ये हुआ था

गीता फोगाट ने राष्ट्रमंडल खेलों में भारत को दिलाया था कुश्ती का पहला स्वर्ण पदक

भारत को महिला कुश्ती के क्षेत्र में एक अलग पहचान दिलाने वाली पूर्व महिला पहलवान गीता फोगाट आज अपना 35वां जन्मदिन मना रही हैं। गीता ने वर्ष 2010 में आयोजित हुए राष्ट्रमंडल खेलों में फ्रीस्टाइल कुश्ती में भारत को पहला स्वर्ण पदक दिलाया था। वह पहली भारतीय महिला पहलवान हैं, जिसने ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक खेलों में कुश्ती के लिए क्वालीफाई किया। गीता अपनी मेहनत और लगन से जिस मुकाम पर पहुंचीं, उसने देश की करोड़ युवा लड़कियों के लिए प्रेरणा स्त्रोत का काम किया। उनके जीवन पर वर्ष 2016 में ‘दंगल’ नामक बॉलीवुड फिल्म बन चुकी हैं। इस ख़ास अवसर पर जानिए गीता फोगाट के जीवन के बारे में कुछ दिलचस्प बातें…

गीता फोगाट का जीवन परिचय

गीता फोगाट का जन्म 15 दिसंबर, 1988 को हरियाणा के भिवानी जिले के बलाली गांव में हुआ था। उनके पिता महावीर फोगाट है, जो पूर्व पहलवान और उनके कोच भी रहे हैं। उन्हें द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित किया गए। उनका बचपन से ही संघर्षों का सामना करना पड़ा। गीता फोगाट के तीन बहन और एक भाई हैं। वह अपनी बहनों में सबसे बड़ी हैं।

ये सभी बहनें पेशे से अपने पिता की तरह ही पहलवान हैं और रेसलिंग की दुनिया में ‘फोगाट सिस्टर्स’ के नाम से अपनी अलग पहचान रखती है। इनका एक भाई दुष्यंत फोगाट है, वो भी रेसलिंग की दुनिया में नाम कमाने के लिए प्रयासरत है।

गीता को कुश्ती के क्षेत्र में लाने का श्रेय उनके पिता को है। इसके लिए उनके पिता को बहुत संघर्ष करना पड़ा। उनके गांव के ​लोग बेटियों को बोझ समझते थे लेकिन उनके पिता ने अपनी बेटियों को पहलवानी का प्रशिक्षण दिया। शुरू में गांव के लोगों ने उनका विरोध किया लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी बेटियों को कुश्ती का प्रशिक्षण प्रदान किया। वह ऐसे परिवार से है जहां से एक परिवार के 6 सदस्य कुश्ती में है। जिसमें इनकी अपनी तीन बहन है बबीता, ऋतु तथा प्रियंका फोगाट और विनेश फोगाट इनके चाचा के बच्चे हैं।

कुश्ती में करियर

गीता की आरंभिक शिक्षा भिवानी में हुई। बाद में उन्होंने एमडीयू कॉलेज रोहतक से हुई। गीता ने करियर शुरुआत वर्ष 2009 के कॉमनवेल्थ पहलवानी चैम्पियनशिप से हुई, जो पंजाब के जालंधर में 19 से 21 दिसम्बर 2009 के बीच हुई थी। इसमें उन्होंने स्वर्ण पदक जीता। वह पहली पहलवान भारतीय महिला बन गई। गीता ने नेताजी सुभाष चन्द्र नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ स्पोर्ट्स, पटियाला से कोच ओ पी यादव से प्रशिक्षण लिया।

उन्होंने वर्ष 2009 का राष्ट्रमंडल कुश्ती चैम्पियनशिप, जिसमें 55 किलो ग्राम भार के पहलवानी में स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने इसके बाद वर्ष 2010 में राष्ट्रमंडल खेलों जो दिल्ली में आयोजित हुआ था। इसमें उन्होंने 55 किलो ग्राम भार वर्ग में स्वर्ण पदक जीता था। वर्ष 2011 में राष्ट्रमंडल कुश्ती चैम्पियनशिप हुई थी, जोकि लन्दन के मेलबर्न में हुई थी। इसमें गीता ने 56 किलो ग्राम वर्ग की प्रतियोगता में स्वर्ण पदक जीता था। वर्ष 2012 में उन्होंने एशियन चैम्पियनशिप प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीता। वर्ष 2013 में राष्ट्रमंडल कुश्ती चैम्पियनशिप खेलों में रजत पदक जीता था। उन्होंने वर्ष 2015 में दोहा एशियन चैम्पियनशिप प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीता।

निजी जीवन

गीता ने 20 नवंबर, 2016 को पहलवान पवन कुमार से शादी की। पवन गीता से पांच साल छोटे हैं।

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Rakesh Singh

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