राजनीति

बीजेपी को बहुमत दिखा रहे एग्जिट पोल्स की असलियत क्या है?

भारतीय जनता पार्टी ने 2019 के लोकसभा चुनावों को फ्रंट-रनर के रूप में शुरू किया। ऐसे में सातों चरणों के बाद अब एग्जिट पोल की हवा है। लगभग सभी एग्जिट पोल भाजपा को जितवा रहे हैं। मतदान के अंतिम दिन के बाद रविवार को आए लगभग हर बड़े एग्जिट पोल ने भविष्यवाणी की कि भाजपा के नेतृत्व वाला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन अगली सरकार बनाएगा।

इन एग्जिट पोल से यही लगता है कि सवाल अब ये नहीं है कि बीजेपी जीतेगी या नहीं। अब सवाल ये है कि बीजेपी कितनी सीटों से जीतेगी लेकिन ऐसा है नहीं। जो भी विश्लेषक हैं और एग्जिट पोल की जानकारी रखते हैं उनकी मानें तो एग्जिट पोल किसी तरह का प्रभावी विज्ञान नहीं होता है और अधिकतर गलत ही साबित होते हैं। रिजल्ट तो 23 को आएगा लेकिन फिलहाल इन एग्जिट पोल के आंकड़ों पर चर्चा की जा सकती है।

एग्जिट पोल हमेशा विश्वसनीय नहीं होते हैं। भारत इतना बड़ा देश है और इतनी बड़ी संख्या में वोटर्स भी हैं। ऐसे में बस एक छोटा सा नमूना लेना और उस पर पता लगाना कि कौन जीतेगा यह बेहद कठिन है।

इसके अलावा एग्जिट पोल की कार्यवाही काफी अपारदर्शी होती है। इसमें सैंपल साइज का भी अहम रोल होता है।  कुछ लोगों का तर्क है कि एग्जिट पोल समय के साथ और अधिक सटीक हो गए हैं। पिछले पांच साल एग्जिट पोल की गलत जानकारी से भरे हुए हैं।

फिर भी लगभग हर एग्जिट पोल ने एक ही रिजल्ट दिया है। यह महत्वपूर्ण है कि हर मतदान के बारे में बस इतना ही कहा जाए गया है कि भाजपा के नेतृत्व वाला एनडीए 272 आंकड़े को पार करेगा और सरकार उनकी ही बनेगी। एक्सिस से एग्जिट पोल ज्यादा हैरान करता है जिसने NDA गठबंधन को 368 सीटें तक बताई हैं जो 2014 की तुलना में 32 सीटें अधिक होगी।

एग्जिट पोल की बात करें तो हमें हमेशा ये कहा जाता है कि व्यक्तिगत सीटों को नहीं बल्कि ट्रेंड को वरीयता दो। सीटों पर वोट शेयर को नहीं देखा जाता।
यदि ट्रेंड को ही देखा जाना है तो मुख्य रूप से स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही अगले प्रधानमंत्री बनेंगे। फिलहाल ये ध्यान देने वाली बात है कि एग्जिट पोल के हिसाब से एनडीए चाहे 350 सीटें जीते या 272 सीटें सरकार तो बनाएंगे ही।

लेकिन अभी भी इन एग्जिट पोल पर संदेह बनता तो है। एग्जिट पोल के लिए तो सैंपल लिए जाते हैं वे काफी रॉ होते हैं। कुछ लोगों के रूझान और सैंपलिंग से सीटें डिसाइड की जाती हैं। यहां होता यही है कि लोकप्रिय धारणा असल मतदाता के रूझान को बयां नहीं कर पाती। मतदाता हमेशा साइलेंट होता है। ऐसे में कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो अपनी पसंद बताना जरूरी नहीं समझते।

वोट शेयर एक महत्वपूर्ण अंतर को बताता है। एक्जिट पोल पढ़ने के अन्य सिद्धांतों में से एक वोट शेयर डेटा को देखना है। किसी पार्टी में समर्थन की बढ़ोतरी को देखते हुए यह कहना काफी मुश्किल होता है कि ये समर्थन सीटों में बदल सकता है।

उदाहरण के लिए 2014 में उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी को 19% वोट मिले लेकिन उसने कोई भी सीट नहीं जीती। इस मामले में सभी प्रमुख चुनावों में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए और कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन के बीच वोट शेयर में महत्वपूर्ण अंतर का अनुमान है लेकिन बाद के वोटों में भी एक बड़ा उछाल आया है। वास्तव में, एग्जिट पोल आम तौर पर इस समय अन्य दलों के राष्ट्रीय गठबंधनों को एक उच्च संयुक्त हिस्सा दे रहे हैं।

भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए ने 2014 में सिर्फ नौ राज्यों से 252 सीटें जीतीं थी। उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, महाराष्ट्र में ये संख्या देखने को मिली। पिछले दिसंबर में विधानसभा चुनावों में बीजेपी तीन राज्यों में कांग्रेस से हार गई और यूपी में बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी गठबंधन का सामना करने जा रही थी।

उत्तर प्रदेश में विपक्ष मजबूत नजर आ रहा था, और लग यही रहा था कि भाजपा को उत्तर प्रदेश में ही सबसे ज्यादा नुकसान झेलना होगा। अधिकतर एग्जिट पोल ने यही दिखाया भी है।

Neha Chouhan

12 साल का अनुभव, सीखना अब भी जारी, सीधी सोच कोई ​दिखावा नहीं, कथनी नहीं करनी में विश्वास, प्रयोग करने का ज़ज्बा, गलत को गलत कहने की हिम्मत...

Leave a Comment

Recent Posts

रोहित शर्मा ने कप्‍तान हार्दिक पांड्या को बाउंड्री पर दौड़ाया।

रोहित शर्मा ने सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ फील्डिंग की सजावट की और कप्‍तान हार्दिक पांड्या…

2 months ago

राजनाथ सिंह ने अग्निवीर स्कीम को लेकर दिया संकेत, सरकार लेगी बड़ा फैसला

अग्निवीर स्कीम को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने…

2 months ago

सुप्रीम कोर्ट का CAA पर रोक लगाने से इनकार, केंद्र सरकार से मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को नागरिकता संशोधन कानून (CAA) रोक लगाने से इनकार कर दिया…

2 months ago

प्रशांत किशोर ने कि लोकसभा चुनाव पर बड़ी भविष्यवाणी

चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बड़ी भविष्यवाणी की है। प्रशांत…

2 months ago

सुधा मूर्ति राज्यसभा के लिए नामित, PM मोदी बोले – आपका स्वागत है….

आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इंफोसिस के चेयरमैन नारायण मूर्ति…

2 months ago

कोलकाता हाई कोर्ट के पूर्व जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने थामा भाजपा दामन, संदेशखाली पर बोले – महिलाओं के साथ बुरा हुआ है…

कोलकाता हाई के पूर्व जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय भाजपा में शामिल हो गए है। उन्होंने हाल…

2 months ago