो स्वजनों की आत्मा भटकती रहती है।

माना जाता है कि जो लोग श्राद्ध नहीं करते उन्हें पितृदोष लगता है इसलिए पितृपक्ष में तर्पण करना आवश्यक है।

तिथि के अनुसार ही करें श्राद्ध

जिस तिथि में पूर्वज का देहावसान हुआ है उसी तिथि में श्राद्ध करना चाहिए। यदि तिथि ज्ञात नहीं है या किसी कारणवश उस तिथि को श्राद्ध नहीं कर पाते हैं तो पितृ अमावस्या, जिसे पितृ विसर्जन भी कहते हैं, को श्राद्ध कर सकते हैं। इसे सर्व पितृ श्राद्ध तिथि या योग भी कहा जाता है।
महिलाओं के लिए मातामही श्राद्ध अर्थात नवमी तिथि अधिक महत्वपूर्ण है।

ये है श्राद्ध की विधि

श्राद्ध वाले दिन सुबह उठकर स्नान-ध्यान करने के बाद पितृ स्थान को सबसे पहले शुद्ध करें। इसके बाद पंडित को बुलाकर पूजा और तर्पण करें। इसके बाद पितरों के लिए बनाए गए भोजन के चार ग्रास निकालें और उसमें से एक हिस्सा गाय, एक कुत्ते, एक कौए और एक अतिथि के लिए रख दें। गाय, कुत्ते और कौए को भोजन देने के बाद ब्राह्मण को भोजन कराएं। भोजन कराने के बाद ब्राह्मण वस्त्र और दक्षिणा दें।

कौए, कुत्ते और गाय को खिलाने की वजह

आइए आपको बताते हैं कि श्राद्ध में गाय, कुत्ते और कौए को खाना क्यों खिलाया जाता है।
— गरुड़ पुराण में गाय को वैतरणी नदी से पार लगाने वाली कहा गया है। गाय में ही सभी देवता निवास करते हैं। गाय को भोजन देने से सभी देवता तृप्त होते हैं।
— कुत्ता यमराज का पशु माना गया है, श्राद्ध का एक अंश इसको देने से यमराज प्रसन्न होते हैं।
— गरुड़ पुराण के अनुसार, कौआ यम का प्रतीक होता है, जो दिशाओं का फलित (शुभ-अशुभ संकेत बताने वाला) बताता है। इसलिए श्राद्ध का एक अंश इसे भी दिया जाता है। कौओं को पितरों का स्वरूप भी माना जाता है। श्राद्ध का भोजन कौओं को खिलाने से पितृ देवता प्रसन्न होते हैं और श्राद्ध करने वाले को आशीर्वाद देते हैं।

श्राद्ध पक्ष 2019 की महत्वपूर्ण तिथियां

पूर्णिमा श्राद्ध- 13 सितंबर 2019
पंचमी श्राद्ध- 19 सितंबर 2019
एकादशी श्राद्ध- 25 सितंबर 2019
मघा श्राद्ध- 26 सितंबर 2019
सर्वपितृ अमावस्या- 28 सितंबर 2019

Neha Chouhan

12 साल का अनुभव, सीखना अब भी जारी, सीधी सोच कोई ​दिखावा नहीं, कथनी नहीं करनी में विश्वास, प्रयोग करने का ज़ज्बा, गलत को गलत कहने की हिम्मत...

Leave a Comment

Recent Posts

रोहित शर्मा ने कप्‍तान हार्दिक पांड्या को बाउंड्री पर दौड़ाया।

रोहित शर्मा ने सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ फील्डिंग की सजावट की और कप्‍तान हार्दिक पांड्या…

1 month ago

राजनाथ सिंह ने अग्निवीर स्कीम को लेकर दिया संकेत, सरकार लेगी बड़ा फैसला

अग्निवीर स्कीम को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने…

1 month ago

सुप्रीम कोर्ट का CAA पर रोक लगाने से इनकार, केंद्र सरकार से मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को नागरिकता संशोधन कानून (CAA) रोक लगाने से इनकार कर दिया…

2 months ago

प्रशांत किशोर ने कि लोकसभा चुनाव पर बड़ी भविष्यवाणी

चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बड़ी भविष्यवाणी की है। प्रशांत…

2 months ago

सुधा मूर्ति राज्यसभा के लिए नामित, PM मोदी बोले – आपका स्वागत है….

आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इंफोसिस के चेयरमैन नारायण मूर्ति…

2 months ago

कोलकाता हाई कोर्ट के पूर्व जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने थामा भाजपा दामन, संदेशखाली पर बोले – महिलाओं के साथ बुरा हुआ है…

कोलकाता हाई के पूर्व जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय भाजपा में शामिल हो गए है। उन्होंने हाल…

2 months ago