रवि शास्त्री को ‘चैम्पियन ऑफ चैम्पियन्स’ का खिताब जीतने पर मिला था ये गिफ्ट

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पूर्व दिग्गज भारतीय खिलाड़ी रवि शास्त्री 27 मई को अपना 61वां जन्मदिन मना रहे हैं। शास्त्री अपने समय के मशहूर बल्लेबाज और स्पिन गेंदबाज रहे हैं। उन्होंने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में कई मौके पर टीम के लिए जीताऊ पारियां खेली और अपने नाम कई रिकॉर्ड दर्ज करवाए। शास्त्री ने महज 17 साल की उम्र में बॉम्बे रणजी टीम में जगह बना ली थी। वह 15 जुलाई, 2017 से नवंबर 2021 तक भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच भी रह चुके हैं। उनकी अबतक की जिंदगी काफी दिलचस्प रही है। इस खास अवसर पर जानिए रवि शास्त्री के बारे में कुछ अनसुनी बातें…

क्रिकेटर रवि शास्त्री का जीवन परिचय

पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी रवि शास्त्री का जन्म 27 मई, 1962 को महाराष्ट्र के मुंबई शहर में हुआ था। शास्त्री की प्रारम्भिक शिक्षा मुंबई के डॉन बास्को हाईस्कूल, माटुंगा में संपन्न हुईं। जब वह कक्षा 9वीं में पढ़ रहे थे, तब उनके विद्यालय की ओर से एक क्रिकेट टीम का चुनाव किया गया जिसमें उन्हें क्रिकेट खेलने का मौका मिला। यहीं से उन्होंने क्रिकेट को आगे जारी रखने का फैसला लिया और भारत के लिए खेलने का गौरव हासिल किया। उनके कोच देसाई सर ने उन्हें क्रिकेट सीखने में काफी मदद की थी।

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टेस्ट और वनडे क्रिकेट में किया देश का प्रतिनिधित्व

रवि शास्त्री ने अपने क्रिकेट कॅरियर की शुरुआत न्यूजीलैंड के खिलाफ वर्ष 1981 में टेस्ट खेलकर की। वहीं, उनका एकदिवसीय क्रिकेट का सफर वर्ष 1991 में इंग्लैंड के खिलाफ मैच से शुरू हुआ था। शास्त्री ने अपने क्रिकेट कॅरियर में भारत के लिए 80 टेस्ट मैच खेले। उन्होंने बतौर बल्लेबाज और गेंदबाज टीम को अपनी सेवाएं दीं। इस दौरान शास्त्री ने टेस्ट क्रिकेट में 35.79 के औसत से 3830 रन बनाए और 151 विकेट भी अपने नाम किए। उनके नाम टेस्ट क्रिकेट में 11 शतक और 12 अर्धशतक दर्ज हैं, जिसमें उनका सर्वोच्च स्कोर 206 भी शामिल है।

वहीं, एकदिवसीय क्रिकेट की बात करें तो रवि शास्त्री ने 150 मैच खेलते हुए 3108 रन बनाए और गेंदबाजी करते हुए 129 विकेट चटकाए। शास्त्री वर्ष 1983 की विश्व कप विजेता भारतीय टीम के हिस्सा थे। एक दिवसीय मैचोंं में उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 109 रन रहा, जिसमें 4 शतक और 18 अर्धशतक शामिल हैं। इसके अलावा शास्त्री का घरेलू क्रिकेट में भी रिकॉर्ड काफी अच्छा रहा और उन्होंने कई रिकॉर्ड अपने नाम किए।

जब शास्त्री ने ‘चैंपियन ऑफ चैंपियंस’ का खिताब जीता

रवि शास्त्री ने वर्ष 1985 में ऑस्ट्रेलिया में आयोजित हुई विश्व चैंपियनशिप ऑफ क्रिकेट में ‘चैम्पियन ऑफ चैम्पियन्स’ का खिताब अपने नाम किया था। उस समय शास्त्री को ऑडी 100 सिडान कार गिफ्ट के तौर पर मिली थी। शास्त्री ने इस टूर्नामेंट में ऑल राउंडर के तौर पर बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए पांच मैचों में 36 से ज्यादा के औसत से 182 रन बनाए और गेंदबाजी में भी अहम योगदान देते हुए आठ विकेट भी झटके थे।

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ख़ास ​’चपाती शॉट’ के लिए जाने जाते हैं शास्त्री

उल्लेखनीय है कि रवि शास्त्री ने भारत की ओर से छह गेंदों पर छह छक्के लगाने का सर्वप्रथम रिकॉर्ड कायम किया था। उन्होंने यह रिकॉर्ड रणजी ट्रॉफी में बड़ौदा के खिलाफ मुंबई की ओर से खेलते हुए बनाया। वेस्टइंडीज के गैरी सोबर्स के बाद शास्त्री दूसरे ऐसे बल्लेबाज बने थे, जिन्होंने प्रतिस्पर्धी क्रिकेट में लगातार छह गेंद पर छह छक्के जड़ने का अनोखा रिकॉर्ड बनाया। रवि शास्त्री अपने ​’चपाती शॉट’ के लिए भी जाने जाते हैं।

बतौर कोच रवि शास्त्री के मार्गदर्शन में टीम इंडिया ने कई सीरीज में जबरदस्त प्रदर्शन किया। उनकी कोचिंग के दौरान भारतीय टीम ने विदेशी धरती पर भी सीरीज जीतने का एक रिकॉर्ड भी कायम किया। भारतीय टीम ने साल 2019 में आयोजित हुए आईसीसी क्रिकेट विश्वकप में सेमीफाइनल तक का सफर तय किया था, तब शास्त्री ही टीम इंडिया के मुख्य कोच पद पद थे और उनकी कोचिंग का लाभ टीम को इस प्रतिष्ठित बड़े टूर्नामेंट में मिला।

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