मशहूर चित्रकार अमृता शेरगिल ने पंडित नेहरू को उनका पोट्रेट बनाने से कर दिया था मना

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आम तौर पर 28 साल की उम्र किसी के लिए करियर शुरू करने या उसे रफ्तार देने का समय होता है। मगर एक कलाकार ऐसी भी थीं, जिन्होंने 5 दिसंबर, 1941 को मात्र 28 साल की उम्र में ही इस दुनिया को अलविदा कह दिया था। हम बात कर रहे हैं भारत की मशहूर पेंटर अमृता शेरगिल (Amrita Sher-Gil) की। अमृता शेरगिल का जन्म 30 जनवरी, 1913 को बुडापेस्ट में डेन्यूब नदी के किनारे हुआ था। अमृता ने पेरिस से लेकर बुडापेस्ट, शिमला और लाहौर तक पढ़ाई करने के साथ ही चित्रकारी में भी काफी काम किया।

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इसके अलावा सरदारनगर में भी उन्होंने दो साल तक प्रवास किया, मगर इससे जुड़ी जानकारी कहीं भी मौजूद नहीं है। कहा जाता है कि यहां रहते हुए उन्होंने ‘वीमेन ऑन द चारपॉय’, ‘द ब्राइड’, ‘स्विंग’, ‘रेस्टिंग’,’लेडीज़ एन्क्लोज़र’ और ‘मदर इंडिया’ समेत अपने कलात्मक जीवन के कई महत्वपूर्ण चित्र बनाए। आधी हंगेरियन और आधी भारतीय अमृता का सफर भले ही छोटा हो, मगर इतने कम समय में ही उन्होंने दुनिया भर के कला जगत में अपनी पहचान बना ली थी। अमृता शेरगिल को भारत से बड़ा प्यार था। वो कहा करती थी कि भारत सिर्फ मेरा है। अमृता शेरगिल की 82वीं डेथ एनिवर्सरी के अवसर पर जानिए उनकी जिंदगी से जुड़े कुछ अनसुने किस्से…

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पहली पत्नी की मृत्यु के बाद मिला अंतोएनेत का साथ

अमृता शेरगिल के पिता सरदार उमराव सिंह मजेठिया पंजाब के एक पुराने जागीरदार परिवार से थे। उमराव सिंह को पढ़ने-लिखने के साथ साथ फ़ोटोग्राफी का भी बहुत शौक था। अपनी पहली पत्नी के देहांत के बाद उनकी मुलाक़ात हंगेरियन मूल की मारी अंतोएनेत से हुई। उन दिनों मारी भारत यात्रा पर थीं। वो खुद एक प्रशिक्षित ओपेरा सिंगर होने के साथ-साथ पियानो बजाने में भी प्रवीण थीं। कुछ मुलाकातों के बाद मारी और उमराव सिंह में नज़दीकियां बढ़ने लगी और फिर वर्ष 1912 में दोनों ने सिख रीति-रिवाजों से लाहौर में शादी कर ली।

अमृता ने दिखाया आम भारतीय का वास्तविक चित्रण

मशहूर पेंटर अमृता शेरगिल ने भारतीय आम लोगों के रंग रूप को कैनवास पर जगह दी। उन्होंने ब्राइड्स टॉयलेट जैसी पेंटिंग में भारत की सांवली त्वचा को बिना फूहड़ता के दिखाया। मशहूर पेंटर रवि वर्मा ने अपनी पेंटिंग्स में जहां पौराणिक चरित्रों के बहाने भारतीय कामुकता को दिखाया। वहीं अमृता शेरगिल इस काम में नए तौर तरीके लेकर आईं। उनका एक सेल्फ पोट्रेट बहुत प्रसिद्ध है जिसमें वो मुस्कुरा रही हैं। इस पोट्रेट में उन्होंने खुले कंधों वाला ड्रेस पहन रखा है। आजादी से पहले के भारत में इस तरह का पोट्रेट पेंट करना काफी साहस का काम था।

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काफी विवादास्पद था अमृता का निजी जीवन

अमृता शेरगिल के निजी जीवन के कई किस्से बहुत चर्चा में रहे। कई जगह दावा किया जाता है कि वो निम्फोमेनिया से पीड़ित थीं। बता दें कि यह एक ऐसी बीमारी है जिसमें शारीरिक संबंध बनाना किसी नशे की लत जैसा होता है। प्रसिद्ध लेखक खुशवंत सिंह ने उनके बारे में लिखा है, उन्होंने मन होने पर कई पुरुषों और स्त्रियों से संबंध बनाएं। उन्होंने यह भी बताया कि अमृता जब उनके परिवार से मिली तो खुशवंत की पत्नी के सामने ही उनके बेटे को अमृता ने बदसूरत कह दिया। इसके अलावा उन्होंने अपने कई न्यूड पोट्रेट भी खुद ही पेंट किए।

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पंडित नेहरू ने की थी पोट्रेट बनाने की गुज़ारिश

एक बार पंडित जवाहरलाल नेहरू ने भी अमृता शेरगिल से उनका पोट्रेट बनाने की गुज़ारिश की थी। मगर अमृता को वो इतने प्रभावी नहीं लगे कि कैनवस पर पेंट किए जाएं, इसलिए उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया। अमृता शेरगिल ने वर्ष 1938 में अपने चचेरे भाई विक्टर ईगन से शादी की। मगर इसके बाद भी उनके अफेयर के चर्चे आते रहे। वर्ष 1941 में वो अचानक से कोमा में चली गईं और कुछ ही समय के बाद उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। उनका निधन 5 दिसंबर, 1941 को हुआ। हालांकि, कुछ लोग कई बार इसके पीछे भी किसी साजिश का शक जाहिर कर चुके हैं।

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