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खगोलविदों ने शेयर की सूर्य की अनदेखी तस्वीरें, इस टेलीस्कोप से संभव हुआ यह नजारा

यूएस के खगोलविदों ने बुधवार को सूर्य की अशांत सतह की तस्वीर शेयर की जो कभी न देखी गई है। सीएनएन की खबरों के मुताबिक यह तस्वीर अमेरिका के हवाई द्वीप में स्थित डेनियल के इनौये सोलर टेलीस्कोप (DKIST) के माध्यम से देखी गई और इन्हें शेयर किया है। ये तस्वीर सूर्य के 30 किलोमीटर छोटे भाग को दिखा रही है। इसमें देखा जा सकता है कि सूर्य पॉपकॉर्न के उबलते हुए बर्तन की तरह दिख रहा है। एक पीले गोले की तरह दिख रहा है। जिसका डायमीटर 1.4 मिलियन किलोमीटर है और धरती से इसकी दूरी 149 मिलियन किलोमीटर है।

वहीं एएनआई के मुताबिक, जारी की गई तस्वीरों में प्लाज्मा दिख रहा है जो सूर्य को ढंके हुए है और उबलता हुआ प्रतीत होता है।

नेशनल साइंस फाउंडेशन शेयर किया वीडियो

नेशनल साइंस फाउंडेशन (एनएसएफ) निर्देशक फ्रांस कोर्डोवा ने कहा कि, ‘चूंकि एनएसएफ ने पृथ्वी पर स्थित डीकेआईएसटी टेलीस्कोप पर काम करना शुरू किया है और हम उससे प्राप्त होने वाली पहली तस्वीरों का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। हम तस्वीरें और वीडियो शेयर कर सकते हैं, जिससे सूर्य के बारे में और अधिक जानकारी मालूम हो सके। यह सौर सतह की अब तक की सबसे हाई रिजॉल्यूशन की तस्वीरें हैं। पहले हमें लगता था कि वह एक उज्ज्वल बिंदु-ढांचे की तरह दिखती है लेकिन अब वह कई छोटी-छोटी संरचनाओं में नजर आ रही है।”

उन्होंने आगे कहा, ‘एनएसएफ के इनौये सोलर टेलीस्कोप सूर्य के कोरोना के भीतर चुंबकीय क्षेत्रों का नक्शा बनाने में सक्षम होंगे, जहां सौर विस्फोट होते हैं। ये सौर विस्फोट पृथ्वी पर जीवन को प्रभावित कर सकते हैं। यह टेलीस्कोप अंतरिक्ष मौसम के बारे में हमारी समझ को बेहतर बनाएगा। पूर्वानुमानकर्ताओं को सौर तूफानों की बेहतर भविष्यवाणी करने में मदद करेगा।’

क्या है डेनियल के इनौये सोलर टेलीस्कोप (DKIST)

डेनियल के इनौये सोलर टेलीस्कोप (DKIST) दुनिया की सबसे बड़ी टेलीस्कोप मानी जाती है। DKIST एक नई सुविधा है, जो Haleakala में स्थित है। यह हवाई द्वीप के माउई (Maui) पर 3,000 मीटर ऊंचे ज्वालामुखी पर स्थित है। इसका 4 एम का प्राथमिक शीशा दुनिया के सभी सोलर टेलीस्कोप में सबसे बड़ा है।

डीकेआईएसटी का प्रयोग सूर्य की कार्यशैली के अध्‍ययन के लिए किया जा रहा है। इससे वैज्ञानिक सूर्य के गतिशील व्यवहार पर ताजा जानकारी जुटाते हैं। उन्हें उम्मीद है कि वह उसके ऊर्जावान आवेग की सही से भविष्‍यवाणी कर सकें, जिसे आमतौर पर ‘अंतरिक्ष का मौसम’ कहा जाता है। आवेशित कणों और चुंबकीय क्षेत्र के विशाल उत्सर्जन के कारण पृथ्वी के उपग्रहों को नुकसान पहुंचना, अंतरिक्ष यात्रियों को नुकसान पहुंचना, रेडियो संचार को कम करने और बिजली ग्रिडों को प्रभावित करने के लिए जाना जाता है।

DKIST सोलर ऑर्बिटर (सोलो) अंतरिक्ष वेधशाला का पूरक है, जिसे फ्लोरिडा में केप कैनाल से अगले हफ्ते लॉन्च किया जा रहा है। यह संयुक्त यूरोपीय-अमेरिकी जांच सतह से सिर्फ 42 मिलियन किलोमीटर दूर सूर्य के सबसे नज़दीकी सहूलियत बिंदु से तस्वीरें लेगा।

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Rakesh Singh

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