ये हुआ था

स्टार होने के बावजूद बस से सफ़र किया करते थे अभिनेता संजीव कुमार

अपने दमदार अभिनय से हिंदी सिनेमा जगत में अपनी एक अलग पहचान बनाने वाले अभिनेता संजीव कुमार की आज 38वीं डेथ एनिवर्सरी है। संजीव को बॉलीवुड में उनके संजीदा अभिनय के लिए जाना जाता था। उन्होंने करीब दो दशक तक सिने पर्दे पर राज किया। भले ही आज संजीव कुमार हमारे बीच नहीं हैं, मगर अपनी एक से बढ़कर एक फिल्मों के जरिए वे आज भी लोगों के दिलों में ज़िंदा हैं। इस ख़ास अवसर पर जानिए ​उनके जीवन के बारे में कुछ अनसुनी बातें…

बचपन से ही अभिनय के प्रति रहा रुझान

अभिनेता संजीव कुमार का जन्म 9 जुलाई, 1938 को महाराष्ट्र के मुंबई शहर में रह रहे एक गुजराती परिवार में हुआ था। उनका बचपन से ही अभिनय की तरफ रुझान था। फिल्मों में आने के लिए संजीव ने थियेटर को अपना जरिया बनाया था। अभिनेता बनने के अपने सपने को साकार करने के लिए यहां तक कि उन्होंने एक एक्टिंग स्कूल में एडमिशन तक ले लिया था। संजीव कुमार का असल नाम हरिहर जेठालाल जरीवाला था।

फिल्म ‘हम हिंदुस्तानी’ से शुरू हुआ था फिल्मी करियर

संजीव कुमार ने अपने सिने सफर की शुरुआत वर्ष 1960 में रिलीज़ हुई फिल्म ‘हम हिंदुस्तानी’ से की थी, जो बॉक्स ऑफिस पर कुछ ख़ास कमाल नहीं दिखा सकीं। करीब आठ वर्षों तक संजीव बॉलीवुड में अपनी पहचान बनाने के लिए संघर्ष करते रहे। इस दौरान उन्होंने ‘स्मगलर’, ‘पति पत्नी’, ‘हुस्न और इश्क़’, ‘बादल’, ‘नौनिहाल’, ‘गुनहगार’ जैसी फिल्मों में काम किया, लेकिन ये भी कुछ कमाल नहीं दिखा पाईं।

वर्ष 1968 में फिल्म ‘संघर्ष’ में संजीव पुलिस अफसर के रोल में नजर आए थे। यह फिल्म जरूर बॉक्स ऑफिस पर सफल साबित हुईं। इस फिल्म में संजीव ने दिलीप कुमार के साथ स्क्रीन साझा की थी। फिल्म की कामयाबी ने संजीव कुमार को बॉलीवुड में जबरदस्त पहचान दिलाने का काम किया।

इन फिल्मों से ने संजीव को दिलाई लोकप्रियता

अभिनेता संजीव कुमार की कुछ बेहतरीन फिल्मों की बात करें तो उनमें ‘आशीर्वाद’, ‘राजा और रंक’, ‘सत्यकाम’, ‘अनोखी रात’, ‘खिलौना’, ‘दस्तक’, ‘कोशिश’, ‘निशान’, ‘अनुभव’, ‘सीता और गीता’, ‘शोले’, ‘आंधी’, ‘त्रिशूल’, ‘मौसम’, ‘अंगूर’, ‘नमकीन’, ‘नया दिन और नई रात’, ‘शतरंज के खिलाड़ी’, ‘विधाता’, ‘हीरो’, ‘आपकी कसम’, ‘अनामिका’, ‘जिंदगी’, ‘गृह प्रवेश’, ‘सिलसिला’ जैसी कई फिल्में शामिल हैं। इन फिल्मों में मिली कामयाबी के जरिए संजीव हिंदी फिल्मों को देखने वाले दर्शक वर्ग के बीच ख़ासे लोकप्रिय हो गए। फिल्म ‘शोले’ में उनके ठाकुर बलदेव सिंह के किरदार को बच्चों से लेकर बुजुर्गों ने खूब पसंद किया।

संजीव ने अपनी पूरी ज़िंदगी अकेले रहकर ही बिताईं

बॉलीवुड अभिनेता संजीव कुमार ता-उम्र ही अकेले रहे। उन्होंने हेमा मालिनी को प्रपोज ​किया था, लेकिन हेमा ने उनका प्रपोजल ठुकरा दिया। धीरे-धीरे संजीव ने फिल्मों से दूरी बनाना शुरु कर दिया। उनके बारे में दिलचस्प बात ये है कि वह स्टार होने के बाद भी बसों में सफ़र किया करते थे। यहां तक कि उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी किराये के मकान में ही बिताईं। वह स्टार होने के बावजूद मुंबई में घर नहीं खरीद पाए थे। हालांकि, ऐसा नहीं था कि उनके पास पैसे नहीं थे, लेकिन अलग-अलग कारणों की वजह से उन्होंने ताउम्र घर नहीं खरीदा था।

वर्ष 1985 में 6 नवंबर के दिन अभिनेता संजीव कुमार का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। आपको जानकर हैरानी होगी मगर निर्माता-निर्देशक, संजीव की मौत के कुछ साल तक उनकी फिल्में रिलीज़ करते रहे। संजीव की मौत के बाद वर्ष 1993 में रिलीज़ हुई फिल्म ‘प्रोफेसर की पड़ोसन’ उनकी आखिरी फिल्म थीं।

Read: पृथ्वीराज कपूर ने थियेटर को बढ़ावा देने के लिए रखी थी पृथ्वी थिएटर की नींव

Raj Kumar

Leave a Comment

Recent Posts

रोहित शर्मा ने कप्‍तान हार्दिक पांड्या को बाउंड्री पर दौड़ाया।

रोहित शर्मा ने सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ फील्डिंग की सजावट की और कप्‍तान हार्दिक पांड्या…

1 month ago

राजनाथ सिंह ने अग्निवीर स्कीम को लेकर दिया संकेत, सरकार लेगी बड़ा फैसला

अग्निवीर स्कीम को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने…

1 month ago

सुप्रीम कोर्ट का CAA पर रोक लगाने से इनकार, केंद्र सरकार से मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को नागरिकता संशोधन कानून (CAA) रोक लगाने से इनकार कर दिया…

1 month ago

प्रशांत किशोर ने कि लोकसभा चुनाव पर बड़ी भविष्यवाणी

चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बड़ी भविष्यवाणी की है। प्रशांत…

1 month ago

सुधा मूर्ति राज्यसभा के लिए नामित, PM मोदी बोले – आपका स्वागत है….

आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इंफोसिस के चेयरमैन नारायण मूर्ति…

2 months ago

कोलकाता हाई कोर्ट के पूर्व जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने थामा भाजपा दामन, संदेशखाली पर बोले – महिलाओं के साथ बुरा हुआ है…

कोलकाता हाई के पूर्व जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय भाजपा में शामिल हो गए है। उन्होंने हाल…

2 months ago